जिन्हें मिली थी जमानत उन्हें अरेस्ट कर कोर्ट में पेश कर दिया, बिहार पुलिस का नया कारनामा; अदालत सख्त
इधर अब न्यायिक दंडाधिकारी ईशा राज ने सुनवाई करते हुए मामले की गंभीरता को देख इसे कांड के अनुसंधानकर्ता की लापरवाही एवं मनमानी का मामला मानते हुए उन्हें एसपी के माध्यम से अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है।

बिहार में पुलिस अपने अलग-अलग कारनामों की वजह से खूब सुर्खियां बटोरती है। अब पश्चिम चंपारण के बेतिया में पुलिस ने हथकड़ी लगाकर एक ऐसे आरोपी को कोर्ट में पेश कर दिया जिसे पहले ही जमानत मिल गई थी। अब इस मामले में केस के अनुसंधानकर्ता पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। दरअसल जानलेवा हमला करने के एक मामले में न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत की सुविधा प्राप्त किए अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया। अब यह इस केस के अनुसंधानकर्ता को महंगा पड़ सकता है।
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ईशा राज ने साठी थाना कांड संख्या 259/24 में कांड के अनुसंधानकर्ता द्वारा न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त किए आरोपी मोती साह तथा रमेश महतो को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने पर इसे गंभीरता से लिया गया है। कोर्ट ने थाना अनुसंधानकर्ता दारोगा अमरजीत कुमार से कारण पृच्छा की मांग करते हुए जानना चाहा है कि अभियुक्तों के द्वारा उन्हें जमानत प्राप्त होने की जानकारी देने तथा नेट पर जमानत आदेश उपलब्ध होने के बावजूद किन परिस्थितियों में उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कराया गया।
न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांड के अभियुक्तों को माननीय एडीजे तृतीए के द्वारा 13/5/25 को अग्रीम जमानत की सुविधा प्रदान करते हुए उन्हें एक माह के अन्दर न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। जिस आदेश से कांड के अनुसंधानकर्ता को अवगत कराए जाने के बावजूद दिनांक 16/5/25 को कांड के आरोपी रमेश महतो एवं मोती साह को अनुसंधानकर्ता अमरजीत कुमार ने गिरफ्तार कर उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां न्यायिक दंडाधिकारी ईशा राज ने सुनवाई करते हुए मामले की गंभीरता को देख इसे कांड के अनुसंधानकर्ता की लापरवाही एवं मनमानी का मामला मानते हुए उन्हें एसपी के माध्यम से अपना स्पष्टीकरण देने को कहा है।