कटोरिया और चांदन प्रखंड की अदृश्य खूबसूरती को है पर्यटन के मानचित्र पर आने का इंतजार
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- कविन्द्र कुमार सिंह जिले के उपेक्षित पर्यटन स्थलों का असल रूप अभी बाकी अनदेखी के कारण पर्यटन के क्षे

कटोरिया (बांका), निज प्रतिनिधि। जिले के कटोरिया और चांदन प्रखंड में प्रकृति ने अपनी पूरी कृपा बरसाई है। लेकिन इन नयनाभिराम स्थलों को प्रशासनिक उपेक्षा और अव्यवस्था ने अब तक गुमनामी के अंधेरे में रखा है। इन स्थलों में अपार पर्यटन संभावनाएं छिपी हैं। यह स्थल, जो अपने अद्वितीय सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के कारण एक दिन पर्यटकों का स्वर्ग बन सकते थे, आज भी विकास और संरक्षण के अभाव में अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कटोरिया बाजार से महज 10 किमी दूर चांदन प्रखंड के आनंदपुर ओपी क्षेत्र में मिनी शिमला के नाम से प्रसिद्ध झझवा झरना, प्रकृति का अद्भुत उपहार है। यहां की शांतिपूर्ण वादियां, पहाड़ के तराई में झरने की कल-कल-छल-छल करती जलधारा और बहती नदी के किनारे सजी हरी-भरी हरियाली किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। नववर्ष और मकर संक्रांति के समय हजारों की संख्या में लोग यहां प्रकृति के साथ नववर्ष का जश्न मनाने आते हैं। पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के अन्य जिलों से आए लोग इस स्थान की शांति और सौंदर्य का लुत्फ उठाने के लिए दूर-दूर से यहां खिंचे आते हैं। इसी तरह, कटोरिया के मुक्ति निकेतन संस्थान के पास स्थित लोरीकुंडा झरने का गिरता पानी और उसके पास फैली हरियाली एक ऐसी दृश्यावली प्रस्तुत करती है, जिसे देखकर कोई भी दिल हार जाए। वहीं, सुईया के शिवलोक पहाड़ और पास के झरने की पानी की शीतलता और उसकी रहनुमाई करने वाली धारा लोगों को बार-बार इस जगह की ओर खींच लाती है। लेकिन प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण इन स्थानों का ख्वाब अभी भी अधूरा ही है। अगर इन स्थलों को एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाते, तो ये क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि बाहरी पर्यटकों के लिए भी एक आदर्श गंतव्य बन सकते थे। लेकिन इनकी पहचान केवल स्थानीय लोगों तक ही सीमित रह गई है। प्रशासन ने कटोरिया और चांदन के इन अनमोल खजानों को उपेक्षित छोड़ दिया है। कटोरिया के जमदाहा बाजार स्थित श्री श्री 108 पतित पावन राधा-कृष्ण ठाकुरबाड़ी मंदिर और चांदन के पूर्वी कटसकरा स्थित पहाड़नाथ शिव मंदिर जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल, आस्था और श्रद्धा का अद्वितीय प्रतीक हैं। जमदाहा ठाकुरबाड़ी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, राधाअष्टमी, अनुकृट महोत्सव, एक जनवरी, होली, गुरु पूर्णिमा आदि के मौके पर श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ती है। वहीं पहाड़नाथ शिव मंदिर में हरेक सोमवार एवं पूर्णमासी को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा महाशिवरात्रि को भव्य मेला का आयोजन होता है। यहां की शांतिपूर्ण वातावरण और आसपास की हरी-भरी वादियां उन सभी के मन को शांति और सुख देती हैं, जो अपनी आत्मा को तरोताजा करना चाहते हैं। इन सभी स्थलों की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के बावजूद, ये आज भी उपेक्षित हैं। झझवा, शिवलोक पहाड़, जमदाहा ठाकुरबाड़ी, पहाड़नाथ शिव मंदिर जैसे स्थानों में प्राकृतिक और ऐतिहासिक सुंदरता मौजूद है, जिनका उचित विकास और संरक्षण इन स्थलों को पर्यटन के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण बना सकता है। यदि इन स्थलों का सही तरीके से विकास किया जाए, तो ये इलाके न केवल राज्य, बल्कि देश के पर्यटन मानचित्र पर अपनी एक खास पहचान बना सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास हो, पार्किंग, आवास, सुरक्षित रास्ते, बिजली, शौचालय का निर्माण हो, ताकि पर्यटकों को यहां आने में कोई असुविधा न हो। साथ ही, इन स्थलों का प्रचार-प्रसार भी करना चाहिए ताकि लोग इनके बारे में जान सकें। वहीं इसके अलावा, स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोड़ने के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करने होंगे, जिससे यह क्षेत्र आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके। झझवा झरना के इलाकों को वर्षों तक नक्सलवाद ने जकड़े रखा। नक्सलियों ने यहां के सुरम्य वादियों एवं मनमोहक प्राकृतिक संपदा को बाहरी इलाके से जुड़ने नहीं दिया। लेकिन अब फिज़ा की तस्वीर बदल चुकी है। नक्सलियों का खौफ खत्म हो चुका है। हालांकि अभी भी प्रशासन को इन क्षेत्रों में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि लोग इस खूबसूरत इलाकों में बेझिजक आ सकें। दो साल के अंदर दो बार डीआईजी, डीएम एवं तत्कालीन एसपी ने अपनी टीम के साथ झझवा झरना पहुंचकर यहां के मनोरम वादियों में बसे प्राकृतिक संपदा का आनंद उठाया था। जिला पर्यटन पदाधिकारी शंभू पटेल ने बताया कि जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं है। मेरा प्रखंड मेरा गौरव प्रतियोगिता में झझवा झरना का चयन किया गया था। झझवा सहित अन्य पर्यटन स्थल को विकसित करने की ओर प्रयास जारी है। हालांकि विभाग की ओर से अभी फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
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