रजवाहा जाम हो जाने से एक हजार एकड़ खेत की सिंचाई ठप
चांद के किसानों ने बताया कि कर्मनाशा नदी तक जाने वाले रजवाहा का जलनिकासी बाधित हो गया है। बारिश का पानी खेतों में जमा रहता है, जिससे फसल को नुकसान होता है। उन्होंने प्रशासन से रजवाहा की खुदाई कराने की...

जलनिकासी नहीं होने से खेतों में जमा रह जाता है वर्षा का पानी, फसल को क्षति रास्ता चौड़ा करने के लिए डाल दी गई मिट्टी, जाम होने से जलनिकासी बाधित (बोले भभुआ) चांद, एक संवाददाता। कोनहरा से दुर्गावती मौजा की कर्मनाशा नदी तक जानेवाले रजवाहा से खेतों की सिंचाई ठप हो गई है। क्योंकि यह रजवाहा जाम है। जब इस रजवाहा से पानी का बहाव होता था, तब चांद के दक्षिणी मौजा, झझनी, भेरी, बरांव, सलौंजा, लसाड़ी मौजा के सैकड़ों किसानों के लगभग लगभग एक हजार एकड़ खेतों की सिंचाई होती थी। लेकिन, इसके जाम हो जाने से अब किसी किसान के खेत में लगी फसल की सिंचाई नहीं हो रही है। बारिश होने पर वर्षा का पानी भी खेत में जमा रह जाता है। अगर मूसलाधार बारिश हो गई, तो चार-पांच दिनों तक खेत में ही पानी जमा रह जाता है। इससे फसल को नुकसान होता है। इस रजवाहा का अतिक्रमण भी कर लिया गया है। रजवाहा के आसपास में बने मकान में रहनेवाले लोग रास्ते को चौड़ा करने के लिए चांद-भभुआ रोड से उत्तर चांद डाकबंगला रोड तक मिट्टी डाल दिए हैं, जिससे रजवाहा की चौड़ाई कम हो गई है। इसमें पड़ी मिट्टी सूख गई है, जिससे पानी की निकासी नहीं हो रही है। किसानों चांद के रामाधार साह, बाली साह, राकेश पांडेय, परमानंद सिंह, विजय नारायण सिंह ने बताया कि चांद अस्पताल से लेकर कर्मनाशा नहर तक बीडीओ ने तीन साल पहले रजवाहा की खुदाई कराई थी। लेकिन, उस समय भी इसकी एकसिरे से सफाई नहीं हुई। इस रजवाहा से निकले मलबा को तट पर डाल दिया गया। बाद में जैसे-जैसे मकान बनते गए, लोगों ने अपनी सुविधा के लिए मिट्टी डाल दी। उक्त किसानों ने कहा कि प्रखंड प्रशासन को चाहिए कि इस रजवाहा की खुदाई कराएं, ताकि जलनिकासी व खेतों की सिंचाई की सुविधा मिल सके। खेतों में जमा होनेवाले वर्षा के पानी से निजात मिल सके, ताकि हमारी आय का स्रोत बढ़ सके। फोटो- 16 अप्रैल भभुआ- 2 कैप्शन- सफाई नहीं कराए जाने से सिंचाई के लिए निर्मित चांद का जाम रजवाहा।
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