हाजत में बंद साले से मिलने पहुंचे जीजा की थाने पर पिटाई, मानवाधिकार आयोग में केस दायर
- पुलिस ने एक युवक को हाजत में बंद करके रखा था। जब उसका जीजा मिलने गया तो पैसे का डिमांड कर दिया। मना करने पर उसकी जोरदार पिटाई कर दी।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के पानापुर ओ.पी. की पुलिस द्वारा लॉक-अप में बंद कर युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला मानवाधिकार आयोग पहुँच गया है। पीड़ित परिवार ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दायर की है, जिसके बाद अब पुलिस प्रशासन सकते में है। पीड़ित परिवार ने पानापुर ओ.पी. अध्यक्ष राजबल्लभ यादव पर गंभीर आरोप लगाये है।
पिछले दिनों रौशन प्रताप सिंह अपने साला अमन कुमार से मिलने थाना पहुँचे थे, जहाँ पुलिस ने अमन कुमार को बंद कर रखा था। पीड़ित परिवार ने बताया कि ओ.पी. अध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने अमन कुमार को छोड़ने के एवज में जीजा रौशन प्रताप सिंह से एक लाख रुपये की माँग की और जब रौशन प्रताप सिंह ने इसका विरोध किया तो आवेश में आकर ओ.पी. अध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने उन्हें भी हाजत में बंद कर दिया और उनका मुँह, हाथ तथा पैर बाँधकर उनके साथ काफी बेरहमी से मार-पीट की गई। जब परिवार के अन्य सदस्य पहुँचे और दोनों को छोड़ने का आग्रह किया तो ओ.पी. अध्यक्ष राजबल्लभ यादव ने एक लाख रुपये की माँग रखी तथा 70 हजार रुपये लेने के बाद दोनों को छोड़ा गया।
रौशन प्रताप सिंह की अपाचे मोटरसाइकिल को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया, जिसे लौटाने के एवज में 30 हजार रुपये की माँग अलग से की जा रही है। विदित हो कि मार-पीट में गंभीर रूप से घायल रौशन प्रताप सिंह को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काँटी ले जाया गया था, जहाँ से बेहतर ईलाज हेतु उन्हें एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया। वर्तमान में उनका ईलाज एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में चल रहा है, जहाँ उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
इस मामले में मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने कहा कि यह मामला मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का मामला है और ऐसे मामले में कानूनी तथा न्यायिक पारदर्शिता बनाये रखने के लिए उच्चस्तरीय जाँच की नितांत आवश्यकता है।