थारू समाज को साथ रखता है थरुहट का सुभद्रा मेला
नरकटियागंज जिले के आदिवासी क्षेत्र में सुभद्रा माता मंदिर का महत्व बहुत बड़ा है। नेपाल और भारत के कई श्रद्धालु यहाँ हर साल आते हैं। चैत्र नवरात्र में होने वाला मेला थारू समाज के लिए विशेष है, जो...

नरकटियागंजं। जिले के आदिवासी क्षेत्र में स्थित सुभद्रा माता मंदिर का महत्व बड़ी शक्तिपीठ से तनिक भी कम नहीं है। इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए नेपाल समेत बिहार व उत्तर प्रदेश के लाखों श्रद्धालु प्रति वर्ष पहुंचते हैं। भारत नेपाल सीमा के समीप चैत्र नवरात्र में शुरू होने वाला यह मेला थारू आदिवासियों के लिए अति महत्वपूर्ण है। यह मेला थारू समाज को आपस में जोड़ने में प्रमुख भूमिका निभाता है। उनका मानना है कि पूरी श्रद्धा के साथ सुभद्रा माता दरबार में पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जमुनिया के ग्रामीण बताते हैं कि सुभद्रा माता के मेले में नेपाल से लेकर विराटनगर के थारू पहुंचते हैं। इस समाज के बहुतेरे लोग जो काठमांडू,पोखरा जैसे जगहों पर बस गए हैं,वे भी पूरी श्रद्धा के साथ यहां आते हैं। नेपाल के दो दर्जन से अधिक जिले के लोगों का आगमन सुभद्रा माता के रामनवमी मेले में होता है। पंचगछिया के गुमस्ता हर्ष नारायण महतो ने बताया कि नेपाल के जनकपुर,भैरहवा, चितवन परसा, बारा,रौतहट,मलंगवा आदि जिलों के थारू समाज के हजारों लोग सुभद्रा मेला में आए थे। उन्होंने बताया कि थारू समाज के लोग इस क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में ठहरते हैं। इससे समाज की मजबूती बढ़ती है। यहां प्रवास के दौरान वे पूजा करने के साथ साथ समाज के विकास को लेकर विचार साझा करते हैं। ई गढ़वाल ने बताया कि थारू समाज के लिए यह मेला काफी महत्वपूर्ण है। बाहर रहकर सरकारी अथवा प्राइवेट नौकरी कर रहे थारू समाज के लोग चैत्र नवरात्र व सहोदरा मेला पर घर आना नहीं भूलते। उधर, काठमांडू से पहुंचे काशीनाथ काजी ने बताया कि वे प्रत्येक वर्ष इस मेले के अवसर पर पूरे परिवार के साथ यहां आते हैं। उन्होंने बताया कि नेपाल में बसे थारू समाज के लोगों का सुभद्रा माता मंदिर से विशेष लगाव है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।