घरेलू हिंसा वाद मामले के निपटारे में सुस्ती पर जताई नाराजगी
एक साल में 127 मामले में 76 मामलों का हुआ निष्पादन सेंटर की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि जिले में एक साल में घरेलू हिंसा के दर्ज कुल 127 मामले में 76 मामलों

घरेलू हिंसा वाद मामले का कम निष्पादन होने पर शनिवार को डीएम श्रीकांत शास्त्री ने कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में आयोजित बैठक में नाराजगी जताई। उन्होंने आईसीडीएस, वन स्टॉप सेंटर, महिला विकास निगम की समीक्षा की़। आइसीडीएस सेवा की सभी योजनाओं की समीक्षा हुई। वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन सेंटर की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि जिले में एक साल में घरेलू हिंसा के दर्ज कुल 127 मामले में 76 मामलों का निष्पादन किया गया। घरेलू हिंसा वाद मामले में कम निष्पादन होने के कारण खेद प्रकट किया गया। संबंधित पदाधिकारी को यथाशीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। क्रियाशील आंगनबाड़ी केंद्रों की जीणोद्धार की स्थिति, प्रस्तावित नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की स्थिति, आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल एवं शौचालय की उपलब्धता की स्थिति, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोषण अभियान, न्यायालय वाद की गहन समीक्षा के बाद निर्देश दिया गया। आईसीडीएस द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में शत प्रतिशत सुनिश्चित करें। इसकी जिम्मेवारी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका एवं संबंधित सेविका की होगी। सीडीपीओ को निर्देश दिया गया कि विभागीय सभी कार्यों को ससमय निष्पादन करना सुनिश्चित करेंगे। महिला पर्यवेक्षिका को अति गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर जिला स्थित पोषण पुर्नवास केंद्र भेजेंगे। उक्त बैठक में डीपीओ विनीता कुमारी, सभी सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका उपस्थित रहीं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।