Weekly Panchang: इस बार रामनवमी पर रहेगा रविपुष्य योग, सप्तमी, अष्टमी और एकादशी व्रत कब है
- यह पूरा वीक चैत्र नवरात्रि का वीक है। इस बार एक तिथि का क्षय होने के कारण इस बार 8 दिन के नवरात्रि है। पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि 4 अप्रैल की है। चैत्र शुक्ल अष्टमी 5 अप्रैल की है। वहीं रामनवमी 6 अप्रैल की है।

यह पूरा वीक चैत्र नवरात्रि का वीक है। इस बार एक तिथि का क्षय होने के कारण इस बार 8 दिन के नवरात्रि है। पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि 4 अप्रैल की है। चैत्र शुक्ल अष्टमी 5 अप्रैल की है। वहीं रामनवमी 6 अप्रैल की है। इस बार रामनवमी पर रविपुष्य योग रहेगा। इस दिन कन्या पूजन किया जाएगा।इसके बाद उदयातिथि में एकादशी व्रत 8 अप्रैल को रखा जाएगा। यहां पढ़ें पंचांग की पूरी लिस्ट
01 अप्रैल (मंगलवार) : चैत्र शुक्ल चतुर्थी तिथि रात्रि 02.33 मिनट तक। भद्रा सायं 04.08 मिनट से रात्रि 02.33 मिनट तक। अप्रैल मास प्रारंभ। दमनक चतुर्थी।
02 अप्रैल (बुधवार) : चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि रात्रि 11.50 मिनट तक। श्री (लक्ष्मी) पंचमी। नाग पंचमी। हय व्रत।
03 अप्रैल (गुरुवार) : चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि रात्रि 09.42 मिनट तक। स्कंद षष्ठी व्रत।
04 अप्रैल (शुक्रवार) : चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि रात्रि 08.13 मिनट तक। भद्रा रात्रि 08.13 मिनट से।
05 अप्रैल (शनिवार) : चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि सायं 07.27 मिनट तक। भद्रा प्रात: 07.50 मिनट तक। श्री दुर्गाष्टमी। भवान्युत्पत्ति। अशोक कलिका प्राशन। अशोकाष्टमी। अन्नपूर्णा पूजन।
06 अप्रैल (रविवार) : चैत्र शुक्ल नवमी तिथि सायं 07.24 मिनट तक। श्री दुर्गा नवमी। नवरात्र समाप्त। श्री रामनवमी। रविपुष्य योग। तारा जयंती।
07 अप्रैल (सोमवार) : चैत्र शुक्ल दशमी तिथि रात्रि 08.01 मिनट तक पश्चात एकादशी तिथि। नवरात्र व्रत पारणा। गंडमूल प्रात: 06.25 मिनट से।
8 अप्रैल हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 अप्रैल को रात 08 बजे प्रारंभ होगी और 08 अप्रैल 2025 को एकादशी तिथि रात 09 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में इस साल कामदा एकादशी व्रत 08 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा।
9 अप्रैल कामदा एकादशी व्रत का पारण 09 अप्रैल 2025 को किया जाएगा। 09 अप्रैल को व्रत पारण का समय सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह 08 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 10 बजकर 55 मिनट है।
-पं. ऋभुकांत गोस्वामी