बेहतर प्रशिक्षण व सुविधा मिले तो बेतिया से भी निकलेंगे राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर
बेतिया के फुटबॉल खिलाड़ियों की सुविधाओं की कमी के कारण वे राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। हरनाटाड़ और वाल्मीकिनगर के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि बेतिया में कोचिंग और...
जिले के खिलाड़ी फुटबॉल में प्रत्येक वर्ष राज्य और देशस्तर पर मेडल ला रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्ष से हरनाटाड़ और वाल्मीकिनगर के सिट्ठी की टीम राज्यस्तर और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर रही है। हरनाटाड़ के सूरज कुमार, युवराज कुमार आदि ने मेडल जीतकर राज्य का नाम रोशन किया है। लेकिन बेतिया के खिलाड़ी अभी बहुत पीछे हैं। बेतिया के खिलाड़ियों का कहना है कि हरनाटांड में कोचिंग सेंटर होने के कारण खिलाड़ी बेहतर कर रहे हैं। लेकिन हमारे पास यहां बेहतर कोचिंग की सुविधा नहीं है। यहां एकमात्र फुटबॉल मैदान महाराजा स्टेडियम में है। वह मैदान भी जर्जर हो चुका है।
यहां मैदान पर घास उगने से समस्या है। उसकी कटाई-छंटाई तक नहीं होती है। मैदान की मिट्टी बहुत कड़ी है। गिरने पर खिलाड़ी जख्मी हो जाते हैं। मैदान की देखरेख नहीं होने से समस्या होती है। फुटबॉल खिलाड़ी सुफियान, अमानत अंसारी, रौनक कुमार आदि बताते हैं कि यहां के खिलाड़ी बेहतर हैं, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पाती है। इस कारण वे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं बना पा रहे हैं। खिलाड़ी जिले से राज्य स्तर तक किसी तरह पहुंच जाते हैं, लेकिन उससे आगे बढ़ने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षक व प्रशिक्षण की आवश्यकता है। जिला फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव डॉ इंतेशारुल हक बताते हैं कि पश्चिम चंपारण में फुटबॉल की शुरू से ख्याति रही है। महाराजा कप से लेकर मोइनुल हक टूर्नामेंट तक के मुकाबले यहां पर खेले जाते रहे हैं। लेकिन आज एक मात्र स्टेडियम होने के कारण टूर्नामेंट के मैच कई बार बेतिया से बाहर होते हैं। शहर में जब तक फुटबॉल के लिए दो-तीन स्टेडियम नहीं बनेगा तब तक खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। स्टेडियम के खिलाड़ी रौनक कुमार, अंश कुमार बताते हैं कि यहां पर पीने के पानी की सुविधा नहीं है। पानी के लिए एक चापाकल है। कई बार चापाकल पर पानी के लिए लाइन लगाना पड़ता है। चापाकल के पानी से दुर्गंध उठता है। पानी पीने के लिए खिलाड़ियों को रमना मैदान की ओर मार्केट में जाना पड़ता है। यहां के शौचालय में ताला जड़ा हुआ है। इसके चलते खिलाड़ियों को घर लौटना पड़ता है या फिर मीना बाजार की ओर रुख करना पड़ता है। खिलाड़ियों के लिए यहां रात में खेलने की कोई सुविधा नहीं है। खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम में फ्लड लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। खिलाड़ी हरीश कुमार, कोच जलील अहमद, संगठन से जुड़े इकबाल सबा ने बताया कि यहां पर मैदान में पानी का छिड़काव नहीं किया जाता है। मैदान समतल नहीं होने से खिलाड़ियों को परेशानी होती है। मैदान की उचित देखभाल की व्यवस्था नहीं होने से खिलाड़ियों को परेशानी होती है। खेल प्रशासन को चाहिए कि खिलाड़ियों की बेहतर सुविधा के लिए प्रशिक्षण और बेहतर मैदान की व्यवस्था करें। ताकि खिलाड़ी राज्य और देश स्तर पर अपना प्रदर्शन कर सकेें। बिना सुविधा और प्रशिक्षण के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में परेशानी होती है।
प्रस्तुति : गौरव कुमार
पंचायतस्तर पर बनाया जा रहा स्टेडियम : खेल पदाधिकारी
विजय कुमार पंडित जिला खेल पदाधिकारी ने कहा कि नगर के महाराजा स्टेडियम के अलावा पंचायत वार स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। ज्यादातर पंचायत में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसमें ज्यादातर स्टेडियम का उपयोग फुटबॉल के मैदान के रूप में किया जा सकता है। इसके लिए वहां पर फुटबॉल को खेलने के लिए खंबे गाड़े जा रहे हैं। जहां तक महाराजा स्टेडियम का सवाल है वहां पर शौचालय बनाया गया है अगर शौचालय का दरवाजा बंद रहता है तो वहां के गार्ड से पूछताछ की जाएगी। गार्ड को पहले से निर्देश दिया गया है कि सुबह में और शाम में जब खिलाड़ी खेलने आते हैं तब शौचालय का दरवाजा खोल दिया जाए। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर महाराजा स्टेडियम का विस्तार करके मल्टीपरपस स्टेडियम का निर्माण कराया जाना है। जिसमें एथलेटिक ट्रैक के अलावा फुटबॉल का स्टेडियम बनेगा। तब खिलाड़ियों को कोई भी असुविधा नहीं होगी।
सुझाव
1. महाराजा स्टेडियम में पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। यहां आरओ लगाया जाना चाहिए।
2. महाराजा स्टेडियम के दोनों शौचालयों को खिालड़ियों के लिए खोला जाना चाहिए।
3. महाराजा स्टेडियम में आम लोगों के आने जाने पर रोक लगनी चाहिए। इससे खिलाड़ियों को सुविधा होगी।
4. फुटबॉल ग्राउंड का एक दो जगह और निर्माण होना चाहिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी फुटबॉल खेल सके।
5. खिलाड़ियों के लिए बेहतर कोचिंग की सुविधा खेल विभाग को उपलब्ध करानी चाहिए। ताकि खिलाड़ी बेहतर कर सकें।
शिकायतें
1. महाराजा स्टेडियम में पीने के पानी की समस्या है। एक चापाकल है। उसके पानी से भी दुर्गंध आती है।
2. महाराजा स्टेडियम में दो शौचालय है, लेकिन दोनों में ताला जड़ दिया गया है। इससे खिलाड़ियों को परेशानी होती है।
3. स्टेडियम के बीच से लोगों का आवागमन होता है। इससे प्रैक्टिस में बाधा आती है।
4. खिलाड़ियों को रात में खेलने की सुविधा महाराजा स्टेडियम में नहीं है। इससे खिलाड़ियों को परेशानी होती है।
5. खिलाड़ियों के लिए कोचिंग की सुविधा नहीं है। खिलाड़ी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं।
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