मणिपुर में 44 विधायक नई सरकार बनाने को तैयार, भाजपा नेता का दावा; राज्यपाल से की मुलाकात
मई 2023 में शुरू हुए मेइती और कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय संघर्ष से निपटने के उनके सरकार के तरीके को लेकर आलोचनाओं के बीच बीरेन ने इस्तीफा देने का फैसला लिया था।

मणिपुर में भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम सिंह ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात के बाद दावा किया कि 44 विधायक नई सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। राधेश्याम सिंह ने नौ अन्य विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “44 विधायक जनता की इच्छा के अनुसार सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। हमने राज्यपाल को यह बता दिया है। हमने इस मुद्दे के लिए क्या समाधान हो सकते हैं, इस पर भी चर्चा की।” उन्होंने कहा, "राज्यपाल ने हमारी बातों पर गौर किया और लोगों के सर्वोत्तम हित में कार्रवाई शुरू करेंगे।"
भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व निर्णय लेगा- राधेश्याम सिंह
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार बनाने का दावा करेंगे, तो उन्होंने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व निर्णय लेगा। विधायक ने कहा, “हालांकि, यह बताना कि हम तैयार हैं, सरकार बनाने का दावा पेश करने जैसा है। विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत ने 44 विधायकों से व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से मुलाकात की है। किसी ने भी नयी सरकार के गठन का विरोध नहीं किया है।” उन्होंने कहा, "लोगों को बहुत अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में कोविड के कारण दो साल बर्बाद हो गए थे और इस कार्यकाल में संघर्ष के कारण दो और साल बर्बाद हो गए हैं।"
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है
भाजपा नेता एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। मई 2023 में शुरू हुए मेइती और कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय संघर्ष से निपटने के उनके सरकार के तरीके को लेकर आलोचनाओं के बीच बीरेन ने इस्तीफा देने का फैसला लिया था।
60 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 59 विधायक
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 59 विधायक हैं। एक सीट एक विधायक के निधन के कारण रिक्त है। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में कुल मिलाकर 44 विधायक हैं, जिसमें 32 मेइती, तीन मणिपुरी मुस्लिम और नौ नगा विधायक हैं। कांग्रेस के पांच विधायक हैं - सभी मेइती हैं। शेष 10 विधायक कुकी हैं - उनमें से सात ने पिछला चुनाव भाजपा के टिकट पर जीता था, दो कुकी पीपुल्स अलायंस के हैं, और एक निर्दलीय विधायक है।
एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने की राज्यपाल से चर्चा
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा की और उनसे ग्वालताबी की घटना के समाधान के लिए प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया। पिछले सप्ताह ग्वालताबी की घटना को लेकर मेइती बहुल इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
यह आरोप लगाया गया था कि सुरक्षा बलों ने उस सरकारी बस को ग्वालताबी जांच चौकी के पास रोक लिया था जिस पर 20 मई को उखरूल जिले में शिरुई लिली उत्सव को कवर करने के लिए जा रहे पत्रकार सवार थे। आरोप यह भी है कि सुरक्षा बलों ने सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) के कर्मचारियों को बस के शीशे पर लिखे राज्य के नाम को सफेद कागज से ढकने के लिए मजबूर किया था।
देर रात प्रेस वार्ता में सिंह ने कहा, ‘‘आज मैंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की। मैंने राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में उनसे चर्चा की और कुछ बिंदु सुझाए। उन्होंने मेरी बात सुनी और प्रदर्शनकारियों को आमंत्रित करके मौजूदा संकट को हल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी। मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा।’’