Paras Kumar Achieves 269th Rank in UPSC Inspiring Journey from Barahat Banka बांका के पारस ने यूपीएससी में लाया 269वां रैंक, Banka Hindi News - Hindustan
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बांका के पारस ने यूपीएससी में लाया 269वां रैंक

2022 से जमुई में डीपीओ स्थापना पद पर है काबिज 2022 से जमुई में डीपीओ स्थापना पद पर है काबिज - चौथी दफा में पारस को यूपीएससी में मिला 269 वां रैंक

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाWed, 23 April 2025 04:50 AM
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बांका के पारस ने यूपीएससी में लाया 269वां रैंक

बांका। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि जमुई में स्थापना के डीपीओ पद पर काबिज पारस कुमार को यूपीएससी में 269 वां रैंक मिला है। पारस कुमार बांका जिले के बाराहाट प्रखंड क्षेत्र के चंगेरी मिर्जापुर सह बांका शहर के नयाटोला मोहल्ला निवासी राजू मंडल का इकलौता पुत्र है। जो घर पर रहकर पढ़ाई कर रहा था। पारस सफलता की अपनी ऊंची उड़ान भरने के लिए वर्ष 2019 में पहली दफा यूपीएससी की परीक्षा दी। जहां कामयाबी नहीं मिली। बावजूद इसके अपने हौंसला को कमजोर नहीं होने दिया। अपने लगातार तैयारी के दौरान वर्ष 2022 में बीपीएससी परीक्षा में कामयाब हुए और शिक्षा विभाग मिला। जिसके बाद वे जमुई जिले के स्थापना में डीपीओ पद पर काबिज हुए। वहीं डीपीओ पद पाने के बाद भी लगातार यूपीएससी की तैयारी की। जहां उन्हें वर्ष 2025 में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता मिली। पारस अपनी शिक्षा बांका के संत जोसफ से पढ़ाई की। वहीं आगे की पढ़ाई बाहर से किया। वे बी-टेक भी किये।

चौथी दफा में सफल हुए पारस

पारस कुमार ने बताया कि वे चौथी दफा में यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए। पहली दफा 2019, दूसरी दफा 2020, तीसरी दफा 2023 में इंटरव्यू तक पहुंचे और 2025 में सफल हुए। पारस ने बताया कि वह नौकरी में रहकर खुद तैयारी की और कामयाब हुए।

मां-पिता प्यार व सहयोग ने लाया रंग

पारस की सफलता से एक और जहां जिला गौरवान्वित है। वहीं दूसरी ओर पारस के मां सुलेखा देवी, पिता राजू मंडल, बहन सह बीपीएससी शिक्षिका शोभा कुमारी, बहनोई सुमित कुमार एवं भांजा सह लिटिल चैम्स तेजस को बधाई देने वालों का उनके घर पर तांता लगा हुआ है। पारस ने बताया कि मां पिता की प्यार वह सहयोग ने रंग लाया है। उनके लगातार प्रयास वह हौसले से उन्हें एक नई ऊर्जा मिलती रही और वह आगे की पढ़ाई करते हुए तैयारी की। वहीं नौकरी मिलने के बाद विभाग, जमुई जिला व जमुई के स्कूली माहौल ने उन्हें काफी सहयोग किया। जिस वजह से उन्होंने अपनी पढ़ाई आगे निरंतर जारी रख सका। इस दौरान यूपीएससी के मेंस परीक्षा की तैयारी के लिए विभाग की छुट्टी भी मिली, जो उनके लिए बेहतर रहा और इस सफलता में सबसे बड़ी कुंजी साबित हुई।

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