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पहलगाम के अलावा इन 3 जगहों पर भी था हमले का प्लान; कौन हैं OGW, जिन्होंने की मदद

NIA की जांच में पता चला है कि ऐसे 4 ओवरग्राउंड वर्कर्स ने पहलगाम समेत 4 जगहों की हमले के लिए रेकी की थी। इस रेकी के बाद ही आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में हमला करने का फैसला लिया। सूत्रों का कहना है कि अब तक कुल 20 ओवरग्राउंड वर्कर्स की पहचान हो चुकी है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 1 May 2025 12:49 PM
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पहलगाम के अलावा इन 3 जगहों पर भी था हमले का प्लान; कौन हैं OGW, जिन्होंने की मदद

पहलगाम आतंकी हमले की जांच में NIA तेजी से जुटी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अब तक की जांच में पाया है कि आतंकी पहलगाम की बैसरन घाटी में पहले से रुके थे। यही नहीं इन आतंकियों ने तीन अन्य जगहों की भी रेकी की थी। इन लोगों ने बैसरन घाटी के अलावा अरु वैल, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब वैली की रेकी की थी। इन जगहों पर भी अच्छी खासी संख्या में पर्यटकों की मौजूदगी रहती है। NIA की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन तीनों जगहों की आतंकियों ने रेकी की थी, लेकिन हमला नहीं किया। इसकी वजह थी कि इन तीनों ही जगहों पर सुरक्षा बलों की संख्या अधिक थी। ऐसे में सुरक्षा बलों की मौजूदगी के चलते आतंकियों ने बैसरन घाटी को हमले के लिए चुना।

सूत्रों का कहना है कि बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हमला करने से 2 दिन पहले ही आतंकी वहां मौजूद थे। इस खूंखार आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। आतंकियों ने पहलगाम में मौजूद लोगों से उनका धर्म पूछा था और जब इन लोगों ने बताया कि वे हिंदू हैं तो उन्हें गोलियां बरसाकर मार डाला। इस आतंकी हमले में भी ओवरग्राउंड वर्कर्स वाला ट्रेंड देखने को मिला है। ओवरग्राउंड वर्कर्स उन आतंकियों और उनके समर्थकों को कहा जाता है, जो आम लोगों की तरह ही समाज में रहते हैं। लेकिन ऐसे लोग आतंकियों के लिए मददगार बनते हैं या फिर उन्हें रहने आदि की जगह मुहैया कराते हैं।

NIA की जांच में पता चला है कि ऐसे 4 ओवरग्राउंड वर्कर्स ने पहलगाम समेत 4 जगहों की हमले के लिए रेकी की थी। इस रेकी के बाद ही आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में हमला करने का फैसला लिया। सूत्रों का कहना है कि अब तक कुल 20 ओवरग्राउंड वर्कर्स की पहचान हो चुकी है। इनमें से कई लोगों को अरेस्ट भी किया गया है। अब तक इस हमले के बाद से 186 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके पूछताछ की जा रही है। दरअसल कश्मीर में लंबे समय से आतंकी संगठनों की यह रणनीति रही है। अब आतंकी संगठनों का कोई खुलकर साथ नहीं देता, लेकिन अपनी नौकरी और धंधे करते हुए ही कई लोग ऐसे पाए जाते हैं, जो आतंकियों का साथ देते हैं। इन्हें ही ओवरग्राउंड वर्कर का नाम दिया गया है।

22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम में टूरिस्टों को मारा था। इन आतंकियों ने पुरुषों को ही मारा और उनकी महिलाओं को छोड़ दिया। इन महिलाओं एवं अन्य परिजनों ने ही बताया था कि आतंकियों ने उनसे पहले धर्म पूछा था और फिर कलमा पढ़वाया और खतना तक चेक किया। रिपोर्ट्स के अनुसार 20 लोगों की पैंट उतरवाकर आतंकियों ने देखा था कि उनका खतना हुआ है या नहीं। खतना नहीं पाया तो पुष्टि हुई कि वे मुसलमान नहीं हैं और फिर उनका बेरहमी से कत्ल कर दिया गया।