Tejashwi wrote a letter to PM Modi on caste census know what new demands have been made now जाति जनगणना पर पीएम मोदी को तेजस्वी ने लिखा पत्र, जानिए अब कौन सी नई मांगें रखी, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsTejashwi wrote a letter to PM Modi on caste census know what new demands have been made now

जाति जनगणना पर पीएम मोदी को तेजस्वी ने लिखा पत्र, जानिए अब कौन सी नई मांगें रखी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में तेजस्वी ने कहा कि जाति जनगणना कराने का निर्णय हमारे देश की समानता की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण हो सकता है। इस जनगणना के लिए संघर्ष करने वाले लाखों लोग केवल आंकड़ों की नहीं बल्कि सम्मान और सशक्तिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

Sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 3 May 2025 10:25 AM
share Share
Follow Us on
जाति जनगणना पर पीएम मोदी को तेजस्वी ने लिखा पत्र, जानिए अब कौन सी नई मांगें रखी

मोदी सरकार के जाति जनगणना के फैसले को लेकर बिहार में क्रेडिट वॉर तेज हो गई है। जहां आरजेडी और कांग्रेस इसे अपनी जीत बता रहे हैं। वहीं एनडीए के नेता इसे प्रधानमंत्री मोदी का मास्टरस्ट्रोक करार दे रहे हैं। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें कई नई मांगें रखी गई हैं। साथ ही भाजपा पर सवाल भी खड़े किए हैं। तेजस्वी ने कहा कि देश भर में जाति जनगणना कराने की आपकी सरकार की हाल की घोषणा के बाद, मैं आज आपको सतर्क आशावाद की भावना के साथ लिख रहा हूं। वर्षों से आपकी सरकार और एनडीए गठबंधन ने जाति जनगणना की मांग को विभाजनकारी और अनावश्यक बताकर खारिज कर दिया था। जब बिहार ने अपने संसाधनों से जाति सर्वेक्षण कराने की पहल की, तो केंद्रीय सरकार और उसके शीर्ष कानून अधिकारी ने हर कदम पर बाधाएं खड़ी कीं।

तेजस्वी ने आगे लिखा कि आपकी पार्टी (बीजेपी) के सहयोगियों ने इस तरह के डेटा संग्रह की आवश्यकता पर ही सवाल उठाया। अनेक तरह कि फूहड़ और अशोभनीय टिप्पणियां की गयीं। आपका विलंबित निर्णय उन नागरिकों की मांगों की व्यापकता को स्वीकार करता है, जिन्हें लंबे समय से हमारे समाज के हाशिये पर रखा गया है। पत्र में तेजस्वी ने कई नई मांगें भी रखी। जिसमें पिछड़ों/अति पिछड़ों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र, निजी क्षेत्र में आरक्षण, ठेकेदारी में आरक्षण, न्यायपालिका में आरक्षण, मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू करेंगे, आबादी के अनुपात में आरक्षण देंगे, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और बिहार के लिए विशेष पैकेज शामिल है।

ये भी पढ़ें:मोदी है मुमकिन है नीतीश है तो निश्चिंत; जाति जनगणना पर तेजस्वी को जदयू ने धोया
ये भी पढ़ें:10 दिन ट्यूशन लेकर भी बिना देखे 5 लाइन नहीं बोल सकते, तेजस्वी को पीके की चुनौती
ये भी पढ़ें:जाति जनगणना के फैसले पर RJD ने मनाया जश्न, तेजस्वी ने बांटी मिठाई

नेता प्रतिपक्ष ने लिखा कि जब हम यह जानेंगे कि हमारे कितने नागरिक वंचित समूहों से संबंधित हैं, और उनकी आर्थिक स्थिति क्या है, तब अधिक सटीकता के साथ लक्षित हस्तक्षेप तैयार किए जाने चाहिए। निजी क्षेत्र, जो सार्वजनिक संसाधनों का प्रमुख लाभार्थी रहा है, सामाजिक न्याय की आवश्यकताओं से अलग नहीं रह सकता। कंपनियों को पर्याप्त लाभ मिलता रहा है। रियायती दरों पर जमीन, बिजली सब्सिडी, कर छूट, बुनियादी सुविधाएं, और तमाम वित्तीय प्रोत्साहन इसका बोझ करदाता के कंधे उठाते हैं। बदले में, निजी उद्योग क्षेत्र से हमारे देश की सामाजिक संरचना को प्रतिबिंबित करने की अपेक्षा करना पूरी तरह से उचित है। जाति जनगणना के संदर्भ में निजी क्षेत्र में समावेशिता और विविधता के बारे में खुली बातचीत होनी चाहिए।