Shani Jayanti: कल है शनि जयंती व बड़ा मंगल, शनि साढ़ेसाती व ढैय्या वाले जरूर करें ये उपाय
Shani Jayanti 2025 Bada Mangal: इस वर्ष शनि जयंती पर कृतिका और रोहिणी नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग बन रहा है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, उनके लिए इस दिन शनि की पूजा विशेष लाभकारी रहेगी।

Shani Jayanti 2025 Bada Mangal, कल है शनि जयंती व बड़ा मंगल: इस बार ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगल को अमावस्या पर शनि जयंती पड़ रही है। ज्योतिष में शनि देव को न्याय का देवता, कर्मफलदाता और दंडाधिकारी बताया गया है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, उनके लिए इस दिन शनि की पूजा विशेष लाभकारी रहेगी। शनि देव सूर्य देव और छाया के पुत्र हैं। मान्यता है कि शनि देव की उनकी जयंती के दिन पूजा अर्चना से शनिदेव विशेष कृपा करते हैं। इस दिन दान-दक्षिणा का विशेष महत्व होता है।
शुभ योग: ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के अनुसार, अमावस्या तिथि की शुरुआत सोमवार दोपहर 12:11 बजे पर हुई। तिथि का समापन मंगलवार सुबह 8:31 बजे पर होगा। इस वर्ष शनि जयंती पर कृतिका और रोहिणी नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग बन रहा है।
शनि साढ़ेसाती व ढैय्या वाले जरूर करें ये उपाय: ज्योतिषाचार्य पं. आनंद दुबे के अनुसार, शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा करने से साढ़ेसाती और शनि की पीड़ा से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि इस खास योग में शनिदेव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती कुंभ, मीन एवं मेष राशि पर चल रही है। सिंह और धनु पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है या जिन व्यक्तियों की कुडंली में शनि अशुभ स्थिति में हो या पीड़ित हो तो उन्हें शनि को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष की पूजा, पीपल के नीचे सरसो के तेल का दिया जलाना चाहिए। इस दिन पीपल के पेड़ और शनि शिला पर सरसों का तेल चढ़ाएं। काले तिल, लोहे की चीज, काला कपड़ा, काला सामान, छतरी, उड़द की दाल, उड़द आदि का दान भी कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।