मोबाइल टावर नहीं लगाने से ऑफलाइन अनाज वितरण
भगवानपुर प्रखंड के कई गांवों जैसे पड़री, पतलोइया, चुआं, धमहा, बजरडिहवां में मोबाइल सेवा नहीं है। टावरों की देखरेख न होने के कारण उपभोक्ता ऑफलाइन राशन उठाते हैं। कुछ गांवों में टावर खड़े नहीं किए गए हैं,...

पड़री, पतलोइया, चुआं, धमहा, बजरडिहवां गांवों में मोबाइल सेवा नहीं कुछ टावर की नहीं हो रही है देखरेख, टावर पर लटक रही जंगली घास (पेज चार) भगवानपुर, एक संवाददाता। प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं, जहां मोबाइल सेवा की सुविधा नहीं है। नेटवर्क नहीं रहने से डीलर के पास की पॉस मशीन भी काम नहीं कर पाती है। इसलिए वहां के उपभोक्ता लोग ऑफलाइन राशन का उठाव करते हैं। कई ऐसे गांव हैं, जहां मोबाइल टावर नहीं खड़े किए गए हैं। जबकि कुछ ऐसे गांव हैं, जहां मोबाइल टावर है भी तो उसकी देखरेख करने वाला कोई नजर नहीं आता। इस कारण कुछ टावर पर जंगली लत्तर वाली घास चढ़ गई है। उदाहरण के तौर पर पढ़ौती गांव के टावर को देखा जा सकता है। जिन गांवों में मोबाइल सेवा शुरू नहीं है, वहां के लोग बाहरी दुनिया से कटे रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रखंड के पड़री, पतलोइया, चुआं, धमहा, बजरडिहवां सहित कुछ अन्य गांवों मेंं टावर के अभाव में मोबाइल फोन सेवा से लोग वंचित हो रहे हैं, जहां पुलिस प्रशासन को भी क्षेत्र में गश्ती करने के दौरान दिक्कत होती है। जबकि पढ़ौती, रामगढ़, सरैयां, गोबरछ, भगवानपुर सहित कई गांवों में लगाए गए मोबाइल टावरों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि इसका उपयोग सही ढंग से हो रहा होगा। पड़री के पप्पू चेरो, हनुमान यादव, जितेंद्र यादव, राजवंश चेरो ने बताया कि टावर लगाने का काम ठेकेदार द्वारा शुरू किया गया था। उसका फाउंडेशन बना पर टावर नहीं लगाया जा सका। इस कारण पहाड़ी व जंगल क्षेत्र में रहनेवाले लोग मोबाइल सुविधा से वंचित हैं।
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