Sheetala Ashtami 2025 date know mata sheetla puja vidhi muhurat bhog and mantra Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी की पूजा कब होगी? जानें पूजा मुहूर्त, भोग विधि व मंत्र, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी की पूजा कब होगी? जानें पूजा मुहूर्त, भोग विधि व मंत्र

  • Sheetala Ashtami 2025 Date in India: चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता शीतला की पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है व लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। जानें शीतला अष्टमी कब है और पूजा विधि, मुहूर्त, भोग व मंत्र-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 21 March 2025 08:21 AM
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Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी की पूजा कब होगी? जानें पूजा मुहूर्त, भोग विधि व मंत्र

Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा का विधान है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा या बसोड़ा भी कहा जाता है। यह पर्व होली के आठ दिन बाद आता है। कुछ लोग होली के पहले सोमवार या शुक्रवार को शीतला अष्टमी का पर्व मनाते हैं। शीतला अष्टमी का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, गुजरात व राजस्थान में ज्यादा लोकप्रिय है।

बसोड़ा पर्व की परंपरा के अनुसार, इस दिन घरों में भोजन पकाने के लिए अग्नि नहीं जलाई जाती है। शीतला अष्टमी के दिन बासी भोजन का सेवन करते हैं। मान्यता है कि देवी शीतला चेचक व खसरा आदि रोगों से नियंत्रित करती हैं। इन रोगों से प्रकोप से सुरक्षा हेतु पूजा करते हैं।

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शीतला अष्टमी कब से कब तक: हिंदू पंचांग के अनुसार, शीतला अष्टमी 22 मार्च 2025 को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ होगी और शीतला अष्टमी का समापन 23 मार्च 2025 का सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा।

शीतला अष्टमी पूजन मुहूर्त- शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से शाम 06 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 12 घंटे 11 मिनट तक रहेगी।

शीतला अष्टमी पूजन शुभ चौघड़िया मुहूर्त-

शुभ - उत्तम: 07:54 ए एम से 09:25 ए एम

लाभ - उन्नति: 01:59 पी एम से 03:31 पी एम

अमृत - सर्वोत्तम: 03:31 पी एम से 05:02 पी एम

शीतला अष्टमी की पूजा कैसे करें-

शीतला अष्टमी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद मां शीतला को जल अर्पित करें। इसके बाद उन्हें अक्षत, हल्दी, मेहंदी, रोली व कलावा आदि अर्पित करें। माता शीतला की धूप, दीप से पूजा करें और उनकी आरती उतारें। शीतलाष्टक स्रोत का पाठ करें। मां को भोग लगाएं और प्रसाद को परिवार के सदस्यों में वितरित करें।

शीतला अष्टमी मंत्र- शीतला अष्टमी के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद माता शीतला का ध्यान करके ॐ ह्रीं श्रीं शीतलाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

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माता शीतला का भोग- माता शीतला को भोग में बासी भोजन के अलावा बासी हलवा, पूड़ी, बाजरे की रोटी व पुए आदि का भोग लगाया जा सकता है। नाम के अनुसार माता शीतला को शीतल वस्तुएं ही प्रिय हैं।