Unemployed people stuck after installing solar plants in mountains what is reason for not getting subsidy uttarakhand पहाड़ में सोलर प्लांट लगाकर फंसे बेरोजगार, उत्तराखंड में सब्सिडी नहीं मिलने की क्या वजह?, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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पहाड़ में सोलर प्लांट लगाकर फंसे बेरोजगार, उत्तराखंड में सब्सिडी नहीं मिलने की क्या वजह?

सोलर प्लांट लगने के बाद 150 के करीब लोगों ने केंद्र की स्कीम के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन किया। लेकिन केंद्र सरकार ने बीच में ही योजना को बंद कर दिया।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, हिन्दुस्तानTue, 29 April 2025 12:20 PM
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पहाड़ में सोलर प्लांट लगाकर फंसे बेरोजगार, उत्तराखंड में सब्सिडी नहीं मिलने की क्या वजह?

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की बंजर जमीनों पर केंद्र की इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम और राज्य की एमएसएमई नीति के तहत सोलर प्लांट लगाने वाले राज्य के कई युवा फंस गए हैं। प्लांट लगने के चार साल बाद भी सब्सिडी न मिलने से उनके सामने बैंक करप्ट होने की नौबत आ गई है।

उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा अभिकरण ने टेंडर के जरिए 250 मेगावाट सोलर प्लांट आवंटित किए थे। उसमें उल्लेख किया गया था कि योजना के तहत लगने वाले सोलर प्लांट को केंद्र की इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम या फिर राज्य की एमएसएमई नीति के तहत सब्सिडी दी जाएगी।

प्लांट लगने के बाद 150 के करीब लोगों ने केंद्र की स्कीम के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन किया। लेकिन केंद्र सरकार ने बीच में ही योजना को बंद कर दिया। निवेशक राज्य की सब्सिडी के लिए आवेदन नहीं कर पाए। जिससे वह राज्य व केंद्र दोनों की ही सब्सिडी से वंचित रह गए हैं।

उद्योग महानिदेशक ने शासन को लिखा पत्र

सोलर निवेशकों की समस्या सामने आने के बाद उद्योग महानिदेशक प्रतीक जैन ने शासन को इस संदर्भ में पत्र लिखकर दिशा निर्देश देने का अनुरोध किया है। लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी इस संदर्भ में शासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। ऐसे में अक्षय ऊर्जा एसोसिएशन की ओर से इस संदर्भ में मुख्यमंत्री धामी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव को पत्र लिखा गया है।

केंद्रीय सब्सिडी में ज्यादा मिलना था अनुदान

अक्षय ऊर्जा एसोसिएशन के महासचिव मनीष सिंह ने बताया कि केंद्र की इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट स्कीम के तहत निवेश पर प्रोजेक्ट का 30 प्रतिशत या अधिकतम पांच करोड़ तक की सब्सिडी थी। जबकि राज्य की नीति के तहत प्रोजेक्ट का 40 प्रतिशत तक या अधिकतम 40 लाख की सब्सिडी का नियम था। ऐसे में लोगों ने केंद्र की सब्सिडी चुनी लेकिन योजना बंद होने से अब युवाओं के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।

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