स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ेगा बीएयू
विशेष उत्पाद की गुणवत्ता, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, निर्यात के लिए तैयार होगी रणनीति बीएयू के वैज्ञानिक

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) को नीति आयोग ने पूर्वी भारत के कृषि विकास पर काम करने सहित अन्य जिम्मेदारी दी है। इसी के मद्देनजर बीएयू बिहार सहित झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कृषि विकास के लिए रणनीति बनाने में जुट गया है। इसी कड़ी में स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने की कवायद चल रही है, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा हो सके। कुलपति प्रो. दुनिया राम सिंह ने इसके लिए संबंधित विभागों को जिम्मेदारी दी है।
कुलपति ने कहा कि कृषि से किसान भाइयों के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करनी है। जलवायु परिवर्तन के कारण किसानी में चुनौतियां बढ़ गई हैं। इसे लेकर अब योजना के तहत जो राज्य शामिल हैं, वहां के उत्पादों की जानकारी ली जाएगी। स्थानीय स्तर पर कृषि उत्पादन के बारे में सूची तैयार की जाएगी। जो उत्पाद राज्यों के जलवायु में होते हैं, उस पर बीएयू के वैज्ञानिक काम करेंगे। संबंधित क्षेत्रों में अन्य फसलों के विकल्प को तलाशा जाएगा, ताकि राज्य के किसानों को कृषि में ज्यादा फसलों की संभावना दिखे।
वैज्ञानिकों की टीम ने काम करना किया शुरू
बीएयू के वैज्ञानिक ने बताया कि विवि का फोकस विशेष रूप से उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और निर्यात पर होगी, ताकि किसान भाई जब उत्पादन करें तो उन्हें बाजार के लिए सोचना न पड़े। बीएयू निर्यात सुविधा केंद्र पर काम कर रहा है, जहां से किसानों को फसल या उससे तैयार उत्पादों को बाजार मिलने में दिक्कत न हो। इसके लिए कुलपति के निर्देश पर एक्सपर्ट की टीम ने काम करना शुरू कर दिया है। इसे लेकर बीएयू के अन्य केवीके को भी विकास की योजना के लिए जिम्मेदारी मिलेगी।
कोट
पूर्वोदय योजना के लिए बीएयू को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसे लेकर योजना के अंतर्गत आने वाले राज्यों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है।
प्रो. दुनिया राम सिंह, कुलपति, बीएयू
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