जरूरतमंदों की आवाज बनकर उभरा हिन्दुस्तान, लोग कर रहे हैं सराहना
हिन्दुस्तान अखबार के 'बोले बेगूसराय' कॉलम ने समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है। इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप प्रशासनिक स्तर पर कई समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। जैसे कि...

बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की आवाज बनकर हिन्दुस्तान अखबार उभरा है। बोले बेगूसराय कॉलम के तहत हिन्दुस्तान अखबार उन वर्गों को प्रमुखता से जगह दे रहा है जिनकी समस्याओं को अभी तक लोग नजरंदाज कर रहे थे। इसका सकारात्मक असर दिख रहा है। प्रशासनिक व सामाजिक स्तर से बोले बेगूसराय के तहत प्रकाशित खबरों पर संज्ञान लिया जा रहा है। उनकी समस्याओं का समाधान भी हो रहा है। गौरतलब है कि आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान की ओर से 10 जनवरी से लगातार विभिन्न वर्गों की समस्याओं की खबर प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है। इसके तहत मॉर्निंग वाकर, छात्र, छात्रा, छात्र संगठन, कामकाजी महिलाएं, दूध विक्रेता, मक्का उत्पादक, बैंड पार्टी, बांसुरी वादक, बीड़ी मजदूर, मल्लिक, चित्रकार, बढ़ई, गन्ना उत्पादक, गृहिणी, ग्रामीण डॉक्टर, हलुवाई, कबड्डी खिलाड़ी, क्रिकेट खिलाड़ी, कंसार, कातिब, केला उत्पादक, किन्नर, कुम्हार, महिला डॉक्टर, माली, मछुआरा, मूर्तिकार, मार्बल विक्रेता, मशरूम उत्पादक, फूल विक्रेता, मोची, मोटर पार्ट्स कर्मी, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, नीरा उत्पादक, नर्स, नर्सरी, ओल उत्पादक, ऑटो चालक, पान कारोबारी, पेंटर, पपीता उत्पादक, पार्षद, वार्ड सदस्य, सरपंच, रेलकर्मी, सफाईकर्मी, संविदा कर्मी, संगीतकार, सेना के जवान, वरिष्ठ नागरिक, सोनार, स्टेशनरी, ताइक्वांडो खिलाड़ी, टैक्सी चालक, चाय विक्रेता, टैंकर चालक, ट्रक चालक, सब्जी उत्पादक, उद्यमी, पैक्स, पुजारी आदि वर्गों की समस्याओं और उनके द्वारा दिये गये सुझावों को प्रकाशित किया गया है। बोले बेगूसराय का असर सोनपुर रेल मंडल के बेगूसराय स्टेशन पर रेल यत्रियों को अब जल्द ही समुचित शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में पहल शुरू हो गई है। स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म के अलावा स्टेशन परिसर में भी रेलवे नया शौचालय बनाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। जनवरी माह में दैनिक हिन्दुस्तान अखबार ने बोले बेगूसराय कॉलम के तहत बेगूसराय स्टेशन पर यात्रियों की इस समस्या का प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर रेल प्रसाशन ने संज्ञान लेते हुए बेगूसराय स्टेशन पर कई शौचालय का निर्माण कराना शुरु कर दिया है। इनमें स्टेशन परिसर में फिर से महिला व पुरुष यात्रियों के लिए नए शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। इस शौचालय में चार महिलाओं के लिए और छह पुरुष के लिए शौचालय रूम बनाया जा रहा है। इसके अलावा दो-दो स्नान घर एवं महिला व पुरुष के लिए अलग-अगल पेशाब घर भी बनाया जा रहा है। स्टेशन परिसर में बन रहे शौचालय का काम अंतिम चरण में हैं। इसके अलावा बेगूसराय स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म पर भी शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। प्लेटफार्म पर भी महिला व पुरुष यात्रियों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाया जाएगा। इसके लिए प्लेटफार्म पर स्थल का चयन भी हो चुका है। बस स्टैंड पर कार्यरत कर्मचारियों और यात्रियों को राहत नगर निगम सामान्य बोर्ड की विशेष बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को स्वीकृति मिल गई। शहर के बस स्टैंड के विकास के लिए एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। नगर निगम के इस फैसले से बस स्टैंड पर कार्यरत कर्मचारियों और यात्रियों को राहत मिलेगी। लंबे समय से बस स्टैंड पर बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई थी। इससे यात्रियों और बस चालकों को असुविधा झेलनी पड़ रही थी। गौरतलब है कि फरवरी माह में बोले बेगूसराय अभियान के तहत बस कर्मचारियों ने कैंटीन, पेयजल, विश्रामालय जैसी सुविधाओं की मांग उठाई थी। उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। निःशुल्क नाट्य प्रशिक्षण की व्यवस्था बाल रंगमंच आर्ट एंड कल्चरल सोसाइटी, मल्हीपुर द्वारा मध्य विद्यालय, बीहट में बाल एवं युवा कलाकारों के लिए निःशुल्क नाट्य प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई। हिंदुस्तान अखबार के विशेष अभियान ‘बोले बेगूसराय के दौरान ग्रामीण रंगकर्मियों ने इस प्रशिक्षण की मांग उठाई थी। इस पहल की ग्रामीण कलाकारों द्वारा भरपूर सराहना की जा रही है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के बीच 30 करोड़ रुपये का लोन वितरित जिले में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। लाखो में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा एक विशेष ऋण वितरण शिविर का आयोजन कर स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के बीच 30 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया। फरवरी में बोले बेगूसराय अभियान के दौरान जिले की गृहणियों ने बैंकों से ऋण की उपलब्धता को लेकर अपनी मांग रखी थी। इसपर एसबीआई ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से महिलाओं को छोटे-छोटे कुटीर उद्योग एवं स्वरोजगार से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस ऐतिहासिक ऋण वितरण कार्यक्रम ने जिले में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। दर्ज़ियों को प्रशिक्षण देने की अनूठी पहल शुरू केशावे स्थित एमएस स्पोर्ट्स ने दर्ज़ियों को प्रशिक्षण देने की अनूठी पहल शुरू की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दर्ज़ियों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराना और उनके रोजगार के अवसर बढ़ाना है। संस्था के प्रबंधक गुड्डू सिंह ने बताया कि यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर दर्ज़ियों को सशक्त बनाने में सहायक होगी। हिंदुस्तान के विशेष अभियान 'बोले बेगूसराय' में शहर के दर्ज़ियों ने उचित प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग उठाई थी। इस सकारात्मक प्रभाव के चलते अब तक दर्जनों दर्ज़ी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ चुके हैं। यहां वे सिलाई-कढ़ाई और परिधान निर्माण की आधुनिक तकनीकें सीख रहे हैं। इससे उनकी कार्यकुशलता में सुधार होगा। ऑटो स्टैंड के निर्माण और सुविधाओं के लिए 10 लाख रुपए का प्रावधान नगर निगम की ओर से बजट में नगर में ऑटो स्टैंड के निर्माण और सुविधाओं के लिए 10 लाख रुपए का प्रावधान किया गया। बजट को सदन से पारित कर नगर विकास एवं आवास विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। यह राशि आगामी वित्तीय वर्ष में शहर के ऑटो स्टैंड के लिए खर्च होने की संभावना है। इस निर्णय से शहर के ऑटो चालकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। फरवरी माह में हिंदुस्तान के बोले बेगूसराय अभियान में शहर के ऑटो चालकों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने स्थायी ऑटो स्टैंड, पेयजल, शौचालय और अन्य सुविधाओं की मांग की थी। घर-घर दूध पहुंचाने वाले कर्मठ लोगों को सम्मानित किया गया नागरिक कल्याण संस्थान की ओर से शुक्रवार को कंकौल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में घर-घर दूध पहुंचाने वाले कर्मठ लोगों को सम्मानित किया गया। संस्था के निदेशक संजय गौतम ने इस अवसर पर कहा कि दूध पहुंचाने वाले न केवल समाज की एक बड़ी जरूरत को पूरा करते हैं, बल्कि ठंड, बारिश और धूप जैसी विषम परिस्थितियों में भी सुबह-सवेरे हर घर तक दूध पहुंचाकर सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हैं। एक फरवरी को बोले बेगूसराय अभियान के तहत आपके हिंदुस्तान अखबार में रोज दुश्वारियों से जूझती है घर-घर दूध पहुंचाने वालों की जमात शीर्षक से एक खबर प्रकाशित हुई थी। इसने समाज का ध्यान इन मेहनतकश लोगों की ओर आकर्षित किया। इसका सकारात्मक असर यह हुआ कि सामाजिक संस्थान सामने आए और इन्हें वह सम्मान मिला जिसके वे वास्तव में हकदार थे।
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