राष्ट्रव्यापी हड़ताल की सफलता के लिए कर्मचारी एकजुट
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने केंद्र सरकार से 11 सूत्री मांगें पूरी करने की मांग की है। 20 मई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल की सफलता के लिए कर्मचारियों से अपील की गई है। सम्मेलन में...

-बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला सम्मेलन में 11 सूत्री मांगें पूरा करने की केंद्र सरकार से उठाई मांग, 20 को हड़ताल आरा, हमारे संवाददाता। आगामी 20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की कर्मचारी संघ ने जिले के कर्मियों से अपील की है। इसकी सफलता को लेकर रविवार को जिला सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान 11 सूत्री मांगों को पूरा करने की केंद्र सरकार से मांग की गई। इसी मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की जिला इकाई की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने की, जबकि संचालन जिला मंत्री विनोद यादव ने किया।
इस दौरान सर्वसम्मति से सरकार की कर्मचारी व मजदूर विरोधी नीतियों को खत्म करने की बात रखी गई। नेताओं ने पुरानी पेंशन बहाल करने, आठवें पे कमीशन की अधिसूचना जारी करने, संविदा, दैनिक वेतनभोगी, मास्टर रोल पर काम करने वाले कर्मी, कार्य भारित कर्मचारी एवं स्कीम वर्कस को रेगुलर करने समेत 11 सूत्री मांगों की अनदेखी के खिलाफ 20 मई को होने वाली राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में बढ़-चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया। प्रदेश महामंत्री सुबेश सिंह एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के जिला सचिव वैद्यनाथ सिंह अतिथि के रूप में शामिल हुए। सुदेश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कोविड में पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए 29 श्रम कानून को खत्म कर बनाये गये चार मजदूर कोट्स को लागू करने का प्रयास कर रही है। लेबर कोड्स मजदूरों को गुलाम बनाने का दस्तावेज है। अगर यह लागू हुई तो कर्मचारी व मजदूरों को हड़ताल करने, सामूहिक सौदेबाजी करने, धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार लगभग समाप्त हो जाएगा। सरकार की ओर से स्वीकृत एवं रिक्त पदों पर भी संविदा के आधार पर कर्मियों को तैनात किया जा रहा है। आउटसोर्स तथा संविदा कर्मियों को नियमित करने एवं नियमित होने तक समान काम का समान वेतन देने, सेवा सुरक्षा सहित सभी सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने, रिक्त पदों को स्थायी नियुक्ति के माध्यम से भरने, 18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत की किस्तों को अभिलंब जारी करने तथा आठवें वेतन कमीशन के गठन की अधिसूचना जारी करने की मांग की। पेंशनर्स एसोसिएशन के जिला सचिव वैद्यनाथ सिंह ने पीएफ आरडीए कानून को निरस्त कर एनपीएस एवं यूपीएस को वापस लेकर सभी को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने सहित पेंशनरों को भी आठवें वेतन को पुनरीक्षण के दायरे में लाने की मांग की। इस दौरान कुंदन कुमार, कुमार बबलू, लोकेशनाथ सिंह, जुबेर आलम, सुरेश राम गोंड, अरुण कुमार सिंह, सुमन कुमारी, शंभू प्रसाद, प्रकाश दीप, राजीव रंजन कुमार, राजेश सिन्हा, सोनू कुमारी, गुड़िया कुमारी, पूजा कुमारी, आलोक कुमार, सतीश प्रसाद सहित सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थे।
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