आवासीय विद्यालय की छात्राओं और अभिभावकों ने चकराता-कालसी मार्ग पर लगाया जाम
- बच्चों और अभिभावकों ने पहले विद्यालय और बाद में चकराता कालसी मार्ग पर लगाया जाम

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय कोरुवा में प्रधानाचार्या की ओर से छात्राओं के साथ की गई मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को अभिभावकों के विद्यालय पहुंचने पर छात्राओं ने आपबीती सुनाई तो परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। प्रधानाचार्या की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बालिकाओं व उनके अभिभावकों ने पहले तो स्कूल परिसर में हंगामा किया। इसके बाद छात्राओं और अभिभावकों ने दो घंटे तक चकराता-कालसी मार्ग पर जाम लगाए रखा। देर शाम मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी विकासनगर भास्कर लाल शाह के लिखित आश्वासन पर जाम खोला गया। गुरुवार को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली 142 छात्राओं ने स्कूल की प्रिंसिपल, वार्डन दीपमाला रावत पर उनसे बेवजह मारपीट की शिकायत की थी। उनका आरोप था कि प्रिंसिपल उन्हें बेवजह पीटती हैं और दो दिन पूर्व उन्होंने उनको इतना मारा की शरीर पर नीले निशान तक पड़ गए। छात्राओं की शिकायत पर शुक्रवार सुबह परिजन स्कूल पहुंचे तो छात्राएं उनसे लिपट कर रोने लगीं। छात्राओं ने परिजनों को जब आपबीती सुनाई तो परिजनों का गुस्सा फूट गया और उन्होंने प्रधानाचार्या का घेराव किया। इस दौरान सभी छात्राएं स्कूल से बाहर आ गईं और प्रिंसिपल, लेखाकार और चौकीदार को हटाए जाने की मांग करने लगीं। छात्राओं ने कहा कि जब तक प्रिंसिपल और अन्य परेशान करने वाले स्टाफ को नहीं हटाया जाता है तब तक वह न तो हॉस्टल में जाएंगी न खाना खाएंगी। छात्राएं सुबह से दोपहर तक भूखी प्यासी हॉस्टल के बाहर बैठी रहीं। दोपहर को नायब तहसीलदार मनोहर लाल अंजुवाल मौके पर पहुंचे और उन्होंने छात्राओं को समझा बुझा कर खाना खिलाया। इसके बाद चकराता थाने से पहुंचे सब इंस्पेक्टर युद्धवीर सिह, राजकीय इंटर कॉलेज कोरुवा के प्रधानाचार्य जगदीश सिंह सजवाण, नायब तहसीलदार मनोहर लाल अंजुवाल ने मामले की संयुक्त प्रारंभिक जांच की। जिसकी रिपोर्ट उन्होंने सीईओ देहरादून को भेजने की बात कही। इसी दौरान प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ मौके से निकल गया। जिस पर छात्राओं व अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पुलिस प्रशासन व हॉस्टल प्रबंधन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए चकराता-कालसी मार्ग पर जाम लगा दिया। जिससे मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। गुस्साईं छात्राएं और परिजन प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे सीओ विकासनगर व थानाध्यक्ष चकराता ने प्रदर्शन कर रहे बच्चों व उनके अभिभावकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह प्रधानचार्या की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। सीओ की ओर से कार्रवाई का लिखित आश्वासन देने और हॉस्टल में महिला कांस्टेबल की तैनाती करने पर वे शांत हुए और यातायात सुचारु हो पाया।
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