Nautapa 2025 Dates know here nautapa kab hai do and dont and daan list Nautapa 2025: मई में कब से शुरू होंगे नौतपा? जानें क्या करें-क्या नहीं व दान लिस्ट, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Nautapa 2025: मई में कब से शुरू होंगे नौतपा? जानें क्या करें-क्या नहीं व दान लिस्ट

nautapa 2025 Start Date: नौतपा ज्येष्ठ माह में लगते हैं। नौतपा के नौ दिनों की अवधि में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। जानें इस साल मई में कब से शुरू होंगे नौतपा-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 19 May 2025 03:52 PM
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Nautapa 2025: मई में कब से शुरू होंगे नौतपा? जानें क्या करें-क्या नहीं व दान लिस्ट

Nautapa 2025: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो नौतपा प्रारंभ होते हैं और सूर्य के मृगशिरा नक्षत्र में आने पर समाप्त होते हैं। नौतपा की अवधि 09 दिन की होती है, जब धरती का तापमान सबसे अधिक होता है। इस साल नौतपा 25 मई से शुरू होगा और 08 जून को समाप्त होगा। ज्येष्ठ माह के इन 9 दिनों में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है। जानें नौतपा से जुड़ी अन्य खास बातें-

नौतपा की तिथि कब से कब तक है: ग्रहों के राजा सूर्य 25 मई को सुबह 03 बजकर 27 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे 15 दिन तक इस नक्षत्र में रहने के बाद 08 जून को मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। जानकारों का मानना है कि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में होने से उनकी किरणें धरती पर सीधी और तेज पड़ती हैं, यही कारण है कि इस अवधि में गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलता है।

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नौतपा में क्या करें और क्या नहीं-

1. नौतपा के दौरान हर दिन भगवान सूर्य को जल अर्पित करें और ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।

2. इस दिनों गरीब या जरूरतमंद को अपनी सामर्थ्यनुसार अन्न, वस्त्र, फल, जल या धन का दान करना चाहिए।

3. नौतपा के दौरान राहगीरों को पानी पिलाना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।

4. इन दिनों में लहसुन, प्याज आदि तामसिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

नौतपा में करें इन चीजों का दान- नौतपा के 9 दिनों में दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। इस अवधि में मौसमी फल, सत्तू, सूती वस्त्र, मटका, हाथ का पंखा, छाता व जल का दान करना लाभकारी होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जन्मकुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।

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नौतपा का ज्योतिषीय संबंध- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब रोहिणी नक्षत्र में सूर्य प्रवेश करते हैं, तो गर्मी बढ़ जाती है। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र हैं। शुक्र व सूर्य के बीच शत्रुता का भाव है। शुक्र व सूर्य के एक साथ आने से गर्मी अधिक पड़ती है। नौतपा के समय सूर्य पृथ्वी के निकट होता है। इसलिए सूर्य की किरणें धरती पर सीधी व तेज पड़ती हैं।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।