सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा
अप्रैल के पहले सप्ताह में ओपीडी में औसतन 600 से 700 मरीज आते थे, जो अब बढ़कर 900 से एक हजार हो गए हैं। मौसम जनित बीमारियों का सामना बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार व्यक्तियों को करना पड़ रहा है। जिला...

अप्रैल के पहले सप्ताह में औसतन 600 से 700 मरीज मरीज आते थे ओपीडी फिलहाल इसकी संख्या बढ़कर 900 से एक हजार पर जा पहुंची
सावधानी व सतर्कता ही मौसम जनित बीमारियों से बचाव का उपाय
बदलते मौसम से बढ़ी लोगों की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां
अररिया, वरीय संवाददाता
सावधानी व सतर्कता ही मौसम जनित बीमारियों से बचाव का उपाय है। बच्चे, बुजुर्ग व पहले से बीमार व्यक्तियों को मौसम जनित बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। बुखार, सिरदर्द, डायरिया, उल्टी, थकान, कमजोरी व डिहाइड्रेशन से जुड़ी शिकायतें लोगों में अधिक देखी जा रही है। बीते एक सप्ताह से सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। लिहाजा मौसम जनित बीमारियों से बचाव व इसका समुचित उपचार सुनिश्चित कराने को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रयास निरंतर जारी है।
अस्पताल के ओपीडी में बढ़ी मरीजों की संख्या:
सदर अस्पताल के प्रबंधक विकास आनंद ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में प्रतिदिन औसतन 600 से 700 मरीज ओपीडी में आ रहे थे। फिलहाल इसकी संख्या बढ़ कर 900 से एक हजार पर जा पहुंची है। उन्होंने बताया कि इसमें 35 फीसदी से अधिक मरीज मौसम जनित बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि मरीजों के समुचित उपचार को लेकर अस्पताल में सभी जरूरी इंतजाम किये गये हैं। सभी जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक अस्पताल में उपलब्ध है। मौसम जनित तमाम बीमारियों के समुचित उपचार का इंतजाम अस्पताल में उपलब्ध होने की बात उन्होंने कही।
सेहत के प्रति सतर्क व सावधान रहने की है जरूरत:
सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ आकाश कुमार राय ने बताया कि इस बदलते मौसम में लोगों को अपनी सेहत के प्रति विशेष सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। कभी तेज धूप तो कभी बारिश, सुबह-शाम पड़ने वाली ठंड व दोपहर में तेज धूप लोगों की सेहत को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में वायरल फीवर व पेट से जुड़ी शिकायत वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। साफ-सफाई में लापरवाही व खुला व दूषित भोजन का सेवन, दूषित पेयजल इसकी मुख्य वजह है। इससे बचाव के लिये उन्होंने व्यक्तिगत जीवन में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए डफर, नींबू पानी, बेल का शरबत जैसे तरल पदार्थों का सेवन को उन्होंने लाभकारा बताया। उन्होंने किसी तरह की परेशानी होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल से संपर्क करने की सलाह लोगों को दी।
स्वास्थ्य संस्थान व चिकित्सक है सतर्क:
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मौसम जनित बीमारियों को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। सभी संस्थानों को जरूरी दवा व ओआरएस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। संबंधित क्षेत्र की आशा व एएनएम के माध्यम से मौसम जनित बीमारियों से बचाव को लेकर समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से जरूरी पहल की जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या को नजरअंदाज करने की जगह नजदीकी अस्पताल में अपना इलाज कराने की अपील उन्होंने लोगों से की।
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