Vaishakha Purnima : वैशाख पूर्णिमा पर लिया था भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार
वैशाख पूर्णिमा आज है। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह विशाखा नक्षत्र के संयोग में आ रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है। ऐसा संयोग अत्यंत दुर्लभ होता है और इसे धर्म, दान और तपस्या के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

Vaishakha Purnima : वैशाख पूर्णिमा आज है। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह विशाखा नक्षत्र के संयोग में आ रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है। ऐसा संयोग अत्यंत दुर्लभ होता है और इसे धर्म, दान और तपस्या के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म जयंती का उत्सव भी मनाया जाएगा। इससे यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। इस दिन भगवान विष्णु की असीम कृपा बरसेगी। वहीं श्रद्धालु भक्त सुख समृद्धि का वरदान भगवान से मांगेंगे। कूर्म जयंती भगवान विष्णु के कूर्म (कछुआ) अवतार की स्मृति में मनाई जाती है। कूर्म जयंती भगवान विष्णु के कूर्म (कछुआ) अवतार की स्मृति में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है।
हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय मंदराचल पर्वत को स्थिर रखने के लिए भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार धारण किया था। इस दिन उपवास पूजा और दान करने से जीवन में स्थिरता, समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
पूजा विधि और परंपराएं : पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा पर प्रात:काल पवित्र स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी पत्र, चंदन, फूल, धूप, दीपक और मिठाई अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम और कूर्म गायत्री मंत्र का जाप करें। उपवास रखें और रात्रि में जागरण करते हुए भगवान विष्णु का भजन कीर्तन करें। गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें। कूर्म जयंती पर भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से जीवन में स्थिरता, धैर्य और सफलता प्राप्त होती है। कूर्म अवतार को भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतारों में दूसरा स्थान प्राप्त है। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता मिलती है।