छात्र-छात्राओं को नवाचार और अनुसंधान के लिए प्रेरित किया
श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में एआई और एमएल के अनुप्रयोग पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो एनके जोशी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला की शुरुआत की। विशेषज्ञों ने छात्रों को...
श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय बादशाहीथौल टिहरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई व एमएल) के अनुप्रयोग विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनके जोशी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। कुलपति प्रो जोशी ने अपने सम्बोधन में इस मौके पर कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधुनिक युग की आवश्यक तकनीकें हैं, जो कि शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, कृषि और उद्योग जैसे अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को नवाचार एवं अनुसंधान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज का युग तकनीकी नवाचारों का युग है।
एआई और एमएल अब केवल शोध या विज्ञान की अवधारणाएं नहीं रहीं, बल्कि ये हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही हैं। स्मार्टफोन से लेकर स्मार्ट सिटी तक, हर जगह इन तकनीकों की उपयोगिता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। प्रो जोशी ने बताया कि वर्तमान में मशीन लर्निंग का प्रयोग कृषि में फसल पूर्वानुमान, स्वास्थ्य क्षेत्र में रोग पहचान और शिक्षा में व्यक्तिगत शिक्षण के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला छात्र-छात्राओं को नई सोच और दृष्टिकोण के साथ भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगी। विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए ज्ञानवर्धक होती हैं। कार्यशाला में उत्तरांचल यूनिवर्सिटी से आये विशेषज्ञ वक्ता मोहित कुमार और एल्ड्रिन मेनन ने अपने विचार प्रस्तुत किए। सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ मोहित कुमार ने स्मार्ट जीवन के लिए मशीन लर्निंग के अनुप्रयोग विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे मशीन लर्निंग के माध्यम से जीवन को अधिक सहज, सुरक्षित और कुशल बनाया जा सकता है। एआई विशेषज्ञ एल्ड्रिन मेनन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने एआई की मूल अवधारणाओं इसके ऐतिहासिक विकास और वर्तमान समय में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में छात्र-छात्राओं के लिए एक हैंड्स ऑन ट्रेनिंग सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें एआई एवं एमएल के व्यावहारिक प्रयोग सिखाए गए। इस प्रशिक्षण ने विद्यार्थियों को तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम संयोजक और बीसीए समन्वयक डा गौरव वार्ष्णेय द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य, संरचना एवं विशेषज्ञों के योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन सहायक परीक्षा नियंत्रक डा हेमन्त बिष्ट ने किया। इस अवसर पर सहायक कुल सचिव विजय रणवीर सिंह, सहायक कुल सचिव प्रमोद बेंजवाल, निजी सचिव कुलपति वरुण डोभाल, राहुल सुयाल, संजय तिवारी, यतिन आर्या, शिखा वार्ष्णेय, आशीष उनियाल, मोनिका यादव, संजीव सेमवाल, दीपक उपाध्याय, कुलदीप नेगी आदि मौजूद रहे।
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