10 दिन ट्यूशन लेकर भी बिना देखे 5 लाइन नहीं बोल सकते, तेजस्वी को प्रशांत किशोर ने क्यों दी चुनौती
प्रशांत किशोर ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की समाजवाद की समझ पर हमला किया और कहा कि 10 दिन कोचिंग लेने और अपने सलाहकारों से सलाह लेने के बाद भी तेजस्वी यादव बिना देखे समाजवाद पर 5 लाइन भी नहीं बोल पाएंगे।

केंद्र सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में देश में जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर दिया। अब इस पर श्रेय लेने की होड़ और राजनीति जोरों पर है। मोदी सरकार पर एक निर्णय पर लालू के लाल और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह हम समाजवादियों की जीत है। जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार किया है। पूछा है कि तेजस्वी यादव कब से समाजवादी नेता हो गए।
भागलपुर में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की समाजवाद की समझ पर हमला किया और कहा कि 10 दिन कोचिंग लेने और अपने सलाहकारों से सलाह लेने के बाद भी तेजस्वी यादव बिना देखे समाजवाद पर 5 लाइन भी नहीं बोल पाएंगे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव कब से समाजवाद के नेता हो गए। इस देश में समाजवाद जय प्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, जॉर्ज फर्नांडिस का है। तेजस्वी यादव को तो समाजवाद की परिभाषा भी नहीं मालूम है।
प्रशांत किशोर ने जातीय जनगणना पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जन सुराज लंबे समय से कहता आ रहा है कि समाज के बारे में बेहतर जानकारी देने वाले किसी भी सर्वेक्षण/जनगणना कराने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन जन सुराज का यह भी कहना है कि सिर्फ जनगणना करने से समाज की स्थिति में सुधार नहीं हो सकता। उन्होंने बिहार में हुई जातीय जनगणना का उदाहरण देते हुए कहा कि रिपोर्ट से पता चला है कि बिहार में दलित समुदाय के मात्र 3 प्रतिशत बच्चे ही 12वीं पास कर पाए हैं। लेकिन जनगणना रिपोर्ट सार्वजनिक होने के 2 साल बाद भी सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति या पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए कोई नई और ठोस योजना लागू नहीं की है।
एक उदाहरण देते हुए पीके ने कहा कि सिर्फ किताब खरीद लेने से आप विद्वान नहीं बन जाएंगे, आपको किताब को पढ़ना और समझना होगा। जातीय जनगणना के पक्ष और विरोध करने वाले दलों के लिए यह जनगणना के जरिए समाज की स्थिति में बदलाव लाने का ठोस प्रयास न होकर एक राजनीतिक मुद्दा ज्यादा लग रहा है।