आदि कैलास पर्यटक नहीं धार्मिक स्थल, गरिमा बनाए रखना आवश्यक
धारचूला के ग्रामीण आदि कैलास क्षेत्र में शटल सेवा शुरू करने के प्रस्ताव से आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि यह धार्मिक स्थल की गरिमा को नुकसान पहुंचाएगा। समिति के सदस्यों ने कहा कि यह पवित्रता और...

धारचूला। आदि कैलास क्षेत्र में शटल सेवा शुरू करने की चर्चा से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि आदि कैलास पर्यटक नहीं धार्मिक स्थल है। इसकी गरिमा बनाए रखना आवश्यक है। कहा कि अगर शटल सेवा शुरू होगी तो यह इस पवित्र धार्मिक स्थल की पवित्रता और प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ने का काम करेगी। कुटी व आदि कैलास विकास समिति के लोग तहसील मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान समिति के अध्यक्ष पुनीत सिंह कुटियाल, महासचिव नगेंद्र सिंह कुटियाल, कोषाध्यक्ष सुभाष कुटियाल ने कहा कि कैलास मंदिर एक प्राचीन हिन्दु तीर्थस्थल है, जो लोगों की आस्था का केंद्र है। कहा कि वर्ष 1971 में कुटी के ग्रामीण ने मंदिर की स्थापना की और तब से ही ग्रामीण मंदिर का रखरखाव आदि करते आ रहे हैं। जानकारी मिली है कि ज्योलिंगकोंग से पवित्र सरोवर तक पर्यटन विभाग शटल सेवा शुरू करने जा रहा है। कहा कि इस सेवा के शुरू होने से अंधाधुंध भीड़ बढ़ेगी। पूर्व में भी सड़क कनेक्टिविटी सुचारू होने के बाद कई पर्यटक निजी वाहन लेकर पवित्र सरोवर तक पहुंचे थे। यह धार्मिक स्थल के प्रति असम्मान है।
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