Controversy Over Unnecessary Bridge Construction in Bihar s Bhargama जहां जरूरत वहां पुल नहीं जहां जरूरत नहीं वहां बन रहे पुल, Araria Hindi News - Hindustan
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जहां जरूरत वहां पुल नहीं जहां जरूरत नहीं वहां बन रहे पुल

भरगामा के आदिरामपुर पंचायत में निर्माणाधीन सड़क पर चार पुलों का निर्माण हो रहा है, जबकि यहां केवल एक पुल की आवश्यकता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सरकारी राशि के दुरुपयोग का उदाहरण है। उन्होंने...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाMon, 19 May 2025 04:41 AM
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जहां जरूरत वहां पुल नहीं जहां जरूरत नहीं वहां बन रहे पुल

भरगामा. ए.सं.। इसे अजब-गजब नहीं तो और क्या कहेंगे। जहां पुल की जरूरत है वहां नहीं बन रही है। जहां जरूरत नहीं है वहां बेवजह निर्माण हो रहा है। भरगामा प्रखंड के आदिरामपुर पंचायत के सुकेला अंतर्गत मंडल टोला में निर्माणाधीन सड़क पर बन रहे चार पुलों पर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यहां एक किमी के भीतर ही चार पुलिये बन रहे हैं लेकिन यहां एक की ही जरूरत है बांकी तीन की नहीं। ये तीनो क्यों बन रही है यह समझ से बाहर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कराए जा रहे सड़क का निर्माण कार्य करीब एक करोड़ दस लाख से कराया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि बिंदेश्वरी चौपाल हाउस से लेकर विमल शर्मा हाउस तक 0.750 किलोमीटर की सड़क का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल, फारबिसगंज के कार्यपालक अभियंता के निर्देशन में कराया जा रहा है। इस छोटे से पथ पर चार पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। इस बात से ग्रामीण हैरान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुल के पूर्वी भाग में प्राय: जगह बांस बिट्टी है। बांस बिट्टी के ऊंचे स्थान में लगे रहने के कारण पानी बहाव न के बराबर होता है। छोटे मार्ग में पुल बनना तकनीकी रूप से अनुचित: ग्रामीणों का कहना है कि मात्र 750 मीटर के इस छोटे मार्ग पर चार पुलिया बनाना न केवल तकनीकी रूप से अनुचित प्रतीत होता है, बल्कि इससे सरकारी राशि के दुरुपयोग की आशंका है। लोगों का मानना है कि यह निर्माण कार्य मानकों को दरकिनार कर केवल बजट खपत और ठेकेदारी लाभ के उद्देश्य से कराया जा रहा है। इस सड़क का शिलान्यास नरपतगंज विधायक जयप्रकाश यादव द्वारा किया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि इस निर्माण कार्य से क्षेत्र की आधारभूत संरचना मजबूत होगी, लेकिन जिस प्रकार से कार्य हो रहा है, वह स्थानीय लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रहा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और ग्रामीण कार्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों से इस निर्माण कार्य की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सही तरीके से तकनीकी मूल्यांकन कराया जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस सड़क में इतनी पुलिया की आवश्यकता नहीं है और यह केवल सरकारी राशि के अनुचित खर्च का उदाहरण है। बोले ग्रामीण कार्य विभाग के एसडीओ: इधर ग्रामीण कार्य विभाग के एसडीओ रामनारायण साह ने बताया कि पूर्व के स्टीमेट के अनुसार सड़क मे चार पुलिया प्रस्तावित था उसी के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने मांग की है कि भविष्य में इस तरह के योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और किसी भी निर्माण कार्य से पहले उसकी तकनीकी जांच एवं सामाजिक स्वीकृति अवश्य ली जाए।

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