सिताब दियारा से बिहार बदलाव यात्रा शुरू करेंगे प्रशांत किशोर, संपूर्ण क्रांति आंदोलन के नेता जेपी का गांव
लोकनायक जय प्रकाश नारायण के गांव से सिताब दियारा से 20 मई को प्रशांत किशोर बिहार बदलाव यात्रा पर निकलेंगे।

बिहार में चुनावी साल में यात्राओं के नए नए दौर जारी हैं। सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर बिहार बदलाव यात्रा पर निकलने वाले हैं। इसका ऐलान उन्होंने 11 अप्रैल को गांधी मैदान पटना की रैली में कर दिया था। पीके की बिहार बदलाव यात्रा शुरू किए की तारीख और स्थान तय हो गया है। लोकनायक जय प्रकाश नारायण के गांव से मई महीने में प्रशांत किशोर बिहार बदलाव यात्रा पर निकलेंगे। इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी की कर्म धरती मोतिहारी के भितिहरवा स्थित आश्रम से बिहार की पदयात्रा 2 अक्टूबर 2022 को शुरू किया और राज्य के कई जिलों का भ्रमण किया।
शुक्रवार को जन सुराज की उद्घोष यात्रा के तहत प्रशांत किशोर आज एक दिवसीय दौरे पर जमुई पहुंचे। जमुई से उन्होंने बड़ा ऐलान किया। बताया कि 20 मई को जय प्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियारा से बिहार बदलाव यात्रा की शुरुआत की जाएगी। जेपी के अधूरे सपने को पूरा करने, बिहार में बदलाव लाने और संपूर्ण क्रांति के रूप में व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य से बिहार के विभिन्न जिलों में यह यात्रा जाएगी।
पीके ने बताया कि जेपी ने किसी जमाने में व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई शुरू किया था। इसे रेखांकित करते हुए बिहार बदलाव यात्रा के लिए उनकी जन्म धरती का चयन किया गया है। बिहार में बच्चों की पढ़ाई और रोजगार की व्यवस्था हो, बिहार भी देश के अन्य राज्यों की तरह विकास की दौड़ में शामिल हो। जेपी के सपनों को पूरा करना हमारा मकसद है।
प्रशांत किशोर ने पीएम मोदी के बिहार दौरे पर निशाना साधा। कहा कि पीएम मोदी गुजरात में 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करके बुलेट ट्रेन बनवा रहे हैं और बिहार में सिर्फ 1-2 रेलवे लाइन का दोहरीकरण की घोषणा हुई और कुछ नई ट्रेनें शुरू की गई हैं। नई ट्रेनें भी इसलिए शुरू की गई ताकि बिहार के बच्चे उन ट्रेनों में बैठकर गुजरात की फैक्ट्रियों में काम कर सकें। उन्होंने कहा कि हमें खुशी होती अगर मोदी जी बिहार में स्टील की फैक्ट्रियां लगवाते और बिहार में बना स्टील मालगाड़ियों से देशभर में पहुंचाया जाता। बिहार को सिर्फ नई ट्रेनों की जरूरत नहीं है, बिहार को फैक्ट्रियों की जरूरत है। गुजरात की तरह बिहार में भी गिफ्ट सिटी बननी चाहिए ताकि बिहार के बच्चों को मजदूरी करने के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े।