Delayed Textbooks Impact Monthly Exams for Students in Dhanbad Schools किताबें नहीं, दो महीने में मात्र तीन चैप्टर की होगी पढ़ाई, Dhanbad Hindi News - Hindustan
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किताबें नहीं, दो महीने में मात्र तीन चैप्टर की होगी पढ़ाई

धनबाद में सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों को नए सत्र की शुरुआत के बावजूद नई किताबें नहीं मिली हैं। पुरानी किताबों से पढ़ाई हो रही है, लेकिन सभी छात्रों को यह किताबें नहीं मिल पाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादWed, 30 April 2025 05:53 AM
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किताबें नहीं, दो महीने में मात्र तीन चैप्टर की होगी पढ़ाई

धनबाद, मुख्य संवाददाता सरकारी स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का नया सत्र तीन अप्रैल से विधिवत शुरू हो गया है। सत्र का पहला महीना बीतने को है, फिर भी छात्र-छात्राओं को नई किताबें नहीं मिली हैं। पुरानी किताबों से किसी तरह से पढ़ाई हो रही है, लेकिन पुरानी किताबें भी सभी छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पाई हैं। ससमय किताबें नहीं मिलने का असर मासिक परीक्षा रेल प्रोजेक्ट पर पड़ती दिख रही है।

किताबें नहीं मिलने के कारण पहली से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं का मासिक टेस्ट प्रोजेक्ट रेल जून से शुरू होगा। अप्रैल व मई में मासिक टेस्ट नहीं लिया जाएगा। अप्रैल से 10 जून तक (गर्मी छुट्टी समेत) पहली से आठवीं के छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों में अधिकतम दो से तीन चैप्टर की ही पढ़ाई हो पाएगी। बताते चलें कि तीन अप्रैल से शुरू नए सत्र की पढ़ाई 21 मई तक होनी है। 22 मई से गर्मी छुट्टी शुरू होगी। चार जून को स्कूल खुलेगा। इस कारण 11 जून को पहला मासिक टेस्ट लिया जाएगा।

जेसीईआरटी ने साल भर के लिए मासिक टेस्ट का शिड्यूल जारी कर दिया है। सत्र 2025-26 से साप्ताहिक टेस्ट बंद करके मासिक परीक्षा लेने की घोषणा की गई है। पूरे साल में आठ ही मासिक टेस्ट लिया जाएगा। मामले में जानकारों का कहना है कि मई के पहले सप्ताह से बच्चों को नई किताबें मिलने की शुरुआत हो जाएगी। झारखंड शिक्षा परियोजना धनबाद को 2,27,925 सेट किताब मिलेगी। उसके बाद पढ़ाई में तेजी आएगी। गर्मी छुट्टी तक निर्धारित सिलेबस को पूरा करने का लक्ष्य शिक्षकों ने रखा है।

शिड्यूल के आधार पर ही विभाजित पाठ्यक्रम जारी किया गया है। शिक्षकों का कहना है कि साल भर उपयोग करने के बाद पुरानी किताबें पढ़ने लायक नहीं रहती हैं। इस कारण पूरी लय में पढ़ाई शुरू होने में अभी विलंब है। ज्ञानसेतु की किताबें भी सभी बच्चों को नहीं मिल पाई हैं।

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