बोले भागलपुर: अखाड़ा जुलूस के दौरान प्रशासन ट्रैफिक रूट डायवर्ट करे
भागलपुर सेन्ट्रल मुहर्रम कमेटी पिछले 19 वर्षों से समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा दे रही है। मुहर्रम के पर्व पर शांति के साथ त्योहार मनाने के लिए कमेटी प्रशासन से सहयोग की मांग कर रही है। सड़कों की...
भागलपुर सेन्ट्रल मुहर्रम कमेटी द्वारा पिछले 19 वर्षों से शहर की एकता और भाईचारा को मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस कारण किसी भी समुदाय के पर्व त्योहार में शांतिपूर्ण माहौल में आपसी सद्भाव के साथ त्योहार मनाया जाता था। समाज के लोगों की किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए कमेटी द्वारा संवाद स्थापित किया जाता है। मुहर्रम से पूर्व कमेटी के लोगों द्वारा समय-समय पर बैठक कर इसकी तैयारियों को लेकर चर्चा की जाती है। बात अगर मुहर्रम कमेटी की समस्याओं की करें, तो ऐसी कई समस्याएं हैं जिसे कई बार प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। सबसे बड़ी परेशानी है कि मुहर्रम के पूर्व सही समय पर अखाड़ा निकाले जाने को लेकर है। प्रशासन अखाड़ा जुलूस के दौरान ट्रैफिक रूट को डायवर्ट करे।
भागलपुर सेन्ट्रल मुहर्रम कमेटी के संयोजक डॉ. फारुक अली ने बताया कि बारिश होने पर मुहर्रम के समय किलाघाट इमामबाड़ा के पास जलजमाव की स्थिति बन जाती है। सड़क से गुजरने वाले या इमामबाड़ा पहुंचने वाले पैकरों को परेशानी होती है। इस कारण पैकर और जुलूस में शामिल होने वाले को चलने में परेशानी होती है। सड़क पर रोशनी की व्यवस्था नहीं रहने के कारण कारण मुहर्रम जुलूस और मेला के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साफ सफाई व्यवस्था, जर्जर सड़क, पेयजल की समस्या, के कारण भी उन लोगों को काफी परेशानी होती है। सबसे बड़ी परेशानी है कि मुहर्रम के पूर्व सही समय पर अखाड़ा निकाले जाने को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा लाइसेंस देने में अखाड़ा की संख्या को कम कर दिया जाता है। वर्ष 2017 में पुलिस प्रशासन के द्वारा 101 अखाड़ा को लाइसेंस निर्गत किया गया था, जबकि वर्ष 2024 में थाना द्वारा आवेदन देने के बाद अखाड़ा की संख्या कम कर 70 अखाड़ा को लाइसेंस दिया।
उन्होंने बताया कि इस्लामी कैलेंडर के अनुसार इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम पहला महीना होता है। थाना के पदाधिकारियों को चाहिए की मुहर्रम आने से पूर्व ही लाइसेंस को लेकर आवेदन जमा किया गया है। मुहर्रम की सातवीं तारीख की शाम पांच बजे से रात के नौ बजे तक, नवमी को सुबह नौ बजे से दिन के दो बजे तक, दशमी को सुबह नौ बजे से दिन के दो बजे तक और रात नौ बजे से सुबह चार बजे तक मुहर्रम जुलूस के दौरान ट्रैफिक रूट को डायवर्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि रूट डायवर्ट नहीं किए जाने से कई बार भीड़ और जाम के कारण स्थिति बिगड़ने लगती है, जिसके बाद प्रशासन द्वारा मुहर्रम कमेटी के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है, जो बाद में उन लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है।
भागलपुर में मुहर्रम कमेटी के प्रयासों के कारण यहां सिया समुदाय के द्वारा मुहर्रम का अखाड़ा आपसी सहमति से दूसरे दिन निकाला जाता है, जो भागलपुर के लिए बड़ी उपलब्घी मानी जाती है। तातारपुर से शाम पांच बजे के बाद बड़े वाहनों के गुजरने पर रोक लगनी चाहिए, जिससे मुहर्रम अखाड़ा जुलूस में किसी तरह से कोई व्यवधान या विवाद की स्थिति नहीं हो। इससे पैकरों को भी वाहनों से खतरा बना रहता है। सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के गठन के बाद भागलपुर में मुहर्रम जुलूस शांति सद्भाव और आपसी भाईचारे की मिसाल कायम करती आई है, जिसके लिए प्रशासन के साथ मुहर्रम कमेटी और सभी समुदाय के लोगों की अहम भूमिका रही है।
मुहर्रम की पांचवीं, सातवीं, नवमी और दशमी तारीख को अखाड़ा, फातिया और पहलाम के वक्त बिजली की आपूर्ति के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित होनी चाहिए। नाथनगर क्षेत्र में बड़ी आबादी निवास करती है, लेकिन नाथनगर, चंपानगर, सुभाष चौक समेत शाहजंगी जाने वाली जर्जर सड़क को मुहर्रम से पूर्व दुरुस्त कराया जाना चाहिए। जिससे अखाड़ा जुलूस के समय किसी तरह की परेशानी नहीं हो। बिजली के खुले तारों को अंडरग्राउंड करने के साथ साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो, जिससे बिना किसी परेशानी के मुहर्रम समेत सभी पर्व त्योहारों को आपसी सौहार्द के मनाया जा सके।
आपसी और समाजिक सौहार्द का प्रतीक है मुहर्रम अखाड़ा जुलूस
सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के संयोजक डॉ. फारुक अली ने बताया वर्ष 2006 में भागलपुर में आपसी सौहार्द के साथ मुहर्रम अखाड़ा जुलूस निकालने और सामाजिक सौहार्द को कायम रखने के लिए सेंट्रल मुहर्रम कमेटी का गठन किया गया था। बिना लाइसेंस के अखाड़ा जुलूस निकालने की अनुमति नहीं है। इसके लिए सभी अखाड़ों द्वारा थाना को आवेदन दिया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षो में पुलिस प्रशासन द्वारा कम अखाड़ा को लाइसेंस दिया जाता है। जुलूस के दौरान जगह-जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती के साथ उन्हें प्रभावी बनाने की जरूरत है। जिससे जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके। थाना में समाज के लोगों के साथ बैठक कर इसपर चर्चा कर अखाड़ा के लिए लाइसेंस जारी करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सेंट्रल मुहर्रम कमेटी भागलपुर की ओर से जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी को आवेदन देकर मुस्लिम स्कूल रेलवे समपार के पास रेलवे ओवरब्रिज बनाने को लेकर आवेदन दिया गया था, जिसके लिए सरकार द्वारा घोषणा कर सोएल टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जबकि इस आरओबी के निर्माण होने से मुहर्रम के दौरान आने वाले अखाड़ों को काफी सहूलियत होगी।
जुलूस के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त हो
सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के सह संयोजक महबूब आलम ने बताया कि मुहर्रम के दौरान अगर बारिश हो जाती है तो पैकरों के साथ अखाड़ा निकालने वालों को जलजमाव और जर्जर सड़क के कारण काफी परेशानी होती है। जुलूस मार्ग में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण मुहर्रम के दौरान मेला जाने वालों को दिक्कत होती है। पेयजल एवं साफ-सफाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं होने के कारण त्योहार में लोगों को परेशानी होती है। आगामी सात जून को बकरीद है और 6 जुलाई मुहर्रम की संभावित तारीख तय है। जिसको ध्यान में रखते हुए भागलपुर जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन को मुहर्रम के पहले ही जुलूस के रूट में जर्जर सड़क की मरम्मत, पेयजल की सुविधा, रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था, जलजमाव की समस्या का समाधान किया जाना अनिवार्य है। जिससे त्योहार के दौरान किसी तरह से दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही बताया कि भागलपुर में सेंट्रल मुहर्रम कमेटी, जिला शांति समिति और प्रशासन के प्रयासों के कारण जूलूस के दौरान किसी तरह की समस्या नहीं होना आपसी सोहार्द की मिसाल पेश करता है।
मुहर्रम जुलूस में भी हो पर्याप्त प्रशासनिक इंतजाम
सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के कार्यकारी संयोजक वर्दी खान ने बताया कि कोई भी त्योहार किसी एक समुदाय का नहीं होता है, बल्कि इसमें आपसी समन्वय स्थापित कर सभी एक-दूसरे के सहयोगी बनते हैं। भागलपुर में अन्य पूजा पर्व और त्योहारों के वक्त निकाले जाने वाले शोभायात्रा और जुलूस की तरह मुहर्रम के जुलूस एवं आयोजनों में भी पर्याप्त प्रशासनिक इंतजाम होना चाहिए। यातायात की जटिल समस्या के साथ सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सरकार और प्रशासनिक महकमों की ओर से प्रयास किया जाना चाहिए। जिससे बिना किसी व्यवधान के आपसी सौहार्द के माहौल में मुहर्रम संपन्न कराया जा सके। सराय किलाघाट ईदगाह मैदान में अखाड़ों की काफी भीड़ होती है। जिसको देखते हुए जिला और पुलिस प्रशासन की ओर से अधिक तादाद में पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों की तैनाती की जानी चाहिए। जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और त्योहार में कोई खलल नहीं पड़े। समय के साथ आबादी बढ़ रही है, जिसे देखते हुए अधिक अखाड़ा को जांच के साथ लाइसेंस निर्गत किया जाना चाहिए।
इमामबाड़ा के सौन्दर्यीकरण के लिए वक्फ बोर्ड से मिले फंड
भागलपुर सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के सह संयोजक मो. जिमी हमीदी ने बताया कि मुहर्रम को लेकर समस्या समाधान के लिए थाना स्तर पर त्योहार से 10 दिन पूर्व ही बैठक और तैयारियां शुरू करनी चाहिए। जिससे मुहर्रम पर किसी तरह की अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। वक्फ बोर्ड की ओर से इमामबाड़ा के रखरखाव और सौन्दर्यीकरण के लिए फंड जारी किया जाना चाहिए। जिससे वहां आने वाले को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। सेंट्रल मुहर्रम कमेटी जुलूस की निगरानी करते हुए भागलपुर की जनता की सुरक्षा और शांतिपूर्ण वातावरण में मुहर्रम संपन्न कराने के लिए प्रशासन की मदद करती है। इसको देखते हुए सरकार और प्रशासन के द्वारा उन सभी द्वारा मिलने वाली किसी प्रकार की सूचना या सुझाव को संजीदगी से लेने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जब कभी भी कोई अखाड़ा निकलता है तो उस क्षेत्र के थाना की पुलिस को पहलाम होने तक साथ में रहना चाहिए। जिससे कहीं भी किसी प्रकार से विवाद या कोई समस्या खड़ी न हो। पैकर जाने वाले रूट पर बड़े वाहनों के प्रवेश पर तत्काल रोक होनी चाहिए। इससे पैकरों को कोई खतरा न हो।
इनकी भी सुनिए
नाथनगर चंपानगर पश्चिमी जोन में बड़ी तादाद में मुस्लिम आबादी रहती है। मुहर्रम के समय में नाथनगर चंपानदी पुल से नेताजी सुभाष चौक तक मुख्य सड़क में जाम लगा रहता है। इसी सड़क से लाखों की संख्या में अखाड़ा में शामिल लोग पहलाम के लिए शाहजंगी कर्बला मैदान पहुंचते हैं। इस समस्या का समाधान होना चाहिए।
-शाने अब्दुल करीम अंसारी
मुहर्रम में बड़ा मेला लगता है और इसके लिए जिला प्रशासन से सहयोग भी मिलता है। लेकिन किलाघाट में अखाड़ा पहुंचने के समय पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती है। मुहर्रम की पांचवीं तारीख को पहला मेला लगता है। इसको देखते हुए मुहर्रम की दसवीं तारीख तक अखाड़ा जुलूस के समय पर निर्बाध बिजली आपूर्ति होनी चाहिए।
-मो. मेराजुल
मुहर्रम का जब काफी कम दिन बचता है तब जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा बैठक की जाती है। इस कारण समय पर तैयारी पूरी नहीं हो पाती है। मुहर्रम का चांद होने के साथ ही थाना स्तर पर बैठक शुरू हो जानी चाहिए, जिससे समय पर सारी तैयारी पूरी हो सके। मुहर्रम कमेटी और जिला प्रशासन के प्रयास से आपसी सद्भाव बना रहे।
-मो. जुम्मन अंसारी
बड़ी इमामबाड़ा कोतवाली के पास अतिक्रमण होने से परेशानी होती है, इसे स्थाई रूप से हटाने की जरूरत है। इमामबाड़ा के पास पानी जमने के कारण परेशानी होती है, वहां पक्कीकरण कराया जाना चाहिए। किसी पर्व त्योहार, शोभायात्रा और जुलूस के दौरान बिजली नहीं काटना पड़े, इसके लिए बिजली की व्यवस्था अंडरग्राउंड होनी चाहिए। मुस्लिम स्कूल आरओबी के पास मुहर्रम के पहले मिट्टी जांच का काम पूरा हो जाना चाहिए।
-मो. तकी अहमद जावेद
मुहर्रम में सभी अखाड़ा शाहजंगी कर्बला मैदान पहुंचता है। लेकिन मुस्लिम स्कूल से पंखाटोली चौक तक और जरलाही से मोहद्दीपुर चौक तक सड़क जर्जर अवस्था में है। इसे जल्द ठीक कराया जाय। मुहर्रम में पहलाम के लिए जाते वक्त कोई हादसा न हो, इसके लिए सभी खलीफा को बकरीद के बाद ही लाइसेंस के लिए आवेदन कर देना चाहिए।
-सैयद जियाउल हक
जिला प्रशासन को सबसे अधिक ध्यान मुहर्रम के दौरान यातायात व्यवस्था बेहतर करने पर देना होगा। मुहर्रम अखाड़ा और पहलाम के समय तक इमरजेंसी सेवा को छोड़कर सभी तरह के वाहन रूट को डायवर्ट किया जाना चाहिए। जिससे अनावश्यक विवाद और परेशानी की स्थिति से बचा जा सके।
-मो. इम्तियाज हक
मुहर्रम में नरगा, साहेबगंज, हसनाबाद और मिर्गियासचक अखाड़ा परबत्ती काली मंदिर के सामने से होकर निकलता है, जहां सामाजिक सौहार्द की झलक दिखाई देती है। यह वातावरण आगे भी बना रहे, इसके लिए मंदिर के पास से इस चारों अखाड़ा के गुजरते समय भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती होनी चाहिए।
-नेजाहत अंसारी
मुहर्रम में मेला लगने वाली जगह पर अधिक संख्या में महिला पुलिस की तैनाती होनी चाहिए, जिससे महिलाओं को सहूलियत हो। आपात स्थिति से बचाने के लिए फायर ब्रिगेड और डॉक्टर के साथ व्यवस्थित एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित हो। मेला मैदान के आसपास साफ-सफाई के साथ मेडिकल टीम की व्यवस्था होनी चाहिए।
-मिंटू कलाकार
तातारपुर मुस्लिम स्कूल के समीप मुहर्रम का अखाड़ा पार करते समय रेलवे समपार के पास ट्रेनों के आवागमन के कारण काफी समय लग जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे समपार पर आरओबी का निर्माण कार्य जल्द होना चाहिए। इससे अखाड़ा जुलूस के साथ आम लोगों को भी सहूलियत होगी।
-मो. काबुल
मुहर्रम की तैयारी से जुड़े समस्या समाधान को लेकर स्थानीय स्तर पर थाना में बैठक होती है। सभी अखाड़ा के लाइसेंस के लिए दस लोगों का आधार कार्ड जमा करने का नियम है। जिससे कई अखाड़ा वालों को परेशानी होती है। आधार कार्ड जमा करने के लिए संख्या की बाध्यता नहीं होनी चाहिए।
-तवारक अंसारी
भागलपुर नगर निगम एवं जिला प्रशासन कई बार शांति समिति और मुहर्रम कमेटी की बातों को दरकिनार कर देती है। जिससे कई बार बाद में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शांति समिति और मुहर्रम कमेटी के सदस्य प्रशासन और लोगों के बीच की कड़ी का काम करते हैं। इनकी बातों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
-मो. बंटी अंसारी
मुहर्रम जुलूस के दौरान शहर की बिजली काट देने के कारण विशेषकर गर्मी के दिनों में लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है। ट्रैफिक जाम भी गंभीर समस्या है। इसके समाधान के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे इस परेशानी से सभी को राहत मिल सके।
-मो. जाकिर
शिकायतें
1.पैकरों के गुजरने वाले मार्ग पर बड़े वाहनों के आवागमन से हमेशा किसी दुर्घटना या विवाद की आशंका बनी रहती है।
2. मुहर्रम जुलूस के दौरान शहर की बिजली घंटों काट दी जाती है, इससे आम लोगों के साथ व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ता है।
3. मुहर्रम जुलूस के रूट पर कई जगहों पर जर्जर सड़क के कारण जाम के साथ दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, जिससे कई बार माहौल बिगड़ जाता है।
4. पुलिस प्रशासन द्वारा अंतिम समय में मुहर्रम कमेटी और शांति समिति के साथ बैठक करने से अक्सर मुहर्रम की तारीख तक तैयारी पूरी नहीं हो पाती है।
5. जर्जर सड़क पर पैकरों को चलने में परेशानी होती है, जिस जगह पर गड्ढे में पानी जमा हो जाता है वहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
सुझाव
1.मुहर्रम अखाड़ा गुजरने और पहलाम के रूट पर जर्जर सड़क को समय से पहले दुरुस्त किया जाय, जिससे पैकरों के साथ अखाड़ा और मेला में शामिल होने वालों को परेशानी नहीं हो।
2. मुहर्रम के दौरान अखाड़ा गुजरने वाले सभी रूट पर यातायात को व्यवस्थित करना चाहिए, जिससे पैकरों के साथ मेला जाने वालों को सहूलियत होगी।
3. मुहर्रम में नरगा, साहेबगंज, हसनाबाद और मिर्गियासचक अखाड़ा परबत्ती काली मंदिर के सामने से गुजरते वक्त भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती होनी चाहिए।
4. सभी अखाड़ा निकलते वक्त उस क्षेत्र के थाना की पुलिस को पहलाम होने तक साथ में रहना चाहिए, जिससे कहीं भी किसी प्रकार से विवाद या कोई समस्या खड़ी नहीं हो।
5. मुहर्रम अखाड़ा जुलूस के दौरान जगह-जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती के साथ उन्हें प्रभावी बनाने की जरूरत है, इससे जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सकेगा।
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