तेल विक्रेता मिलावटखोरों से तंग बाजार में पार्किंग बनाने की मांग
बेतिया के मीना बाजार में खाद्य तेल व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मिलावटी तेल की बिक्री, खराब बुनियादी सुविधाएं, जलजमाव, और पार्किंग की कमी ने व्यापार में मंदी ला दी है।...
बेतिया के मशहूर मीना बाजार परिसर में खाद्य तेल का व्यापार करने वाले छोटे-बड़े दुकानदार कई तरह की परेशानियों को झेल रहे हैं। व्यापार में मंदी और बुनियादी सुविधाओं की कमी से इनकी परेशानी बढ़ती जा रही है। यहां पर एक तरफ कई छोटी बड़ी दुकानों में काला और पीले तोरी या राई की पेराई कर सरसों का तेल निकाल कर ग्राहकों को थोक व खुदरा स्तर पर बेचा जाता है। वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग ब्रांड के खाद्य तेल के विक्रेताओं के यहां कई दुकानें संचालित की जाती हैं। दुकानदारों का कहना है कि मिलावटी खाद्य तेल की चोरी छुपे सस्ते दाम पर बिक्री, दुकान के सामने वाहनों को लगाने, नालियों की सफाई, चहारदीवारी का निर्माण, माल भंडारण की समस्या, बिजली के तार को दुरुस्त करने समेत कई अन्य प्रकार की समस्याओं से रोजाना सामना करना पड़ता है। मीना बाजार की अलग-अलग तंग गलियों में इन तेल विक्रेताओंं की छोटी-बड़ी कई दुकानें है। बेतिया की वर्षों पुरानी मीना बाजार की वैसी गलियां जहां पर तेल विक्रेताओं का कारोबार होता है, वहां की हालत इतनी खराब है कि अगर थोड़ी सी बारिश हो जाए तो ग्राहकों को वहां पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। बीते गुरुवार को हुई बारिश के कारण यहां दुकान के सामने कई जगहों पर जलजमाव व फिसलन की स्थिति बन गयी। ग्राहकों को भी यहां तक पहुंचने में बहुत परेशानी हो रही थी। इस बाजार में आने वाले लोगों व यहां के व्यापारियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से इन तंग गलियों के दोनों ओर दो पहिए वाहन लगा दिए जाते हैं इससे यहां की दुकानों तक माल की आपूर्ति करने वाले छोटे वाहन अथवा ठेला पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। बातचीत के क्रम में खाद्य तेल के दर्जनों विक्रेताओं ने अपनी अलग-अलग समस्याओं को साझा किया।
खाद्य तेल विक्रेता संदीप केसान ने बताया कि फिलहाल सबसे अधिक परेशानी मीना बाजार में मिलावटी तेल की आवक को लेकर है। उन्होंने बताया कि शुद्ध तेल का व्यापार करने वाले दुकानदारों को इससे सबसे अधिक परेशानी हो रही है। सस्ते दाम में यहां पर मिलावटी तेल की बिक्री हो जाने के कारण खाद्य तेल विक्रेताओं को मंदी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में प्रशासन द्वारा कई मिलावटी खाद्य तेल विक्रेताओं को पकड़ा गया था। बता दें की मीना बाजार में जिला मुख्यालय के आसपास के सैकड़ों गांव के व्यापारी काला और पीले सरसों की बिक्री करते हैं। यहां पर पुश्तैनी काम करने वाले तैलिक समाज के लोग सरसों की पेराई कर उसका शुद्ध तेल निकाल कर बिक्री करते हैं। यहां पर जिले के कोने- कोने से प्रतिदिन सैकड़ों ग्राहक खरीदारी करने आते हैं। सरसों की पेराई करने वालों के अतिरिक्त अलग-अलग ब्रांडों की भी कई दुकानें इस बाजार में हैं। दुकानदारों ने बताया कि इस बाजार की एक सबसे बड़ी समस्या बजबजाती नालियां भी है। इसके कारण आए दिन सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। ग्राहक दुकान तक पहुंच ही नहीं पाते। यहां नगर निगम की गाड़ी पहुंचती ही नहीं है। सफाई नहीं होने से यहां गंदगी का अंबार लगा रहता है। प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं है।
प्रस्तुति- मनोज कुमार राव
बिजली के झूलते तार से हादसे की आशंका
दुकानों के ऊपर बेतरतीब बिजली के तार का मकड़जाल है। इससे हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। दुकानदार अजय ने बताया कि लंबे समय से नालियों की सफाई नहीं की गई है। यहां पहुंचने वाले माल की विभागीय स्तर पर जांच नहीं करने से मिलावटी खाद्य तेल की भी धड़ल्ले से आपूर्ति हो रही है। पास में ही महाराजा पुस्तकालय से सटा बाउंड्री वाल है जो कई स्थान पर टूटकर गिर चुका है। जो बचा हुआ है उसकी हालत भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इस रास्ते असामाजिक तत्वों के बाजार परिसर में प्रवेश करने की आशंका बनी रहती है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि इन दिनों ऑनलाइन खरीदारी हो जाने के कारण भी बाजार में मंदी है। पहले शादी ब्याह अथवा किसी भी प्रकार के आयोजनों के समय जिले के दूर-दूर से लोग आकर यहां पर मोटी खरीदारी करते थे, लेकिन अब ग्राहकों की इतनी कमी हो गयी है कि रोजगार चलाना मुश्किल पड़ रहा है। इसके अलावे दुकानों की लीज की समस्या से भी सभी परेशान हैं। इसी कारण व्यापार का विस्तार भी नहीं किया जा रहा है। अधिकाशं खाद्य तेल विक्रेताओं ने बताया कि यहां की दुकानें छोटी-छोटी है। ऐसे में माल बाहर रखना पड़ता है। भंडारण की सुविधा नहीं है और लीज की समाप्ति के भय से आने वाला भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। दुकानदारों ने माल भंडारण के लिए जगह के साथ मिलावटी तेल को लेकर लगातार छापेमारी करने की जरूरत बतायी।
चोरी -छिपे पहुंच रहा मिलावटी तेल
मीनाबाजार के छोटे बड़े दुकानों में खाद्य तेल की बिक्री करने वालों कारोबारियों के लिए सबसे बड़ी समस्या मिलावटी तेल है। इस कारण से लोगों का विश्वास उनपर कम हो रहा है। दुकानदारों का कहना है कि ब्रांडेड में भी मिलावटी तेल की आशंका लोगों को होती है। चोरी छिपे मिलावटी तेल के बाजार में पहुंचने से परेशानी हो रही है। पार्किंग का अभाव, बजबजाती नाली, जर्जर बिजली के तार तथा सुरक्षित चहारदीवारी की मांग करने वाले इन दुकानदारों को लीज समाप्त होने का भय भी सता रहा है। इनकी मांग है कि अगर नगर निगम अथवा जिला प्रशासन द्वारा यहां के बाजार तंत्र की नियमित जांच पड़ताल कराई जानी चाहिए। इससे आमलोगों के साथ ही दुकानदारों को भी बहुत लाभ होगा।
मीना बाजार में खाद्य सामग्रियों में मिलावट की सूचना मिलने पर पूर्व में भी कार्रवाई की गयी थी। विभाग द्वारा नियमित जांच की जाती है। मीना बाजार में खाद्य तेल में मिलावट कर बिक्री करने वालों के बारे में जांच पड़ताल की जाएगी। ऐसे दुकानदारों की सूची तैयार कर उनपर कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई होगी।
सुदामा चौधरी, फूड इंस्पेक्टर एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स
मीना बाजार में जलजमाव की समस्या बारिश के दिनों में देखी जाती है। उसके लिए अतिरिक्त मजदूर भी लगाया जाता है। जब भी वहां जलजमाव होता है, अतिरिक्त मजदूर लगा करके सफाई कराई जाती है और जलजमाव से मुक्ति दिलाई जाती है। वहां अतिक्रमण की भी समस्या लोग बताते हैं। जल्द समस्या के निदान की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।
विनोद कुमार, सिंह नगर आयुक्त
सुझाव
1. मीना बाजार में मिलावटी तेल की आवक को रोकने के लिए जिला प्रशासन को सक्रिय रहना होगा। जांच व छापेमारी हो।
2. मीनाबाजर में दुकानों के ऊपर से गुजरे बेतरतीब बिजली के तार के मकड़जाल को दुरुस्त करने की व्यवस्था हो।
3. बाजार परिसर के आसपास व्यापारियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।
4. मिलावटी राई अथवा सरसों तेल का कारोबार करने वाले दुकानदारों पर जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई करे।
5. बाजार में प्रवेश करने के लिए रास्ते के पास बाउंड्री कई स्थान पर टूटकर गिर चुका है उसकी मरम्मत होनी चाहिए।
शिकायतें
1. मिलावटी तेल की आवक से दुकानदारों को परेशानी हो रही है। लोग खुले तेल पर भराेसा कम करने लगे हैं।
2. थोड़ी सी बारिश हो जाए तो खरीदारी करने के लिए बाजार तक ग्राहकों को पहुंचने में काफी परेशानी होती है।
3. बेतरतीब बिजली के तारों का मकड़जाल है। इससे हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
4. यहां के व्यापारियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से तंग गलियों के दोनों ओर दो पहिए वाहन लगा दिए जाते है।
5. लंबे समय से मीना बाजार के दुकानों के सामने बहने वाली नालियों की सफाई नहीं की गई है।
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