Pradosh Vrat: गुरु प्रदोष व्रत कल, जानें शिव पूजन मुहूर्त, भोग, मंत्र, विधि व व्रत पारण का समय
- Guru Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन प्रदोष व्रत होने से शिव जी के साथ श्रीहरि की कृपा पाने का शुभ संयोग बन रहा है। जानें गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त, भोग व व्रत पारण का समय-

Guru Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित माना गया है। हर महीने के कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस तरह से साल में कुल 24 प्रदोष व्रत आते हैं। इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली का आगमन होता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को गुरु प्रदोष व्रत रखा जाएगा। गुरु प्रदोष व्रत 10 अप्रैल 2025 को है। जानें पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग व महत्व-
प्रदोष व्रत तिथि: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 09 अप्रैल 2025 को रात 10 बजकर 55 मिनट पर प्रारंभ होगी और 11 अप्रैल 2025 को सुबह 01 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि में प्रदोष व्रत 10 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा।
शिव पूजन मुहूर्त- प्रदोष व्रत में भगवान शिव का पूजन प्रदोष काल में अत्यंत शुभ माना गया है। गुरु प्रदोष व्रत पर शिव पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 44 मिनट से रात 08 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष काल व्याप्त रहेगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि- सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव का जलाभिषेक करें। उन्हें अक्षत, फूल, माता, फल, धतूरा, शहद, दही, दूध व हल्दी आदि अर्पित करें। भगवान शिव को भोग लगाएं। आरती उतारें। शिव चालीसा का पाठ करें।
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत करने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है। शादी-ब्याह से जुड़ी अड़चनें दूर होती हैं। जन्मकुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति में सुधार होता है।
भोग- प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को सफेद रंग की चीजों का भोग लगाना शुभ माना गया है। आप शिव जी को पंचामृत, सफेद मिठाई जैसी बर्फी, मखाने या चावल की खीर का भोग लगा सकते हैं।
भगवान शिव के मंत्र-
1. ऊं नम: शिवाय
2. ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
गुरु प्रदोष व्रत पारण का समय- गुरु प्रदोष व्रत पारण का शुभ समय 11 अप्रैल 2025 को सुबह 6 बजे के बाद रहेगा। प्रदोष व्रत का पारण सूर्योदय के बाद करना उत्तम माना गया है।