बोले पूर्णिया : दर्जा नगर पंचायत का, सुविधा ग्राम पंचायत की भी नहीं मिली
पूर्णिया जिले की चंपानगर नगर पंचायत, जो प्राचीन राजघराने का क्षेत्र है, विकास की समस्याओं का सामना कर रही है। यहाँ की जनसंख्या 15,000 से अधिक है, लेकिन आधारभूत सुविधाओं की कमी है। बारिश के समय जलजमाव,...
पूर्णिया जिले की कुल आठ नगर पंचायतों में से चंपानगर नगर पंचायत काफी महत्वपूर्ण है। ऐसा इसलिए कि चंपानगर प्राचीन काल से राजघराने का इलाका रहा है। यह इलाका इतिहास के पन्नों को सुशोभित कर रहा है। जिले में आठ नगर पंचायत क्रमशः रुपौली, भवानीपुर, धमदाहा, मीरगंज अमौर, बायसी, चंपानगर और जानकीनगर में है। सरकारी निर्देशानुसार इन नगर पंचायत में काम भी शुरू हो गया है। हालांकि अभी सब नगर पंचायत नए हैं तो विकास कार्यों को समझ कर आगे बढ़ाया जा रहा है। इनमें से चंपानगर नगर-पंचायत का क्षेत्र विस्तार लगभग 4 हजार एकड़ में है। यहां 13 वार्ड हैं। इसमें 15 हजार से अधिक आबादी है। नगर पंचायत बनने के बाद भी यहां बरसात के समय जलजमाव की पुरानी समस्या बरकरार है और शुद्ध पेयजल की भी समस्या शुरुआती दौर से बनी हुई है। बोले पूर्णिया संवाद के दौरान स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या बताई।
15 हजार से अधिक है चंपानगर नगर-पंचायत की जनसंख्या
13 वार्डों का है चंपानगर नगर-पंचायत का क्षेत्र
04 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में है नगर पंचायत का विस्तार
समय बदला, जनप्रतिनिधि बदले पर नहीं बदली तो चम्पानगर नगर-पंचायत की तस्वीर। नव गठित नगर पंचायत चम्पानगर के लोग अभी भी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। न तो अच्छी सड़क, न नाली, न रोशनी, न स्वच्छता की सुविधा उपलब्ध है। आरटीपीएस काउंटर रहने के बाबजूद बंद रहने कारण लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तथा अन्य कागजात बनाने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। नगर पंचायत के गठन के बाद अब आम लोगों के लिए कुछ जरूरी कागजातों को नगर पंचायत के माध्यम से ही बनना है। परन्तु नगर पंचायत कार्यालय व्यवस्थित नहीं होने के कारण जरूरी कागजात ना तो नगर पंचायत में बन पाता है और न ही प्रखंड कार्यालय में। नगर पंचायत चम्पानगर का गठन होना करीब चार वर्ष से भी अधिक हो गया है परन्तु अब तक आरटीपीएस काउंटर नहीं खोला गया है।
टैक्स बढ़ा दिया, सुविधा नहीं मिली :
नगर पंचायत निवासी बताते हैं कि नगर पंचायत के गठन बाद बिजली बिल, जमीन का निबंधन एवं कई तरह के टैक्स को बढ़ा दिया गया है। अन्य कई टैक्स लगाने की तैयारी चल रही है। चुनाव के बाद बोर्ड का गठन होना दो वर्ष से अधिक बीत गया है परन्तु जिस गति से विकास होना चाहिए उस गति से विकास के कार्य नहीं किए जा रहे हैं। जबकि चम्पानगर को नगर-पंचायत बनाए जाने के समय अधिकारियों ने लोगों को कहा था कि नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद यहां शहर जैसी सुविधा उपलब्ध होगी। पूरा पंचायत क्षेत्र दुधिया रोशनी से जगमगाएगा। छूटे हुए घरों में शौचालय का निर्माण करा दिया जाएगा। आवास योजना के तहत अधिक से अधिक बीपीएल परिवारों को आवास निर्माण के साथ अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। वहीं लोगों ने यह भी जानकारी दी है कि नगर पंचायत चम्पानगर स्थित कोहवारा मौजा में 4 हजार एकड़ से अधिक जमीन है। परन्तु राजस्व कर्मचारी के स्थाई रूप से नहीं बैठने पर दाखिल खारिज या अन्य काम कराने के लिए अंचल का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
नहीं हुआ ऑटो पड़ाव का निर्माण :
चंपानगर स्थित नगर पंचायत बनने के बाद भी अब तक टेम्पु पड़ाव का निर्माण नहीं किया गया है, जबकि प्रत्येक वर्ष नगर पंचायत को आटो बेरियर के नाम पर डाक द्बारा लाखों रुपए राजस्व के रूप में प्राप्त होता है। आज तक कचरा प्रबंधन के लिए डंपिंग का निर्माण नहीं कराया गया है। जिससे कारी कोशी नदी के समीप चम्पानगर श्रीनगर जाने वाली सड़क के किनारे गंदगी की अंबार लगी हुई है और आवाजाही करने वाले लोगों को दुर्गन्ध का सामना करना पड़ता है। बाजार और चौक चौराहे को छोड़कर शेष गाँव मुहल्ले में सफाई नही हो रही है और न ही कचरा उठाया जा रहा है। जिसका उदाहरण वार्ड संख्या- 13 स्थित सहनी टोल चरैया रहिका है और सहनी टोल स्थित महादलित समुदाय की बस्ती है। यह बस्ती अभी भी बिजली, पानी, सडक तथा जमीन नहीं रहने के कारण आवास योजना आदि मूलभूत सुविधा से वंचित है। नगर पंचायत के स्वच्छता कार्य में शामिल 26 लोगों ने 78 सौ रुपये मिलने वाले मानदेय बढोतरी एवं अन्य मांग को लेकर संवेदक अरुण साह के विरुद्ध अनिश्चित कालीन हड़ताल की थी। स्वच्छता कर्मी आज भी इस सवाल पर अड़े हुए हैं। इस संबंध में जगदेव स्वयं सेवी संस्था के संवेदक अरुण साह ने बताया कि सभी वार्ड पार्षद के अगुवाई में सभी वार्ड में स्वच्छता का कार्य कराया जाता है तथा स्वच्छता कर्मी को डेली वेज पर मजदूरी भुगतान किया जाता है।
शिकायत :
1. जल नल की योजना हो गई है धराशाई
2. उदासीनता के कारण शुद्ध पेयजल नहीं मिलता
3. टैक्स लेते हैं लेकिन सुविधा नहीं देते
4. गंदगी की भी रहती है समस्या
5. क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी की भी रहती है कमी
सुझाव :
1. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो
2. नल जल योजना में सुधार हो
3. टैक्स लें तो वाजिब सुविधा दें
4. क्षेत्र में पर्याप्त स्ट्रीट लाइट लगे
5. जलनिकासी की अच्छी व्यवस्था हो
हमारी भी सुनें :
1. चम्पानगर बाजार में शुद्ब पेयजल, शौचालय और यूरिनल का अभाव है। साथ ही बरसात के मौसम में बाजार परिसर में जलजमाव की समस्या से निजात की जरूरत है। नहीं तो दिक्कत होगी।
नीरज कामती
2. नगर पंचायत बनने के बाद भी टैम्पू स्टैंड का निर्माण नहीं हो पाया है। जबकि प्रति वर्ष टैम्पू स्टैंड का डाक लाखों में होता है। अब जनसंख्या भी बढ़ रही है और ऑटो टोटो की संख्या भी बढ़ रही है।
बद्री साह
3. टैम्पू स्टैंड नहीं रहने से जाम की समस्या बनी रहती है। कहीं से कहीं रोड पर ही ऑटो टोटो को खड़ा कर दिया जाता है, जिससे आम लोग परेशान होते हैं। जल्द से जल्द निर्माण हो।
राहुल श्रीवास्तव
4 आज तक नगर पंचायत बनने से कोई लाभ नहीं मिला। आज तक कोई सफाई कर्मचारी नहीं आया है। अभी तक हम सब मूलभूत सुविधाओं से पीछे है। इससे तो अच्छा ग्राम पंचायत ही था।
गुरुदेव सहनी
5. नगर पंचायत बनने से कोई फायदा नही हुआ है। बच्चों को 1 किमी दूर आंगनबाड़ी जाना पड़ता है। नगर पंचायत क्षेत्र में ही आंगनवाड़ी एवं अन्य सुविधा बहाल हो ताकि सहूलियत हो।
कीमती देवी
6. हमलोगों को आवास योजना का लाभ अबतक नहीं मिला है। जहां हमलोग रह रहें हैं वहां का भी अबतक पर्चा निर्गत नहीं हो सका है। हम लोगों को जिंदगी बोझ सी लगने लगी है।
ढालो ऋषि
7. तीन साल होने को चला, आज तक कोई सफाई कर्मचारी यहां नहीं आया। हमलोग गंदगी में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लगता है हम लोगों को देखने सुनने वाला कोई है ही नहीं।
मनोज ऋषि
8. चंपानगर को नगर पंचायत बनने से बिजली बिल में इजाफा तो हुआ लेकिन सुविधा नदारद है। स्ट्रीट लाइट और वेपर लाइट की कमी है। नगर पंचायत की सुविधा दिखती ही नहीं है।
छुतहरू ऋषि
9. नगर पंचायत बनने से हमलोगों को कोई सुविधा नहीं मिल पाया। पीने के लिए शुद्ध पेयजल और सामुदायिक शौचालय का भी अभाव है जिसके कारण हम लोगों की जिंदगी आज भी बर्बर है।
जमुना देवी
10. हम गरीब को देखने वाला कोई नहीं है। मुख्य पार्षद से लेकर अधिकारी तक हमारी भावना से अनभिज्ञ है। हमें मौलिक सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। हमारे आर्थिक उत्थान के लिए सोचा नहीं जा रहा है।
योगेंद्र ऋषि
11. आज तक एक पक्की सड़क नहीं मिल पाया है। कोई समझे या ना समझे, कम से कम हमारी समस्याओं पर मुख्य पार्षद को गौर करना चाहिए और हमें भी पक्की रोड पर चलने का मौका देना चाहिए।
सदानंद ऋषि
12. जमीन के अभाव में आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया। न ही इस दिशा में किसी जनप्रतिनिधि ने पहल की। लगता है हम लोग यहां के निवासी ही नहीं है। हम लोग चिंतित रहते हैं।
तिलकी देवी
13. साफ सफाई के नाम पर खर्च होता है लेकिन इसकी सुविधा हम लोगों को नहीं मिल पाती है जिसके कारण हम लोग परेशान हैं। लोगों के टैक्स से ही सफाई का काम होता है और लोगों को ही सुविधा नहीं मिलती। गजब हाल है।
सकीया देवी
14. आज तक नगर पंचायत से मिलने वाली सरकारी लाभ नहीं मिल पाया। लोगों की सिर्फ जमीन की समस्या समाप्त हो जाए तो बड़ा कल्याण होगा इसमें जनप्रतिनिधियों को दिलचस्पी लेना होगा।
रीता देवी
15. नगर पंचायत से मिलने वाली कोई भी सुविधा हम लोग को नहीं मिल पाई है। पूरे चंपानगर नगर पंचायत में बिजली, शुद्ध पेयजल, पक्की रोड और आवास ही मुद्दा बना हुआ है।
चंपा देवी
16. नगर पंचायत के जनप्रतिनिधि उदासीन जैसे दिखते हैं। अगर छोटे बड़े सभी जनप्रतिनिधि क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय हो जाए तो चंपा नगर का नगर पंचायत झिलमिल उठेगा।
उणा देवी
बोले जिम्मेदार :
1. जगदेव स्वयंसेवी संस्था को स्वच्छता के लिए प्रति वार्ड 1 लाख 10 हजार दिया जाता है। आवास योजना के लिए प्रथम फेज में 426 लाभुकों के लिए सूची भेजी गई है तथा कचरा प्रबंधन और सम्राट अशोक भवन निर्माण के लिए केनगर अंचलाधिकारी को पत्राचार किया जा चुका है। नव गठित नगर पंचायत होने के बाद सरकारी नियमानुसार विकास कार्य निरंतर जारी है।
-मनीषा कुमारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत चम्पानगर
2. नगर पंचायत बनने के बाद क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हुआ है। विकास कार्य निरंतर होता रहेगा। इसके लिए कार्य का चयन किया जा रहा है और जरूरी कार्यों को प्राथमिकता की सूची में रखा जा रहा है। अंचल और नगर पंचायत के चक्कर में यदि जमीन का काम नहीं हो रहा है तो उस पर भी प्रशासनिक स्तर से समाधान के प्रयास करवाए जाएंगे।
-मधु देवी, मुख्य पार्षद, नगर पंचायत चंपानगर
बोले पूर्णिया असर
गर्मी में सुबह 6 से 11 और शाम में 3 से 6:30 तक काम करेंगे श्रमिक
पूर्णिया। 10 अप्रैल को 'गर्मी से सूख रहे लोगों के हलक, चौक-चौराहों पर बनाएं प्याऊ' शीर्षक से बोले पूर्णिया पेज पर प्याऊ से संबंधित सामुदायिक समस्या पर खबर छपी थी। गर्मी से लोगों के अस्त-व्यस्त होने की भी बात छपी थी। धूप और गर्मी में मजदूर-मंडी में श्रमिकों के कई घंटे तक खड़े रहने से संबंधित मामला छपा था। खबर छपने के बाद श्रम संसाधन विभाग ने विभिन्न नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों को भीषण गर्मी एवं लू से बचाव हेतु खास एडवाइजरी जारी कर दिया। सभी निर्माणकर्ताओं, नियोजकों, प्रबंधकों को अपने प्रतिष्ठान में कार्यरत श्रमिकों को लू से बचाव हेतु विभागीय सुझाव जारी कर दिए गए। पूर्णिया के श्रम अधीक्षक जगन्नाथ पासवान ने बताया कि एडवाइजरी के मुताबिक श्रमिकों के कार्य अवधि को लचीला अर्थात कार्य शैली को लचीला करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि श्रमिकों से सुबह 6.00 बजे से 11. 00 बजे एवं 3.00 बजे से 6.30 बजे तक काम करवाना है। सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी श्रमिकों के बीच जागरूकता कैम्प लगा कर सभी को जागरूक करेंगे, ताकि वे सभी भीषण गर्मी एवं लू से अपने आप को बचाया सके। कार्य स्थल पर पेय जल की व्यवस्था तथा लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रखनी है। खुले में काम करने वाले अथवा भवन बनाने वाले तथा कल-कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए पेयजल के साथ-साथ आईस पैड की व्यवस्था और निहायत रूप से शेड की भी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगें। इतना ही नहीं कार्य स्थल पर श्रमिकों के लिए पेय जल, विश्राम गृह, शौचालय एवं मूत्रालय इत्यादि की व्यवस्था करेंगे। श्रम अधीक्षक ने बताया कि जिले के सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि उपरोक्त एडवाइजरी को सख्ती से लागू करवाना है। इधर इस एडवाइजरी को लेकर मजदूर संघ के कई नेताओं ने हिंदुस्तान अखबार के बोले पूर्णिया के अभियान की सराहना की है। श्रमिक संगठन के नेता दिनेश कुमार दास और मणि कुमार ने श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता के लिए सारा क्रेडिट हिन्दुस्तान अखबार को दिया है और कहा है कि जिस तरह से हिन्दुस्तान अखबार जमीनी समस्या को उठा रहा है, इससे पूर्णिया के लोगों को काफी फायदा हो रहा है।
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