बोले भागलपुर: भागलपुर शहर में की जाय अंडरग्राउंड वायरिंग
भागलपुर में स्मार्ट सिटी बनने के बावजूद बिजली व्यवस्था में समस्याएँ बनी हुई हैं। स्मार्ट मीटर सिस्टम शुरू होने के बाद, उपभोक्ताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेंटेनेंस के नाम पर बिजली...

स्मार्ट सिटी बनने के बाद भी शहर में बिजली की व्यवस्था स्मार्ट नहीं हो पाई है। कहने को तो स्मार्ट मीटर व्यव्था लागू कर दी गई लेकिन इसके शुरू होने के साथ ही उपभोक्ताओं के सामने परेशानियां भी आने लगीं। मेंटेनेंस के नाम पर अक्सर बिजली की कटौती की जाती है, बावजूद फॉल्ट के कारण बिजली आपूर्ति ठप होने का सिलसिला बरकरार है। पर्व-त्योहारों पर निकलने वाली शोभायात्रा, जुलूस के समय बिजली आपूर्ति घंटों बंद कर दी जाती है। लोगों का कहना है कि शहर में बिजली के तार को अंडरग्राउंड किया जाए। इसके अलावा स्मार्ट मीटर व्यवस्था की खामियों को भी दूर करने की लोगों ने मांग की है।
भागलपुर में बिजली विभाग की ओर से लंबे समय से तार बदलने का काम चल रहा है। लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि बिजली कंपनी द्वारा समय पर काम पूरा कराने के लिए अधिक मानव बल की मदद ली जानी चाहिए। बिजली विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद से विभाग के समक्ष शुरू से ही कई तरह की शिकायत मिलती रही है। जिसका समाधान करने के लिए विभाग और बिजली कंपनी को आगे आने की जरूरत है। शहर में स्मार्ट मीटर की व्यवस्था लागू की गई है। लेकिन इसकी निगरानी के लिए विभाग और बिजली कंपनी को अलग से कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जानी चाहिए। ऑनलाइन रिचार्ज प्रक्रिया के कारण कई उपभोक्ताओं को जानकारी के अभाव में परेशानी होती है। कई लोगों ने स्मार्ट मीटर लगने के बाद प्री पेड व्यवस्था को लेकर बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद से उनसे बिजली आपूर्ति के पैसे पहले ही ले लिए जाते हैं, उसके बाद उन्हें बिजली आपूर्ति कराई जाती है। जबकि सरकार ने अगर मोबाइल रिचार्ज की तर्ज पर यह व्यवस्था लागू की है, तो उन्हें उपभोक्ताओं को पोस्ट पेड की सुविधा भी मुहैया कराई जानी चाहिए। बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के संयोजक प्रकाश चुद्र गुप्ता ने बताया कि भागलपुर में प्रत्येक वर्ष काली पूजा, दुर्गा पूजा, विषहरी पूजा समेत कई विसर्जन शोभयात्रा, मोहर्रम जूलूस, सिख धर्म से जुड़ी शोभायात्रा समेत कई तरह जूलूस निकाले जाते हैं। इस दौरान घंटों बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाती है। जिससे काफी परेशानी होती है। सरकार और जिला प्रशासन को शहर में अंडरग्राउंड वायरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे अनावश्यक रूप से बिजली कट की समस्या से उपभोक्ताओं को राहत मिले। इसको लेकर बिजली उपभोक्ता संघर्ष समित के सभी लोगों ने बिजली कंपनी द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली कटौती को बंद करने की मांग करते हुए बताया कि मेंटेनेंस के नाम पर बिजली काटे जाने उपभोक्ताओं को नुकसान होता है। स्ट्रीट लाइट में स्वीच लगाने, आंधी तूफान या किसी कारण से किसी भी वक्त बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की समस्या आने पर उसे दुरूस्त करने के लिए बिजली कर्मी की स्थायी व्यवस्था करने, स्मार्ट मीटर के कारण आने वाली समस्याओं का समाधान कर लोगों की सुविधा का ख्याल रखने और फुल टाईम बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की बात कही गई। भागलपुर स्मार्ट सिटी है और बिजली उपभोक्ताओं स्मार्ट मीटर के साथ जोड़ा गया है लेकिन इसके लिए भागलपुर के बिजली उपभोक्ताओं को रियायती दर पर स्मार्ट सुविधा की आवश्कता पर विभाग और सरकार को ध्यान देगा होगा। कई लोगों ने बताया कि कई उपभोक्ताओं का घर और दुकान बंद रहने के बाद भी जो बिजली बिल भुगतान करना पड़ता है, इस व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत हैं। साथ ही बताया कि फिक्स चार्ज वसूलने की प्रक्रिया भी बंद होनी चाहिए। मेंटेनेंस के नाम पर किसी ना किसी इलाके की ठप कर दी जाती है बिजली आपूर्ति बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति भागलपुर के संयोजक प्रकाश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि पिछले करीब तीन दशक से भागलपुर में बिजली आपूर्ति समेत इससे जुड़ी समस्याओं को लेकर संघर्ष जारी है, लेकिन आज भी समस्याओं के कारण बिजली उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है। पहले भागलपुर जिले को बिजली की कम आपूर्ति की समस्या से परेशानी थी, जिसका समाधान काफी हद तक हुआ और भागलपुर को पहले से चार गुणा बिजली सप्लाई होती है। उन्होंने बताया कि मेंटेनेंस के नाम पर अक्सर किसी ना किसी इलाके की बिजली आपूर्ति ठप हो जाती है। कॉल सेंटर की सुविधा भी ठीक नहीं और बिजली से जुड़ी समस्या पर कॉल करने पर किया जाता है, तो कभी सही जवाब नहीं मिलता। कभी कोई घार्मिक शोभायात्रा निकाली जाती है तो घंटों बिजली काट दी जाती है। जितनी बिजली खपत करे उतने का ही बिल भुगतान की उपभोक्ताओं को मिले छूट बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति भागलपुर के सह संयोजक डॉ. फारूक अली ने बताया कि भागलपुर में 1912 में ही बिजली आपूर्ति की शुरुआत की गई। राजधानी पटना से पहले भागलपुर में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था बहाल हुई। लेकिन बिहार में बिजली की व्यवस्था होने के करीब 113 साल बीत जाने के बाद आज भी शहर वासियों को बिजली आपूर्ति समेत कई तरह की समस्या को लेकर प्रशासन के समक्ष संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों को यह स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, कि जितनी बिजली वो खपत कर रहे हैं, सिर्फ उतने का ही उसको बिल भुगतान करना पड़े। बिजली लोड का अधिभार नहीं होना चाहिए। जबकि निगम क्षेत्र में लगी फ्लड लाईट में स्वीच की व्यवस्था नहीं होने से बिजली की बर्बादी होती है। स्मार्ट मीटर के कारण बिहार में उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति भागलपुर के नगर संयोजक कमल जायसवाल ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व तक भागलपुर में बिजली के लिए जेनरेटर की आवाज गुंजती रहती थी, जिससे लोगों कई तरह की परेशानी होती थी। लेकिन बिजली उपभोक्त संघर्ष समिति के पहल और आंदोलनों के कारण भागलपुर में बिजली आपूर्ति की समस्या में पहले से काफी सुधार आया है, लेकिन बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने के निर्णय के कारण बिहार में बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर तबके को बिल भुगतान करना मुश्किल होता है। इसका प्रतिकार करने के बाद भी उन सभी को कोई सफलता नहीं मिली। बिहार सरकार को इन सभी बातों पर विचार कर बिहार की जनता और बिजली उपभोक्ताओं के हितो का ख्याल रखते हुए काम किया जाना चाहिए। बिजली कंपनी सभी धार्मिक स्थल, स्कूलों और धर्मशाला से भी वसूल रही है कॉमर्शियल चार्ज बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति भागलपुर के अशोक जीवराजका ने बताया कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर, धर्मशाला, स्कूल और श्मशान समेत कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां बिजली विभाग को कॉमर्शियल चार्ज नहीं लेना चाहिए। लेकिन भागलपुर में इन सभी जगहों पर कॉमर्शियल रेट वसूला जाता है। नियमानुसार विलंबित भुगतान अधिभार (डीपीएस) पर 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज नहीं लिया जा सकता है, जबकि बिहार में 18 प्रतिशत ब्याज लिया जाता है। हालत यह है कि सदि विभाग द्वारा बिल समेत कोई भी समस्या होने पर उसके समाधान के लिए अगर विभाग को आवेदन दिया जाता है, तो उसके लिए भी बिजली कंपनी द्वारा शुल्क वसूला जाता है। आंधी तूफान या बारिश आने या उसकी संभावना पर भी बिजली काट दी जाती है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। इनकी भी सुनिए सरकार को बिजली उपभोक्ताओं का हित देखना चाहिए। सरकार ने मुनाफा कमाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाया है। जनता की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए शिकायत केंद्र बनाकर लोगों की समस्या भी सुननी चाहिए। डॉ. मनोज कुमार, सदस्य स्मार्ट मीटर लगाने पर हमेशा विवाद होता है, बिहार सरकार को इसपर रोक लगानी चाहिए। मीटर लगाने वाले एजेंसी के कर्मियों का व्यवहार भी सही नहीं होता है, जिससे कई बार नोक झोक भी हो जाती है। रेणु सिंह, सदस्य भागलपुर जिले में कहलगांव एनटीपीसी मौजूद है, लेकिन भागलपुर शहर के लोगों को आपूर्ति नहीं मिलती है। पूरे बिहार के मध्यमवर्गीय बिजली उपभोक्ताओं को भी तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त मिलनी चाहिए। बिना सिन्हा, सदस्य निजी बिजली कंपनी की जगह सरकार द्वारा बिजली व्यवस्था अपने हाथों में लेकर विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लाइट खराब होने पर बिजली ठीक कराने के लिए प्राइवेट कर्मी को पैसा देना पड़ता है। वासुदेव भाई, सदस्य विभाग और बिजली कंपनी को अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाना चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी नहीं हो। समिति लोगों की समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाती है। जरूरत पड़ने पर आगे भी आंदोलन को विवश हो सकती है। गौरव जैन, सदस्य स्मार्ट मीटर लगने पर उपभोक्ता की सुविधा भी बढ़नी चाहिए। रिचार्ज खत्म हो जाने या कहीं बाहर रहने पर बिजली काटने से पूर्व उपभोक्ताओं को कुछ समय मिलना चाहिए। जिससे लोगों को समस्या से राहत मिलेगी। मो. एनुल होदा, सदस्य बिजली कंपनी द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर बिजली काटकर आम जनता को परेशान किया जाता है। व्यवसाय के साथ कार्यालयों के काम पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। बिजली कटने की समस्या दूर होनी चाहिए। महबूब आलम, सदस्य बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं पर फिक्स चार्ज की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। किसान को कम दर पर तो बिजली मिलती है, लेकिन बार बार लाइट कट जाने के कारण परेशानी होती है। संजय कुमार, सदस्य शहर में स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है लेकिन हम स्मार्ट नहीं बन पा रहे हैं। मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कंपनी द्वारा जनता को परेशान किया जा रहा है। री कनेक्शन और अधिक बिल आने से भी समस्या बढ़ जाती है। तकी अहमद जावेद, सदस्य बिजली का स्मार्ट मीटर लगाने से पहले वर्षों पुराने तार को बदलवाना चाहिए। स्मार्ट मीटर लगाने वाले ब्रोकर भी दबाव बनाते हैं। बिजली खराब होने पर उसे ठीक करने के सरकारी बिजली मिस्त्री या रात्रि सेवा भी नहीं है। सुभाष कुमार प्रसाद, सदस्य भागलपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट मीटर तो लगा दिया गया, लेकिन उसके लिए उपभोक्ताओं की सहमती नहीं ली गई। बिजली आपूर्ति बंद करने से पूर्व उपभोक्ताओं बकाया भुगतान के लिए समय दिया जाना चाहिए। अक्षय कुमार सिंह, सदस्य बिजली कटने के बाद भी मीटर का इंडिकेटर और एलईडी जलता रहता है, जिससे बिजली नहीं रहने पर भी चार्ज लगता है। सभी धार्मिक स्थलों पर बिजली की व्यवस्था को कॉमशियल की जगह डोमेस्टिक किया जाना चाहिए। देवनाथ रॉय, सदस्य शिकायतें 1. शहर में बिजली के तार का मकड़जाल होने से काफी परेशानी होती है, पूरे शहर में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था अंडरग्राउंड होनी चाहिए। 2. मेंटेनेंस के नाम पर तय समय से ज्यादा कटौती होती है, मानव बल बढ़ाकर कम समय में मेटेंनेस का काम पूरा किया जाए। 3. निजी बिजली कंपनी की जगह सरकार द्वारा बिजली व्यवस्था अपने हाथों में लेकर विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 4. भागलपुर में कहलगांव एनटीपीसी है, जहां से भागलपुर के लोगों को भी आपूर्ति मिलनी चाहिए। 5. बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं पर फिक्स चार्ज की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए। सुझाव 1. स्मार्ट मीटर तो लगा दिया गया, लेकिन उसके लिए ना तो उपभोक्ताओं की सहमती ली गई और ना ही उनको जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई गई। 2. बिजली विभाग द्वारा कार्य और शिकायत का निष्पादन समय पर नहीं किया जाता है जिसके कारणर उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। 3. आए दिन लोडशेडिंग के नाम पर घंटों बिजली काट दी जाती है, जिससे कई जरूरी काम और व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 4. भागलपुर में लंबे समय से शहर में अंडर ग्राउंड वायरिंग किए जाने की बात चल रही है लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं होने से परेशानी होती है। 5. बिजली कटने के बाद भी मीटर का इंडिकेटर और एलईडी जलता रहता है, जिससे बिजली नहीं रहने पर भी चार्ज लगता है। बोले जिम्मेदार स्मार्ट मीटर और ऑनलाइन रिचार्ज से जुड़ी समस्याओं के लिए कंट्रोल रूम बना है। जहां किसी भी समस्या पर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है। अगर किसी को बिजली कर्मियों, व्यवस्था या किसी प्रकार की परेशानी का समय पर समाधान नहीं हो पाता है, तो उसके लिए संबंधित कार्यालय या अधिकारी के समक्ष उपभोक्ता अपनी बात रख सकते हैं। शहर में बिजली के पुराने जर्जर तार और पोल को हटाकर नए पोल और कवर्ड तार लगाए गए है, काफी काम हो चुका है और बचे हुए स्थानों पर पोल और तार बदलने का काम जारी है। इसके कारण भी विसर्जन शोभायात्रा और जुलूस में बिजली कटौती कम हुई है। प्रकाश झा, कार्यपालक अभियंता बिजली विभाग, भागलपुर
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।