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मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने समाहरणालय पर दिया धरना

लीड... जुलाई की आम हड़ताल फोटो नंबर: चार, समाहरणालय के समक्ष संयुक्त ट्रेड यूनियन के धरने को संबोधित कर

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायTue, 20 May 2025 08:07 PM
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मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने समाहरणालय पर दिया धरना

बेगूसराय हिंदुस्तान, प्रतिनिधि। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियन फेडरेशन एवं सेवा संगठनों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत समाहरणालय के समक्ष प्रतिरोध मार्च निकाल धरना दिया। अध्यक्षता अनिल कुमार अंजान, आरएस राय सहित संयुक्त अध्यक्ष मंडली ने की। सीटू के राज्य सचिव अंजनी सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार श्रम कानूनों में बदलाव कर कॉर्पोरेट को मजबूत कर रही है और देश की 80 प्रतिशतआबादी से कोई ताल्लुक नहीं रखती है। उन्होंने 9 जुलाई को ऐतिहासिक आम हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि यह हड़ताल सरकार को पीछे हटाने तक जारी रहेगी।

एटक महासचिव एवं केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियन बेगूसराय के संयोजक प्रह्लाद सिंह ने कहा कि सरकार 8 घंटे के काम को 12 घंटे करने की साजिश कर रही है, जबकि मजदूरी वही रखी गई है। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा चालकों व टेंपो चालकों पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। मध्याह्न भोजन कर्मियों को उचित मासिक वेतन नहीं दिया जा रहा है। बीटीएमयू के नेता ललन लालित्य ने कहा कि संगठित-असंगठित सभी मजदूर सरकार की नीतियों से त्रस्त हैं। चार लेबर कोड को रद्द करने की मांग की। रसोईया नेता किरण देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए शोषण का वर्णन किया। संघर्ष में भागीदारी का संकल्प लिया। सीटू के राज्य सचिव आईएस राय ने कहा कि असंगठित, संगठित, किसान, शिक्षक व अन्य कर्मचारियों के लिए अब निर्णायक लड़ाई का समय आ गया है। एक्टू नेता चंद्रदेव वर्मा ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का हवाला देते हुए कहा कि जहां 26 हजार मजदूरी तय हुई, वहीं भारत सरकार उसे आधा कर 12 घंटे काम थोप रही है। कार्यक्रम में किरण देवी, रेखा देवी, आशा देवी, कुंदन कुमार, चंद्रशेखर, शहीद भक्त समेत दर्जनों लोगों ने संबोधित किया। नगर निकायों की अवैध वसूली के खिलाफ एटक ने जताया विरोध फ़ोटो: 11,समाहरणालय गेट पर मंगलवार को धरना पर बैठे ई-रिक्शा व टेंपो चालक। बेगूसराय,हिंदुस्तान प्रतिनिधि। जिले भर के ई-रिक्शा और टेंपो चालकों ने सोमवार को एटक जिला इकाई के नेतृत्व में समाहरणालय पर धरना दिया। इससे पहले चालकों का जुलूस जीडी कॉलेज से एटक के जिला महासचिव प्रह्लाद सिंह के नेतृत्व में निकला। यह नगर के मुख्य बाजार होते हुए समाहरणालय पहुंचा। प्रह्लाद सिंह ने कहा कि पूरे जिले में ई-रिक्शा चालकों से नगर परिषद, नगर पंचायत और नगर निगम के नाम पर अवैध बैरियर वसूली की जा रही है। बीहट नगर परिषद में भी टेंडर के माध्यम से जबरन वसूली शुरू की गई थी। इजिसका विरोध होने पर विधायक राम रतन सिंह के सहयोग और चालकों की एकजुटता से वसूली पर रोक लगी। लेकिन यह समस्या पूरी तरह हल नहीं हुई है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि चालकों से एक समान स्थान पर वार्षिक कर वसूली हो। ताकि जिले के सभी बॉर्डर क्षेत्रों में निर्बाध रूप से गाड़ी चल सके। साथ ही सभी चालकों का बीमा कराना अनिवार्य किया जाए। एटक ने इस मुद्दे पर 6 सूत्री मांगें रखी। चेतावनी दी है कि यदि अवैध निविदाओं को रद्द कर समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा। इस अवसर पर संतोष कुमार, कुंदन कुमार, चंद्रशेखर दास, पंकज राय, नीलेश रोहित, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नियाज, गौतम झा समेत बड़ी संख्या में चालक मौजूद थे। आशा, आंगनबाड़ी व रसोइयों को मिले सम्मानजनक वेतनमान: ऐक्टू फ़ोटो नंबर: 05, समाहरणालय के उत्तरी द्वार पर प्रदर्शन करती एक्टू से जुड़ी स्कीम वर्कर्स। बेगूसराय,हिंदुस्तान प्रतिनिधि। आशा, आंगनबाड़ी व रसोइया कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और सम्मानजनक मानदेय देने की मांग को लेकर मंगलवार को समाहरणालय के उत्तरी द्वार पर ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन से संबद्ध संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोप गुट संबद्ध ऐक्टू, बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ,ऐक्टू तथा बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन ऐक्टू के संयुक्त बैनर तले सैकड़ों स्कीम कर्मी जुटे और सरकार से न्यूनतम 21 हजार रुपये मासिक मानदेय, पेंशन, बीमा, प्रोन्नति व सरकारी कर्मी का दर्जा देने की मांग की। ऐक्टू के जिला प्रभारी चंद्रदेव वर्मा ने कहा कि स्कीम वर्कर्स वर्षों से 50 से 100 रुपये प्रतिदिन जैसे अपमानजनक मेहनताने पर समाज के सबसे वंचित तबके की सेवा कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2023 में सरकार ने आशा कर्मियों को 2500 रुपये मासिक देने का समझौता किया था। लेकिन आज तक लागू नहीं किया गया है। यह धोखाधड़ी है। बिहार राज्य आशा कार्यकर्त्ता संघ गोपगुट संबद्ध ऐक्टू की जिलाध्यक्ष मंजू देवी, सचिव संगीता कुमारी,सुनीता कुमारी और बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ,ऐक्टू की जिलासचिव किरण देवी, सचिव बुलबुल कुमारी, आशा देवी, संजू देवी, बिमल देवी, बैजनाथ महतो ने केंद्र सरकार से मांग की कि सभी स्कीम वर्कर्स को सम्मानजनक वेतन व सरकारीकर्मी का दर्जा देने की घोषणा की जाए। जब तक यह नहीं होता, राज्य सरकार को 2023 के समझौते के अनुसार 2500 रुपये आशा कर्मियों को देना चाहिए। साथ ही रसोइयों को 3000 रुपये मासिक और आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं को 18 हजार व 15 हजार रुपये मासिक मानदेय देने की घोषणा करे। प्रदर्शन के बाद नेताओं ने जिला अधिकारी को मांग पत्र सौंपा। मांगों के समर्थन में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने किया प्रदर्शन फोटो नंबर: 12, मांगों के समर्थन में शहर में जुलूस निकालते अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के नेता व कार्यकर्ता। बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की ओर से लंच आवर डिमोंस्ट्रेशन व गेट मीटिंग कर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने डीएम पर अमर्यादित एवं अशोभनीय व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना, देर रात्रि तक काम लेने आदि का आरोप लगाया। प्रर्दशन में शामिल कर्मचारी बैनरव झंडा के साथ अपनी मांगों के समर्थन में एवं डीएम के विरोध में नारा लगा रहे थे। प्रर्दशन सभा की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष राम दास ठाकुर ने की। जिला मंत्री मोहन मुरारी ने कहा कि 2 मई 2025 को कर्मचारियों की समस्याओं के संदर्भ में जिला पदाधिकारी से शिष्टमंडलीय वार्ता के क्रम मे कर्मियों के समस्याओं के समाधान के बजाय अशोभनीय एवं अमर्यादित व्यवहार किया गया। इसके विरोध में महासंघ की ओर से 15 मई को प्रर्दशन किया गया। बावजूद इसके जिला प्रशासन की ओर से समाधान की दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। इसके बदले डराने, धमकाने की बात की जा रही है। इससे जिले के कर्मियों में आक्रोश एवं क्षोभ है। उन्होंने डीएम से सरकारी परिपत्र के आलोक में कार्यालय अवधि 10 बजे से 5 बजे तक ही कार्य लेने की मांग की। इसके अलावा छुट्टी के दिनों में काम नहीं लेने, मानसिक प्रताड़ना बंद करने, संचिका पर बैक डेटिंग हस्ताक्षर पर रोक लगाने सहित कर्मियों के विभिन्न लंबित समस्याओं को लेकर महासंघ के शिष्टमंडल मंडल से यथाशीघ्र वार्ता कर समाधान की मांग की। कहा कि समस्याओं का सम्मानजनक निदान नहीं होने पर 21 से 23 मई तक काला बिल्ला लगाकर विरोध करेंगे, इसके बावजूद समाधान नहीं होने की स्थिति में जिला कमेटी की बैठक कर आंदोलन को तीव्र करेगें। प्रर्दशन सभा को जिला उपाध्यक्ष शंकर मोची, सुनील कुमार, अनुराग कुमार, सिकंदर कुमार, रामानंद सागर, राजीव कुमार, आसित कुमार, कमलेश कुमार, सुधीर गांधी, मनोज कुमार, अरविन्द कुमार, मनीष कुमार, गंगा राम, अनिल कुमार, विजय ठाकुर, वीरेंद्र कुमार, विजय पासवान, मनोज कुमार, संजीव कुमार, शिवम कुमार, कुश कुमार, शशि भूषण सिंह, मोहम्मद अब्दुल कलाम, वसुंधरा कुमारी, रेणु कुमारी आदि ने विचार रखे।

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