मजदूरों के हितों की हो रही है अनदेखी: यूनियन
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर निर्माण मजदूर यूनियन ने मार्च निकाला। यह मार्च शाहपुर स्थित भाकपा माले कार्यालय से शुरू होकर रमेश चौक तक गया। संगोष्ठी में मजदूरों के अधिकारों और 8 घंटे काम के आंदोलन की...

औरंगाबाद, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर निर्माण मजदूर यूनियन ने मार्च निकाला। शाहपुर स्थित भाकपा माले कार्यालय से निकलकर बाजार होते हुए रमेश चौक तक यह मार्च निकला। इसके बाद जिला कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन हुआ। मार्च का नेतृत्व निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयोजक अवधेश गिरी, नौजवान सभा के जिला संयोजक गुड्डू चंद्रवंशी, भाकपा माले के देव प्रखंड सचिव सुनील यादव, कर्मचारी नेता रामविनय यादव ने किया। भाकपा माले के जिला सचिव मुनारिक राम ने कहा कि दुनिया के इतिहास में पहली बार अमेरिका के शिकागो में 1886 में मजदूरों ने समय व मजदूरी निर्धारण करने के लिए आंदोलन किया था।
मजदूरों से 24 घंटे काम लिया जाता था व मजदूरी भी निर्धारित नहीं थी। फैक्ट्री के मजदूरों ने तय किया कि 8 घंटा काम, आठ घंटा आराम और आठ घंटा मनोरंजन का समय निर्धारित किया जाए। इसी सवाल पर शांति पूर्वक धरना का आयोजन किया गया। फैक्ट्री मालिक ने मजदूरों पर गोलियां चलाई जिसमें मजदूर मारे गए फिर भी मजदूरों ने हिम्मत नहीं हारी और मजदूरों के खून से सना कपड़ा को लाल झंडा बना दिया और नारा बुलंद किया, दुनिया के मजदूरों एक हो। इसके बाद उनकी मांग पूरी हुई। वर्तमान केन्द्र सरकार 12 घंटा काम करने का प्रस्ताव सदन में रखने की कोशिश कर रही है जिसका विरोध करेंगे। नए श्रम कोड बिल के अंतर्गत भारत सरकार की यही कोशिश है। अवधेश गिरी, योगेंद्र राम, अवधेश पासवान, नकुल यादव, रामविजय यादव, ज्ञानी चंद्रवंशी, माले नेता नारायण राम, नरेश मेहता शामिल हुए।
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