मजदूरों को उचित मजदूरी नहीं मिलती है : सहनी
बेतिया में एटक के राष्ट्रीय सचिव उषा सहनी ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जीवन यापन लायक मजदूरी नहीं मिल रही है। सरकार मजदूरों के लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है, जो...

बेतिया, एक संवाददाता। इस देश में करोड़ों असंगठित क्षेत्र के मजदूर मजदूरी करते हैं। जिन्हें जीवन यापन लायक मजदूरी नहीं मिल पाती है। सरकार मजदूरों के सभी तरह के लोकतांत्रिक एवं ट्रेड यूनियन अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है। उक्त बातें एटक के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधान पार्षद उषा सहनी ने कहीं। वे रविवार को शहर के एक होटल के सभागार में आयोजित एटक के राज्य सम्मेलन मे बोल रहे थे। उन्होंने देश में मजदूरों की बिगड़ती हालत पर चिंता जताई। सरकार नियोजितों के हित में कार्य नहीं कर रही है। सरकार ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों से वार्ता भी करना नहीं चाहती है।
रसोइया देश के बच्चों को कुपोषण से बचाने का काम कर रही है। उन्हें उचित मानदेय नहीं दे रही है। सम्मेलन को बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के महासचिव कुमार विन्देश्वर, आशा संघ के राज्य सचिव कौशलेन्द्र वर्मा, एटक के राज्य अध्यक्ष गजनफर नवाब, महासचिव अजय कुमार ने भी सम्बोधित किया। मौके पर लालबाबू राम, वीणा देवी, शंभु नाथ मिश्र, रामाश्रय हजरा, रामायण दास, मोती लाल पटेल थे।
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