सनातन धर्म में सत्तू का भी है महत्व : आगमानंद
भागलपुर के सुरखीकल में बिसुआ पर्व, आर्यभट्ट, डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती और पंडित राहुल सांकृत्यायन की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी आयोजित की गई। स्वामी आगमानंद जी ने ऋतुओं के अनुसार आहार के महत्व पर प्रकाश...

भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। तिलकामांझी के सुरखीकल में सोमवार को बिसुआ पर्व, महान गणितज्ञ आर्यभट्ट, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती और पंडित राहुल सांकृत्यायन की पुण्यतिथि के मौके पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन स्वामी आगमानंद जी के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। अध्यक्षता डा. वीरेन्द्र शर्मा ने की जबकि पंडित ज्योतिन्द्रनाथ, गीतकार राजकुमार और कुंदन बाबा मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन थे। स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म में ऋतुओं के अनुसार आहार का विशेष महत्व है। बिसुआ पर्व से सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है और गर्मी का आरंभ होता है। इस मौसम में सत्तू का सेवन शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। कार्यक्रम के अंत में सत्तू व खीर का प्रसाद वितरित किया गया।
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