जीडी कॉलेज की पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. राजकुमारी खेड़िया नहीं रहीं
फोटो पर्सनैलिटी: प्रो. राजकुमारी खेड़िया। ... जीडी कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष रही प्रो. राजकुमारी खेड़िया नहीं रहीं। उनके निधन की खबर से कॉलेज के शिक्षकों

बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। जीडी कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष रही प्रो. राजकुमारी खेड़िया नहीं रहीं। उनके निधन की खबर से कॉलेज के शिक्षकों व छात्रों में शोक की लहर दौड़ गई। गुरुवार की सुबह आठ बजे उनका देहांत हो गया। वे आठ फरवरी 1983 से आठ नवंबर 1996 तक हिंदी विभाग गणेशदत्त महाविद्यालय की अध्यक्ष पद पर रहीं। दोपहर दो बजे उनका पार्थिव शरीर महाविद्यालय प्रांगण में लाया गया। वहां शिक्षकों और छात्राओं ने उनके अंतिम दर्शन किये व श्रद्धांजलि अर्पित की। महाविद्यालय प्रधानाचार्य प्रो. राम अवधेश कुमार ने कहा प्रो. खेड़िया छात्रों में बेहद लोकप्रिय थीं । उनका जीवन अपने आप एक मिसाल है। पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र साह ने कहा यह आहत करनेवाली खबर है। उनकी जैसी विदुषी, कवयित्री, समर्पित एवं लोकप्रिय प्राध्यापिका का जाना मन को अत्यंत व्यथित करता है। शिक्षक एवं वक्ता के रूप में उनकी विशिष्ट पहचान थी। लगभग 18 वर्षों तक हिन्दी विभाग में उनका सानिध्य प्राप्त था। बाद के दिनों में भी। अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमलेश कुमार ने कहा कि प्रो राजकुमारी खेड़िया का जीवन अनुकरणीय रहा। उन्होंने अपने दायित्वों का संपूर्ण निर्वहन किया। महाविद्यालय उनके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा। महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार ने कहा कि उन्होंने शिक्षा को मंदिर की तरह सेवा दी। छात्रों के बीच शिक्षा की मां के रूप में खुद को साबित किया। एक शिक्षिका के रूप में उनका प्रदर्शन असाधारण था। वे बहुत लोकप्रिय थीं। वे एक लौह महिला थीं। सौम्य और मृदुल स्वभाव को हमेशा याद रखा रखा जाएगा डॉ. श्रवसुमी कुमारी ने कहा एक कर्तव्य निष्ठ शिक्षिका थीं। उनके सौम्य और मृदुल स्वभाव को हम अब याद करेंगे। हिंदी विभाग के शिक्षक एवं विश्वविद्यालय विस्तार केंद्र के नोडल पदाधिकारी डॉ. अरमान आनंद ने कहा मेरा उनसे गहरा रिश्ता रहा है। वे उनकी मां की शिक्षिका थीं । मां की चेतना में उन्होंने जो साहित्यिक बीज बोया उसी का फल है कि वह परिवार की दूसरी पीढ़ी में साहित्य की सेवा कर रहे हैं। उनके निधन से अपूर्णीय क्षति हुई है। महाविद्यालय परिवार ने एक अमूल्य धरोहर को खो दिया वहीं हिंदी विभाग के ही शिक्षक डॉ अभिषेक कुंदन ने कहा कि महाविद्यालय परिवार ने एक अमूल्य धरोहर को खो दिया। महाविद्यालय में प्रो सहर अफरोज, प्रो चंद्रभूषण प्रसाद, प्रो अभिमन्यु कुमार, प्रो लाल बहादुर सिंह, प्रो. उपेंद्र कुमार ,कल्याणेश अग्रवाल, प्रो राकेश रोशन, राम जी, भोला आदि उपस्थित रहे। इधर, एसबीएसएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अवधेश कुमार सिंह, शिक्षकेत्तर कर्मचारी अमित कुमार, एआईवायएफ के अभिनव कुमार अकेला, एबीवीपी के अजीत चौधरी, एनएसयूआई नेता निशांत कुमार, राहुल कुमार आदि ने भी शोक संवेदना प्रकट की।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।