Pahalgam attack was not the first these terrorists had targeted non Kashmiris earlier also पहला नहीं था पहलगाम हमला, इन्हीं आतंकियों ने गैर-कश्मीरियों को पहले भी बनाया था निशाना, India Hindi News - Hindustan
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पहला नहीं था पहलगाम हमला, इन्हीं आतंकियों ने गैर-कश्मीरियों को पहले भी बनाया था निशाना

Pahalgam attack: पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को लेकर खुफिया जानकारी सामने आई है। यही मॉड्यूल पिछले साल अक्टूबर में हुए आतंकी हमले में भी शामिल था, जिस आतंकी का नाम सामने आ रहा है उसने जेड मेड सुरंग के ऊपर हुए हमले में भूमिका निभाई थी, जिसमें एक डाक्टर समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानThu, 1 May 2025 03:03 PM
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पहला नहीं था पहलगाम हमला, इन्हीं आतंकियों ने गैर-कश्मीरियों को पहले भी बनाया था निशाना

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रखा हुआ है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में जिस आतंकी मॉड्यूल के होने के सबूत मिले हैं, उसी मॉड्यूल के तार 2024 में जम्मू-कश्मीर के ही गंदेरबल जिले में गैर-कश्मीरियों पर हुए एक आतंकी हमले से जुड़े हैं। इस हमले में आतंकियों ने सोनमर्ग में सुरंग परियोजना पर काम कर रहे छह मजदूरों और एक डॉक्टर की हत्या कर दी थी।

सूत्रों के मुताबिक इन दोनों आतंकी हमलों को लश्कर-ए-तैयबा के द्वारा समर्थित आतंकी इकाई ने ही अंजाम दिया है। पहलगाम हमले में शामिल कई आतंकी गुर्गों ने इसके पहले सुरंग के मजदूरों पर किए हमले में भाग लिया था।

2024 में हुए इस हमले में शामिल एक आतंकवादी की पहचान जुनैद अहमद भट्ट के रूप में हुई थी। हालांकि पिछले साल दिसंबर में ही सुरक्ष बलों ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद उसके साथ काम करने वाले दो और आतंकी गुर्गों को मार गिराया गया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इस पहलगाम हमले में जिस हाशिम मूसा का नाम सामने आ रहा है उसने भी सुरंग के ऊपर हुए हमले में भाग लिया था।

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क्या हुआ था सुरंग हमले में

सोनमर्ग सुरंग के नाम से जानी जाने वाली जेड मोड सुरंग के ऊपर अक्टतूबर 2024 में हमला हुआ था। यहां पर निजी कंपनी के लिए बाहर से काम करने आए मजदूरों के एक कैंप के ऊपर आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। इस आतंक हमले में छह मजदूरों और एक डॉक्टर समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए लोगों में से ज्यादातर लोग कश्मीर के बाहर के थे। हमला करने के बाद आतंकी घटनास्थल पर एक बंदूक छोड़कर भाग खड़े हुए थे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने इस हमले की कड़ी निंदा खी थी। घाटी इलाके में लगभग सात किलोमीटर लंबी यह सुरंग श्रीनगर को साल भर किसी भी मौसम में कारगिल से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सर्दियों के मौसम में यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है।