एके 47: चीन से हथियार नगालैंड के रास्ते लाए जा रहे बिहार, NIA ने चार्जशीट में क्या लिखा
विकास के कबूलनामे में यह कहा गया है कि उसने एके-47 हथियार के लिए 12 लाख रुपये अहमद अंसारी को दिए थे। जबकि बैंक अकाउट खंगालने पर इन लोगों ने 38 लाख का लेनदेन किया है।

नगालैंड के दीमापुर से बिहार में एके-47 सप्लाई करने वाला अहमद अंसारी और हथियार तस्कर विकास कुमार, हथियार खरीदने वाला देवमनी राय उर्फ अनीस संयुक्त रूप से दीमापुर के रणजीत दास से जुड़े थे। एनआईए की जांच में यह तथ्य सामने आया है। म्यांमार के रास्ते विदेशी एके-47 नगालैंड लाने के मामले में एनआईए अब दीमापुर के रणजीत दास की भूमिका की जांच कर रही है। एनआईए ने चार्जशीट और केस डायरी में इसका जिक्र किया है।
मामले की जांच कर रही एनआईए को यह भी आशंका है कि चीन से हथियार की खेप नगालैंड लाई जा रही है। इस बिंदू पर भी मामले की जांच चल रही है। अहमद अंसारी, विकास, सत्यम और देवमनी पर एके-47 हथियार के साथ ही विदेशी रेगुलर पिस्टल की सप्लाई करने की आशंका है। बड़े हथियारों की सप्लाई चेन को खंगालने में जांच एजेंसी जुट गई है।
विकास और उसके साथियों के पास से मिले पांच मोबाइल में से जांच एजेंसी कई अहम जानकारी मिली है। उनके मोबाइल में एके-47 के अलावा विदेशी पिस्टल की तस्वीर भी मिली है। इससे आशंका जताई गई है कि सेना के अफसर और आईपीएस अधिकारियों को विशेष रूप से मिलने वाली ग्लॉक पिस्टल की तस्करी भी ये लोग कर रहे थे। इस पर रोक लगाने में जांच एजेंसी जुट गई है।
विकास के कबूलनामे में यह कहा गया है कि उसने एके-47 हथियार के लिए 12 लाख रुपये अहमद अंसारी को दिए थे। जबकि बैंक अकाउट खंगालने पर इन लोगों ने 38 लाख का लेनदेन किया है। इससे यह आशंका है कि जब्त हथियार के अलावा भी कई खेप दीनापुर से लाए गए हैं। यदि एके-47 की कीमत 12 लाख ही मान लें तो कम से कम तीन एके-47 आरोपितों ने लाई है। जेल में बंद आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल करने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई में एनआईए जुटी है।