खिरियाघाट का संकरा पुल हुआ जानलेवा, चौड़ाई बढ़ाना जरूरी
खिरियाघाट स्थित संकीर्ण पुल बैरिया प्रखंड के लिए लाइफलाइन है, लेकिन इसकी चौड़ाई कम होने से भारी जाम लगता है। एंबुलेंस के फंसने से मरीजों की जान पर बन आती है। स्थानीय लोगों ने दो लेन पुल बनाने की मांग...
नगर के खिरियाघाट स्थित चंद्रावत नदी पर बना संकीर्ण पुल बैरिया प्रखंड समेत शहर के दक्षिणी क्षेत्र जीएमसीएच जाने के लिए लाइफ लाइन मानी जाती है। इस पुल से एक साथ दो वाहन नहीं आ-जा सकते हैं। इस कारण वहां भीषण जाम लगता है। इसमें एंबुलेंस समेत अन्य वाहनों का फंसना आम बात है। जाम में फंसने पर एंबुलेंस के मरीज की जान पर बन आती है। इंतजार करने के अलावा लोगों के पास कोई विकल्प नहीं बचता है। इसी तरह स्कूली बच्चों को भी आने-जाने में परेशानी होती है। समाजसेवी संतोष कुमार सिंह, पप्पू जायसवाल, शत्रुघ्न शाह, जावेद आलम ने बताया कि बैरिया प्रखंड से जिला मुख्यालय के लिए खिरियाघाट पुल सबसे मुख्य पथ है।
इस रास्ते प्रतिदिन लगभग सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। लेकिन चंद्रावत नदी पर बने पुल की चौड़ाई कम होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस पुल से ट्रक और बस नहीं जा पाते हैं। जबकि शहर का सबसे व्यस्ततम सड़क है। शादी-विवाह के समय तो यहां से जाना कष्टकारक होता है। सुबह 11 से लेकर 4 बजे तक भयंकर जाम रहता है। अरुण सिंह, बृजेश कुमार,अनिल कुमार ने बताया कि जाम के कारण स्कूली बच्चों को समय से विद्यालय पहुंचने में देरी होती है। कारोबार भी चौपट हो रहा है। जबकि इस इलाके में बड़े-बड़े नर्सिंग होम और जीएमसीएच मेडिकल कॉलेज है। जहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज कराने आते हैं। यहां डबल लेन की पुल की मांग वर्षों से हो रही है। कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस समस्या के समाधान के लिए गुहार लगाई गई। लेकिन 30 वर्षों में भी इसका समाधान नहीं निकल सका। अनुमानत: एक साल में जाम के कारण आधा दर्जन मरीजों की मौत हो चुकी है। जाम में मरीजों के फंस जाने से समय से इलाज नहीं हो पाता है। डबल लाइन पुल बनाने के लिए कई बार आंदोलन भी किया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लिखित रूप से आवेदन भी दिया गया। संकीर्ण पुल होने के कारण निर्माण सामग्री लाने के लिए लोगों को तीन किलोमीटर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इस पुल से खुशी टोला, चौतरीय टोला, हाट सरेया डीह, भितहा, बगही, साई टोला आदि के रहने वाले मोहल्लेवासियों को मेडिकल कॉलेज, जिला मुख्यालय, कोर्ट कचहरी, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, मीना बाजार, लाल बाजार आदि आने-जाने का यही एक मुख्य मार्ग है। वही पुल के नीचे गंदगी से यात्रियों को नाक पर रूमाल रखकर पार करना पड़ता है। गंदगी से स्थानीय लोगों का रहना दूभर हो गया है। छात्र फिलिप अली, मो दानिस ने बताया कि जाम लगने से हम सभी छात्रों को काफी परेशानी होती है। कॉलेज जाने के लिए हम लोगों को एक घंटे पहले घर से निकलना पड़ता है। कई बार जाम लगने से ट्रेन छूट जाती है। प्रशासन जाम के प्रति गंभीर नहीं है। नगर निगम भी उदासीन बना हुआ है। जबकि यह इलाका बेतिया का हॉट लाइन है। इस इलाके में दो दर्जन से ज्यादा बड़े नर्सिंग होम हैं। दो दर्जन से ज्यादा चिकित्सक अपना क्लीनिक चलाते हैं। जहां मरीजों को पहुंचने के लिए जाम के कारण काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
प्रस्तुति: श्रीकांत तिवारी/शत्रुध्न शर्मा
चंद्रावत नदी पर खिरियाघाट के पास पूर्व से बनी संकीर्ण जर्जर पुल को तोड़कर मुख्यमंत्री सेतु योजना से बनाने का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया है। पुल को टू लेन बनाये जाने की योजना है। ताकि गाड़ियों को शहर की ओर आने में कोई परेशानी नहीं हो। साथ ही लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिले। पुल का निर्माण हो जाने से जाम की समस्या खत्म हो जाएगी।
-संजय कुमार,सहायक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग
चंद्रावत नदी पर खिरियाघाट के समीप सड़क निर्माण का प्रयास किया जा रहा है। जर्जर सड़क निर्माण के लिए डीपीआर बनाने के बाद प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद सड़क निर्माण का टेंडर जारी होगा। टेंडर की प्रक्रिया फाइनल होते ही सड़क निर्माण का काम शुरू करा दिया जाएगा। लोगों की समस्या को जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
-ई.रविकांत कुमार, कार्यपालक अभियंता, बुडको
सुझाव
1. संकीर्ण पुल को तोड़कर चौड़ीकरण किया जाए। यहां दो लेन पुल की आवश्यकता है।
2. दो लेन पुल के निर्माण होने से ही समस्या पर काफी हद तक रोक लग सकेगी। लोगों को सुविधा होगी
3. जाम पर नियंत्रण के लिए यहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होनी चाहिए। ताकि जाम नहीं लगने पाए।
4. पुराने पुल के बगल में नये पुल के निर्माण से भी लोगों को काफी सुविधा होगी। इस दिशा में पहल होनी चाहिए।
5. स्कूल के टाइमिंग के समय तथा बाजार के समय पुल के दोनों तरफ ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था की जानी चाहिए।
शिकायतें
1. पुल संकीर्ण होने से प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय पहुंचने में घंटों समय लगता है। इससे परेशानी होती है।
2. जर्जर और संकीर्ण पुल से हर समय खतरा बना रहता है। पुल पर घंटों गाड़ी खड़ी रहती है
3. पुल संकीर्ण होने के कारण एंबुलेंस को अधिक समय लगता है। जाम से मरीज की मौत तक हो जाती है।
4. प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय पढ़ने आने वाले छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
5. सुबह से लेकर शाम तक इस संकीर्ण पुल पर जाम लगा रहता है। लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
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