हाई कोर्ट परिसर स्थानांतरण का मुद्दा गरमाया, CM हिमंत बिस्वा सरमा का GHCBA से इस्तीफा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा के बार निकाय से इस्तीफा देने से पहले राज्य के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया ने भी गौहाटी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से इस्तीफा दे दिया था। इससे बार निकाय में घमासान तेज हो गया है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गौहाटी हाई कोर्ट के मौजूदा परिसर को नए स्थान पर स्थानांतरित करने से जुड़े मतभेद के चलते गौहाटी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (GHCBA) से इस्तीफा दे दिया है। सरमा वर्ष 2001 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने जाने से पहले से ही पेशेवर अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर्ड थे। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि उन्होंने ‘हितों के टकराव’ के कारण बार निकाय के अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज दिया है।
दरअसल, हिमंत सरकार गौहाटी हाई कोर्ट परिसर को मौजूदा स्थान से हटाकर ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर उत्तरी गुवाहाटी के रंगमहल में प्रस्तावित न्यायिक टाउनशिप में स्थानांतरित करना चाहती है लेकिन GHCBA इसका विरोध कर रहा है। GHBCA के इस विरोध के विरोध में सरमा ने बार एसोसिएशन से इस्तीफा दे दिया है।
CM सरमा ने चिट्ठी में क्या लिखा
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को लिखे पत्र में सरमा ने कहा कि वह 1994 से 2001 तक वकालत में सक्रिय रहे हैं और बार एसोसिएशन के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि वह न केवल हितों के टकराव से बचने के लिए बल्कि न्यायिक सुधार, संस्थागत विकास और कानूनी प्रणाली के भविष्य के व्यापक हित में भी बार की सदस्यता छोड़ रहे हैं।
GHCBA का दावा- स्थानांतरण से होगी दिक्कतें
दूसरी तरफ, GHCBA ने दावा किया है कि न्यायालय परिसर को स्थानांतरित करने का सरकार का फैसला एकतरफा है। एसोसिएशन का कहना है कि पर्याप्त बुनियादी ढांचा का विकास किए बिना दूरदराज के क्षेत्र में हाई कोर्ट परिसर को स्थानांतरित करने से कानूनी कार्यवाही में बाधा आएगी और वादियों तथा कानून से जुड़े पेशेवर लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
उधर, सरमा ने ग्वालपाड़ा में पंचायत चुनाव रैली से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के तौर पर मैं रंगमहल में नए न्यायालय परिसर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हूं। बार निकाय सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है। इस मामले में हितों के टकराव की बात सामने आने के बाद मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है।’’
महाधिवक्ता ने भी दिया इस्तीफा
इससे पहले, राज्य के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया ने भी बार एसोसिएशन से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि गौहाटी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने के कदम का विरोध करने के लिए सरकार से दो-दो हाथ करने की राह पर है। इससे हाईकोर्ट में भी बार और बेंच के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
सैकिया द्वारा दायर दो याचिकाओं पर कार्रवाई करते हुए, हाई कोर्ट ने पिछले महीने GHCBA के अध्यक्ष कमल नयन चौधरी सहित तीन वकीलों को न्यायालय की अवमानना अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया था। यह नोटिस वकीलों द्वारा बार निकाय द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन के दौरान एक मौजूदा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ की गई टिप्पणियों के संबंध में जारी किया गया था। इसके बाद, शीर्ष अदालत ने चौधरी के खिलाफ कार्यवाही जारी करने पर रोक लगा दी, लेकिन एक वरिष्ठ अधिवक्ता सहित अन्य दो वकीलों के खिलाफ अवमानना का मामला जारी रखने की अनुमति दी।