इनडोर स्टेडियम में पानी और चेंजिंग रूम के साथ शौचालय के लिए जूझ रहे
बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए नगर भवन के पीछे बने इनडोर स्टेडियम में सुविधाओं का अभाव है। छोटे और बुजुर्ग खिलाड़ी यहां रोजाना आते हैं, लेकिन उन्हें चोट, पानी की कमी और सफाई की समस्याओं का सामना करना...
बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए शहीद पार्क के बगल में नगर भवन के पीछे इनडोर स्टेडियम बनाया गया है। यहां सुविधाओं का अभाव है। छोटे-छोटे बैडमिंटन खिलाड़ी से लेकर वयस्क और बुजुर्ग बैडमिंटन खिलाड़ी भी रोजाना खेलने जाते हैं। छोटे खिलाड़ी जहां अपने करियर को लेकर वहां खेलने जाते हैं तो बुजुर्ग खिलाड़ी अपने फिटनेस को लेकर और शौकिया तौर पर बैडमिंटन खेलने के लिए वहां जाते हैं। यहां खेलने आनेवाले खिलाड़ी युवराज कुमार, अस्तित्व कुमार, शौर्य कुमार, आयुष कुमार आदि का कहना है कि स्टेडियम में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन के लिए चार कोट बने हैं लेकिन दो कोट पर ही मैट की व्यवस्था है। जिन दो कोट पर मैट की व्यवस्था नहीं है वहां खेलने के दौरान खिलाड़ी अक्सर चोटिल हो जाते हैं।
इनडोर स्टेडियम में खेलने वाले बैडमिंटन खिलाड़ी आदीश बताते हैं कि मैट नहीं रहने की स्थिति में यहां खेलना बहुत मुश्किल है। बुजुर्ग खिलाड़ी यहां पर खेलने आते हैं। हम लोग भी खेलने आते हैं तो काफी परेशानी होती है। कोट खाली नहीं रह पाता है। बिना मैट वाले पर खेलना जोखिम उठाने जैसा है। खिलाड़ी अश्विन कुमार ने बताया कि यहां पर चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं होने के कारण जब हम खेलने आते हैं तो हमें ओपन में ही चेंज करना पड़ता है। वहीं, कृष्ण कुमार ने कहा कि पानी की समस्या है पानी लेने हमें मीना बाजार जाना पड़ता है। यहां पर पेयजल की समस्या होने के कारण परेशानी होती है। इस खेल में थकावट होती है। ऐसे में पानी की जरूरत पड़ती है, लेकिन पानी की यहां पर किल्ल्त है। अस्तित्व कुमार ने कहा कि यदि खेलते हुए किसी खिलाड़ी को शौच लग जाए तो मीना बाजार जाना पड़ता है। यहां का शौचालय बंद पड़ा है। यहां पर शौचालय की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे खिलाड़ियों को असुविधा नहीं हो। खिलाड़ी अभयानंद दीक्षित ने बताया कि यहां साफ-सफाई की व्यवस्था बदहाल है। यहां खेलने के लिए आनेवाले खिलाड़ियों को खुद ही साफ-सफाई करनी पड़ती है। ऐसे में खिलाड़ियों को परेशानी होती है। खिलाड़ी शुभम लखोरिया ने बताया कि रात के समय में यहां पर लाइटिंग की व्यवस्था बेहतर नहीं है। बार-बार बिजली कट जाती है। निर्बाध रूप से बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि खेलने में व्ववधान नहीं हो। खिलाड़ी उमंग कुमार, शुभ कुमार आदि ने बताया कि यहां ट्रेनिंग कैंप और बेहतर ट्रेनर नहीं होने के अभाव में खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरकर सामने नहीं आ पाती है। संजय बरनवाल और सच्चिदानंद ठाकुर ने बताया कि व्यवस्थाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन अब इसमें काफी सुधार की आवश्यकता है। जिला प्रशासन और खेल विभाग से सहयोग मिलने पर भी आगे कुछ किया जा सकता है। बेहतर ट्रेनर बेहतर मैट व अन्य सुविधाओं के अभाव में यहां खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। खिलाड़ी युवराज कुमार ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए मेडिकल सुविधा भी यहां पर होनी चाहिए। यदि कोई खिलाड़ी को चोट लग जाती है तो उसका इलाज तुरंत होना चाहिए।
प्रस्तुति -गौरव कुमार
इंडोर स्टेडियम को ठीक करने के लिए मांगी जा रही राशि
नगर के इंडोर स्टेडियम की खराब व्यवस्था को ठीक करने के लिए विभाग से राशि की मांगी जा रही है। स्टेडियम में चार शौचालय हैं। उसे यदि कोई बंद रखता है तो उसपर कार्रवाई होगी। ये शौचालय खिलाड़ियों के लिए ही हैं। शौचालय खेलने के समय तक हर हाल में खुला रहना चाहिए। एक गार्ड भी साफ-सफाई के लिए रखा गया है। गार्ड को कोट आदि की सफाई करनी है। दर्शक दीर्घा में सफाई नहीं होने की बात ठीक है, लेकिन ग्राउंड साफ रहता है। दर्शक दीर्घा की सफाई के लिए जल्द ही व्यवस्था की जाएगी है। संसाधनों को ठीक करने के लिए विभाग से राशि की मांग की तैयारी है।
-विजय कुमार पंडित, जिला खेल पदाधिकारी
सुझाव
1. इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि खिलाड़ियों को शर्मसार नहीं होना पड़े।
2. सुबह और शाम में यहां पर बैडमिंटन खेलने के लिए यहां खिलाड़ी आते हैं। ऐसे में बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था हो।
3. बैडमिंटन खेलने में काफी ऊर्जा लगती है, ऐसे में यहां पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।
4. खिलाड़ियों के लिए मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। शौचालय की व्यवस्था तो यहां होनी ही चाहिए।
5. इंडोर स्टेडियम में दो कोट पर मैट नहीं है। बाकी दोनों कोट पर भी मैट की व्यवस्था होनी चाहिए।
शिकायतें
1. इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं है। कपड़ा चेंज करने में परेशानी होती है।
2. इनडोर स्टेडियम में बैडमिंटन के चार कोट हैं लेकिन मैट दो ही कोट पर है। ऐसे में चारों कोट पर खिलाड़ी नहीं खेल पाते हैं।
3. इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए मेडिकल सुविधा नहीं है। कोई खिलाड़ी गिर जाए तो समय पर इलाज नहीं हो पाता है।
4. खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए यहां ट्रेनर उपलब्ध नहीं है। इस कारण खिलाड़ियों की प्रतिभा निखर नहीं पाती है।
5. खिलाड़ी राज्यस्तरीय टूर्नामेंट में बेहतर नहीं कर पा रहे हैं। बेहतर लाइटिंग और शौचालय की व्यवस्था नहीं है।
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