Bihar Hospital Faces OPD Registration Issues Due to ABHA Portal Technical Glitches आभा पोर्टल बन रहा है ओपीडी में मरीजों के ईलाज में बाधा, Banka Hindi News - Hindustan
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आभा पोर्टल बन रहा है ओपीडी में मरीजों के ईलाज में बाधा

ओटीपी नहीं मिलने से होती है परेशानी, इलाज में हो रही परेशानीओटीपी नहीं मिलने से होती है परेशानी, इलाज में हो रही परेशानी एक मोबाइल नंबर पर मात्र छह बा

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाWed, 7 May 2025 04:22 AM
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आभा पोर्टल बन रहा है ओपीडी में मरीजों के ईलाज में बाधा

बांका। एक संवाददाता बांका सदर अस्पताल में रोजाना ओपीडी दो सत्र में संचालित होता है। जहां जिलेभर के मरीज अपने ईलाज के लिए पहुंचते हैं। हालांकि कुछ दिनों से ओपीडी में होने वाले मरीजों की उपचार की संख्या में गिरावट आई है। जिसका कारण आभा पोर्टल की टेक्निकल खामियां हैं। मालूम हो कि विगत दो साल से बिहार के सभी जिला और रेफरल अस्पतालों में ओपीडी के मरीजों को आभा ऐप पर पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है तभी ओपीडी का पर्चा काटा जाता है। इसके बाद ओपीडी में बैठे विभिन्न डॉक्टर से चिकित्सीय परामर्श लिया जा सकता है। पहले आभा ऐप पर किसी एक मोबाइल नंबर से 12 बार रजिस्ट्रेशन किया जा सकता था, जिसे घटाकर अब उसकी सीमा मात्र छह बार ही कर दिया गया है ।

जिससे आमजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेष कर देहाती क्षेत्र से आने वाले बुजुर्गों को जिनके पास मोबाइल फोन नहीं होता है, या जिनके पास कोई मोबाइल फोन उपलब्ध भी होता है तो किसी एक विशेष नंबर पर मात्र छः बार ही रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा मिलती है और बिना रजिस्ट्रेशन के ओटीपी प्राप्त नहीं होता है, जिस वजह से ओटीपी के आभाव में रोजाना दर्जनों मरीज बिना पर्चा कटाए ईलाज कराए बगैर वापस लौट जाते हैं और मजबूरन शहर के विभिन्न जगहों पर संचालित हो रहे झोलाछाप चिकित्सकों का सहारा लेने के लिए विवश होते हैं। मेहरपुर निवासी सविता देवी बताती हैं कि वो अबतक अपना और अपने बच्चे का छह बार ओपीडी में पर्चा कटा चुकी हैं और आज आभा ऐप पर उनका पंजीयन नहीं हो रहा है ,और न ही ओटीपी मिल रहा है। इसलिए बिना चिट्ठा के वह डॉक्टर से परामर्श लेने से वंचित हो रही है। इस बात से दुखी होकर उन्होंने सरकार से स्वास्थ्य विभाग की ऐसी गंभीर खामियों को दुर करने की मांग की है। वहीं बिशनपुर निवासी श्यामसुंदर सिंह बताते हैं कि उनके पास एक ही मोबाइल नंबर है,जिसपर अब ओटीपी आना बंद हो गया है। जिससे उन्हें डॉक्टर को दिखाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ लक्ष्मण पंडित ने बताया कि टेक्निकल खामियों की जानकारी उन्हें नहीं थी। ऐसी गंभीर समस्या पर राज्य स्वास्थ्य समिति को संज्ञान लेकर अविलंब इसके रजिस्ट्रेशन और ओटीपी की संख्या आभा पोर्टल पर बढ़ाई जानी चाहिए। हालांकि अस्पताल प्रबंधक द्वारा ऑफलाइन पर्चा काटने की भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है,ताकि कोई भी मरीज ईलाज से वंचित नहीं रह सकें।

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