सुपौल: इलाज के दौरान रसोइया की मौत, विरोध में सड़क जाम
छातापुर। एक प्रतिनिधि। प्रखंड के सोहटा पंचायत स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय गिरधरपट्टी में एमडीएम

छातापुर। एक प्रतिनिधि। प्रखंड के सोहटा पंचायत स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय गिरधरपट्टी में एमडीएम बनाने के दौरान झुलसकर जख्मी रसोईया की मौत हो गई। पांच अप्रैल को हुई घटना के बाद रसोईया का मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा था। जहां उपचार के दौरान रविवार की सुवह उसने दम तोड़ दिया
मृतका रसोईया 42 वर्षीय अमला देवी गिरधरपट्टी आदिवासी टोला निवासी धर्मदेव उरांव की पत्नी है, इधर रसोईया की मौत की जानकारी मिलते है आदिवासी टोला एवं आसपास के सैकडों लोग विद्यालय पहुंच गये। विद्यालय के सामने चुन्नी सोहटा मुख्य पथ को जाम कर आवागमन बाधित कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। एंबुलेंस पर लदे शव के साथ जाम व प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोग विद्यालय प्रबंधन पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते मृतका के आश्रितों को समुचित मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। जाम की सूचना के बाद छातापुर एवं राजेश्वरी थाना के अलावे डायल 112 की पुलिस मौके पर पहुंची। जहां एएसएचओ मो साहिद सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने परिजनों से मौत के संदर्भ में जानकारी ली। उन्होने वरीय अधिकारियों से बात कर विभागीय प्रावधान के तहत समुचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया, आश्वासन के बाद शव को पोस्टमार्टम में भेजकर करीब तीन घंटे से बाधित आवागमन को बहाल कराया जा सका, मृतका के पति एवं महिला परिजनों ने बताया कि एमडीएम बनाने के लिए गैस चुल्हा जलाने के दौरान अमला देवी के वस्त्र में आग लग गई, गंभीर रूप से झुलसने के बाद उसे पहले सीएचसी छातापुर फिर सदर अस्पताल सुपौल ले जाया गया, नाजुक स्थिती को देखते हुए उसका इलाज मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में चल रहा था, बताया कि विभाग या विद्यालय प्रबंधन की ओर से उचित इलाज नहीं करवाये जाने के कारण उसकी मौत हुई है, मृतका के चार संतान हैं जिसमें एक शादीसुदा पुत्री पुनम देवी के अलावे 12 वर्षीया पुष्पा कुमारी, 10 वर्षिया करिश्मा कुमारी और आठ वर्ष का पुत्र उमेश कुमार है, बताया कि पुलिस प्रशासन के द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने, मृतका के आश्रितों को चार लाख का मुआवजा देने तथा बच्चों के बालिग होने तक पढाई व भरण पोषण के लिए प्रत्येक माह आर्थिक सहयोग का आश्वासन दिया गया है
कहते हैं विद्यालय के प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश कुमार ने बताया कि रसोईया के उपचार में किसी प्रकार की कोताही नहीं की गई, दुख की घडी में विद्यालय परिवार की संवेदना मृतका के परिजनों के साथ है, इस संदर्भ में डीपीएम से बात हुई है, विभागीय प्रावधान के तहत मृतका के परिजनों को चार लाख रूपये का अनुदान, वहीं उसके दो बच्चों को बालिग होने तक बाल सुरक्षा योजना के तहत प्रति माह चार चार हजार रूपया मिलेगा, मृतका के पति यदि चाहे तो उन्हे रसोईया की नौकरी भी दिलवाई जायेगी
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