अक्षय तृतीया आज, जानें लक्ष्मी पूजन व खरीदारी का मुहूर्त, राहुकाल और किन चीजों का करें दान
गज केसरी व सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ बुधवार को देशभर में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन बिना मुहुर्त के ही मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया के पर्व पर तीन विशिष्ट योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व बढ़ रहा है।

Akshaya tritiya 2025: वैशाख मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन त्रेता युग का आरंभ और भगवान परशुराम का अवतार हुआ था। पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल की शाम 5:31 बजे आरंभ होकर 30 अप्रैल को पूरे दिन रहेगी। अक्षय तृतीया पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा और पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। देवगुरु बृहस्पति भी चंद्रमा के साथ स्थित रहकर गज केसरी योग का निर्माण कर रहे हैं। लक्ष्मी नारायण राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अक्षय योग का निर्माण भी इस दिन देखने को मिलेगा। उदयातिथि के अनुसार, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है। इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ, वाहन खरीदना आदि कार्य बिना मुहूर्त देखे किए जा सकते हैं। इस दिन स्वर्ण आभूषणों की खरीदारी का विशेष महत्व है। लक्ष्मी पूजन का समय सुबह 7:19 से 8:58 बजे तक रहेगा। उसके बाद 10:37 बजे से 12 बजे तक शुभ चौघड़िया मुहुर्त रहेगा। दोपहर 12 से 1:30 बजे तक राहुकाल में खरीदारी से बचना चाहिए।
पूजन मुहूर्त
●सुबह 5 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक
●लक्ष्मी पूजन का समय सुबह 7:19 बजे से 8:58 बजे तक
●चर चौघड़िया प्रातः 10:37 बजे से 12:16 बजे तक
●अमृत चौघड़िया दोपहर 1:56 बजे से 3:35 बजे तक
खरीदारी के शुभ मुहूर्त
●पूर्वाह्न 11:36 से 12:24 तक अभिजीत मुहूर्त में
●अपराह्न 3 बजे से सूर्यास्त तक और लाभ बेला में खरीदारी उत्तम रहेगी
●दोपहर 12: 16 बजे से 1:30 बजे तक राहुकाल में खरीदारी से बचें
ज्योतिषाचार्य पं. विकास शास्त्री के अनुसार सर्वाथ सिद्धि योग में किए गए सभी काम, जप, तप सिद्ध हो जाते हैं। रवि योग में सूर्य का प्रभाव अधिक होता है और यह शुभ कार्यों को सफल बनाने में मदद करता है। वहीं, शोभन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी के पूजन का विधान है। इस दिन लोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करके जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति कर सकते हैं। अक्षय तृतीया के दिन तांबे के पात्र में जल भरकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सूर्य मजबूत होता है। इससे पद-प्रतिष्ठा मिलती है और आर्थिक समस्याएं कम होती हैं। इस दिन गुड़, चावल, जल, वस्त्र, अन्न, सोना, चांदी और घी आदि का दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है।