श्रीराम के वन गमन का प्रसंग सुनाया
कटरा में रामकथा के छठे दिन संत स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक ग्रंथ, पंथ और संत का हाथ थामें। उन्होंने माता कैकेयी के वरदान के कारण भगवान श्रीराम के वनवास की कथा...

कटरा। यजुआर में रामकथा के छठे दिन अयोध्या से आये संत स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि जीवन में मनुष्य को यदि आगे बढ़ना है तो एक ग्रंथ, एक पंथ, एक संत का हाथ पकड़ लो, जिससे बेड़ा पार लगेगा। उन्होंने कहा कि दशरथ अपने ज्येष्ठ पुत्र को राज देना चाहते थे, लेकिन विधि का विधान कुछ और होना था। माता कैकेयी ने महाराज दशरथ से दो वरदान के बदले भगवान श्रीराम को वनवास और भरत को राज्य की गद्दी मांग ली और प्रभु अपने पिता के वचन अनुसार माता सीता, भाई लक्ष्मण सहित वन को चल दिये, संपूर्ण अयोध्या वासी प्रभु के पीछे चल दिये, लेकिन श्रीराम सबको समझा कर वापस कर दिए।
इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री राजभूषण निषाद, मंत्री जीवेश मिश्रा, रामसूरत राय आदि मौजूद रहे।
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