साले को पकड़ा, कारण पूछने गए जीजा को लॉक-अप में बंद कर थूर दिया; मुजफ्फरपुर SSP से रिपोर्ट तलब
मुजफ्फरपुर के पानापुर करियात थाना पुलिस द्वारा साले की गिरफ्तारी का कारण पूछने गए जीजा की बेरहमी से पिटाई मामले में बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी से रिपोर्ट तलब किया है।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के पानापुर करियात थाने की पुलिस द्वारा लॉक-अप में बंद कर युवक की बेरहमी से पिटाई के मामले में बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को नोटिस जारी किया है। आयोग ने नोटिस जारी करते हुए मुजफ्फरपुर के एसएसपी से आठ सप्ताह के अंदर रिपोर्ट की माँग की है।
पीड़ित रौशन प्रताप सिंह अपने साला अमन कुमार से मिलने थाना पहुँचे थे, जहाँ पुलिस ने अमन कुमार को पहले से बंद कर रखा था। पीड़ित परिवार के अनुसार थानाध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने अमन कुमार को छोड़ने के एवज में जीजा रौशन प्रताप सिंह से एक लाख रुपये की माँग की थी और जब रौशन प्रताप सिंह ने इसका विरोध किया था तो आवेश में आकर थानाध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने उन्हें भी हाजत में बंद कर दिया था और उनका मुँह, हाथ तथा पैर बाँधकर उनके साथ काफी बेरहमी से मार-पीट की गई थी।
जब परिवार के अन्य सदस्य थाने पर पहुँचे और दोनों को छोड़ने का आग्रह किया तो थानाध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने एक लाख रुपये की माँग रखी तथा 70 हजार रुपये लेने के बाद दोनों को छोड़ा गया। पुलिस ने रौशन प्रताप सिंह की अपाचे मोटरसाइकिल को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया, जिसे लौटाने के एवज में 30 हजार रुपये की माँग अलग से की। विदित हो कि मार-पीट में गंभीर रूप से घायल रौशन प्रताप सिंह को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काँटी ले जाया गया था, जहाँ से बेहतर ईलाज हेतु उन्हें एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया था।
इस मामले में पीड़ित परिवार ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा के माध्यम से बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को नोटिस जारी करते हुए 8 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट की माँग की है।
मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने कहा कि यह मामला मानवाधिकार उल्लंघन के अति गंभीर श्रेणी का मामला है और ऐसे मामले में कानूनी तथा न्यायिक पारदर्शिता बनाये रखने के लिए उच्चस्तरीय जाँच की नितांत आवश्यकता है। एसएसपी मुजफ्फरपुर से उम्मीद है कि मामले में अतिशीघ्र निष्पक्ष रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करेंगे। आयोग में अगली सुनवाई 10 सितम्बर को होगी। बताते चले कि रौशन प्रताप सिंह की माँ बीना सिंह आयोग में अपने अधिवक्ता के माध्यम से वाद दायर करवाई थी।