उत्तराखंड में बदलने वाला है पानी के बिल का सिस्टम, यहां जान लीजिए पूरी बात
उत्तराखंड में 12 साल बाद पानी के टैरिफ का सिस्टम बदलने जा रहा है। अब प्रॉपर्टी टैक्स की तरह ही पानी का बिल देना होगा। पानी की खपत के आधार पर ही बिल आएगा।

उत्तराखंड में 12 साल बाद नए वाटर टैरिफ पर काम शुरू हो गया है। इस बार नए टैरिफ में पानी के बिल को तय करने की अलग-अलग बेतरतीब व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। शहरों समेत गांवों के पेयजल उपभोक्ताओं के लिए पानी की कई अलग-अलग दरों की बजाय समानता लाई जाएगी।
प्रॉपर्टी टैक्स के आधार पर पानी बिल
सचिव पेयजल शैलेश बगोली ने निर्देश दिए कि पानी के नए टैरिफ में पुरानी सभी अव्यवहारिक चीजों को समाप्त किया जाए। पानी का टैरिफ ऐसा तैयार किया जाए, जिसे समझने में पेयजल उपभोक्ताओं को बहुत अधिक परेशान न होना पड़े। शहरों में सिर्फ प्रॉपर्टी टैक्स के आधार पर ही पानी के बिल की दरें तय होंगी। ग्रेविटी, हाईहेड और लोहेड के आधार पर पानी सप्लाई के अनुसार तय होने वाली दरों की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त होगी।
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में एक टोंटी, दो टोंटी, से लेकर चार टोंटी के आधार पर तय होने वाली पानी की चार दरों की व्यवस्था को भी समाप्त किया जाएगा। सिर्फ एक ही दर लागू होगी। शहर और गाँव के साथ ही एक तीसरा टैरिफ पेरी-अर्बन क्षेत्रों के लिए होगा। इस आधार पर घरेलू, गैर-घरेलू उपभोक्ताओं की पानी की दरें तय होंगी।
सालाना वृद्धि को कम करने पर जोर
अभी हर साल पानी के बिल में नौ से 11 प्रतिशत तक वृद्धि होती है। 2013 के बेस टैरिफ पर घरेलू में नौ और कमर्शियल में 11 प्रतिशत वृद्धि होती है। इस वृद्धि को पाँच प्रतिशत पर सीमित करने की तैयारी है। हालांकि बेस टैरिफ को शहर में 192 से 900 रुपए से बढ़ाकर 220 से 1200 रुपए तक किया जा सकता है। गाँव में दरें 117 रुपए से बढ़ाकर 140 रुपए तक हो सकती हैं। हालांकि अभी तैयारी सिर्फ ड्राफ्ट को फाइनल करने पर है। अंतिम निर्णय कैबिनेट से होगा। उससे पहले हर सप्ताह होने वाली तैयारी बैठक में इन दरों में बदलाव जारी है।
पानी की खपत के अनुसार तय होगा बिल
मीटर से जुड़े लोगों को खपत के अनुसार बिल मिलेगा। 20 किलोलीटर पानी निशुल्क होगा। इससे ऊपर खपत पर 40 रुपये प्रति किलोलीटर के अनुसार बिल तय होगा। वाटर मीटर वाले कनेक्शन में वॉल्यूमेट्रिक चार्ज के हिसाब से बिल तय होगा।
सभी एजेंसियों पर लागू होगा नया टैरिफ
राज्य का नया वाटर टैरिफ सभी पेयजल एजेंसियों पर एक समान रूप से लागू होगा। जल संस्थान के साथ ही जल निगम, ग्राम सभाओं और भविष्य में यूयूएसडीए के स्तर पर संचालन करने वाली एजेंसियों पर भी यही टैरिफ लागू होगा। ग्राम सभाओं के संचालन वाली योजनाओं पर भी यही टैरिफ लागू होगा। अभी तक पानी का बिल सिर्फ जल संस्थान के स्तर से ही वसूला जाता है।
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